पटना: पूरे राज्य में चमकी बुखार से अब तक 148 बच्चों की मौत हो चुकी है. सैकड़ों बच्चे जिंदगी और मौत के बीच जंग लड़ रहे हैं. इधर सरकार भी अपनी तरह से उपचार के उपाय ढ़ूंढने में लगी हुई है.
बिहार में चमकी का कहर बढ़ता ही जा रहा है. डॉक्टरों की टीम इस रहस्यमयी बीमारी का पता लगाने में लगातार जुटी हुई है. इस भायनक बीमारी के लक्षण और इससे बचाव के बारे में दिल्ली साकेत के मैक्स हॉस्पिटल की प्रिंसिपल कंसल्टेंट डॉ. एसके अरोड़ा ने विस्तृत जानकारी दी है.
नहीं है कोई स्पेसिफिक ट्रीटमेंट
डॉ. एसके अरोड़ा ने बताया कि चमकी बुखार एक दिमागी बुखार है. इसका कोई क्योर नहीं है. डॉक्टर के अनुसार ये बीमारी ज्यादातर वायरस के कारण होती है और इसके लिए ज्यादा कोई स्पेसिफिक ट्रीटमेंट नहीं है. इसे कंट्रोल करने के लिए बच्चे को जरूरी है की टाइम टू टाइम ग्लूकोज देते रहे.
सही समय पर कराएं इलाज
डॉक्टर ने बताया कि अगर बच्चे में चमकी बुखार का एक भी लक्षण पाया जाता है तो उसमें सबसे जरूरी चीज है कि उसे बिना किसी देरी के अस्पताल में भर्ती कराया जाए तभी उसे बचाया जा सकता है.
क्या हैं लक्षण:
- लगातार तेज बुखार आना
- बदन में ऐंठन होना
- दांत पर दांत दबाए रहना
- कमजोरी लगना
- कमजोरी की वजह से बेहोशी आना
- शरीर में किसी तरह की गतिविधियां न होना
क्या हैं बचाव के उपाए:
- जैपीनीज एनसेफलाइटीस की वैक्सीन: एसे एरिया में रहने वाले बच्चे को ये वैक्सीन दे सकते हैं.
- मच्छरों से बच कर रहें. ऐसी बीमारियां मस्क्योटो बाइट से ये ज्यादा फैलती हैं.
- बच्चों को उन जगहों पर न जाने दें, जहां पक्षियां और सूअर रहते हैं.
- अपने घर और आसपास की जगहों को साफ-सूथरा रखें.
- खाना खाने से पहले और बाद में साबून से हाथ जरूर धोएं.
- बच्चों को थोड़ी-थोड़ी देर में तरल पदार्थ देते रहें ताकि उनके शरीर में पानी की कमी न हो.
- बच्चों के शरीर में ग्लूकोज की कमी न होने दें.