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बिजली के अभाव में दम तोड़ रही किशनगंज की एकमात्र सरकारी चाय फैक्ट्री

किशनगंज की एक मात्र सरकारी चाय फैक्ट्री बिजली के अभाव में बंद पड़ी है. यहां काम करने वाले 80 मजदूर बेरोजगार हो गए हैं. जबकि किसान प्राइवेट फैक्ट्री में कम दाम पर हरे पत्ते बेच रहे हैं.

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Published : Jun 22, 2019, 1:29 PM IST

चाय फैक्ट्री

किशनगंज: बिहार सरकार सूबे में उद्योग का जाल बिछाने के लिए प्रयासरत है. सरकार किसानों को इसके जरिए आर्थिक आजादी दिलाने की भी बात कहती है. जबकि जिले में जमीनी हकीकत कुछ और ही है. जिले का एकमात्र सरकारी चाय फैक्ट्री बिजली के अभाव में दम तोड़ रहा है.

जिले में बिहार सरकार ने टी प्रोसेसिंग प्लांट की शुरूआत की थी. इससे चाय की खेती में लगे किसानों को फायदा भी मिला. लेकिन बिजली आपूर्ति की समस्या के कारण किसान और मजदूर फिर बेरोजगार हो गए हैं. वर्त्तमान में यहां के 80 मजदूर बेरोजगार हो गए हैं.

kishanganj
चाय की हरी पत्ती

बिजली के कारण उद्योग धंधे ठप
बिजली को लेकर जिले में सीएम के दावे फेल होते दिख रहा हैं. बारिश के समय ग्रामीण क्षेत्रों के छोटे-बड़े सभी उद्योग धंधे ठप पड़ जाते हैं. चाय फैक्ट्री में 12 जून से ही बिजली आपूर्ति पूरी तरह बाधित है. आलाधिकारियों को सूचना देने के बावजूद बिजली नदारद है. इस कारण फैक्ट्री बंद पड़ी है. फैक्ट्री बंद होने की वजह से किसान चाय के हरे पत्ते को प्राइवेट फैक्ट्री में कम दाम पर बेच रहे हैं.

15 करोड़ की लागत से बना टी प्रोसेसिंग प्लांट
किशनगंज के कालिदास गांव में बिहार सरकार ने 2004 में 15 करोड़ की लागत से टी प्रोसेसिंग प्लांट लगाया था. इसका उदेश्य छोटे किसानों को उचित दाम दिलाना था. लेकिन 11 साल के बाद भी सरकार इसे शुरू नहीं कर पायी. 2015 में इसे प्राइवेट संचेती टी कंपनी को हस्तांतरित कर दिया गया. कंपनी में एक साल के बाद बिजली संकट उत्पन्न हो गया.

सरकारी चाय फैक्ट्री

जल्द शुरू होगी बिजली आपूर्ति
इस संबंध में जिलाधिकारी हिमांशु शर्मा ने बताया कि बारिश में ग्रामीण इलाकों के कई बिजली के खंभे गिर गए हैं,. इस कारण बिजली सेवा बाधित है. बिजली विभाग को निर्देश दिया गया है. जल्द ही आपूर्ति शुरू की जाएगी.

टी प्लांट का हाल

  • 2004 में स्वर्ण जयंती ग्राम स्वरोजगार योजना के तहत 15 करोड़ की लागत से लगा था टी प्रोसेसिंग प्लांट.
  • 2015 में प्राइवेट टी कंपनी को किया गया हस्तांतरित.
  • एक साल बाद शुरु हुई बिजली की समस्या, 80 मजदूर हो गए हैं बेरोजगार.
  • 2 जून से ही बिजली आपूर्ति पूरी तरह है बाधित.
  • प्राइवेट फैक्ट्री में कम दाम पर हरे पत्ते बेच रहे किसान.

किशनगंज: बिहार सरकार सूबे में उद्योग का जाल बिछाने के लिए प्रयासरत है. सरकार किसानों को इसके जरिए आर्थिक आजादी दिलाने की भी बात कहती है. जबकि जिले में जमीनी हकीकत कुछ और ही है. जिले का एकमात्र सरकारी चाय फैक्ट्री बिजली के अभाव में दम तोड़ रहा है.

जिले में बिहार सरकार ने टी प्रोसेसिंग प्लांट की शुरूआत की थी. इससे चाय की खेती में लगे किसानों को फायदा भी मिला. लेकिन बिजली आपूर्ति की समस्या के कारण किसान और मजदूर फिर बेरोजगार हो गए हैं. वर्त्तमान में यहां के 80 मजदूर बेरोजगार हो गए हैं.

kishanganj
चाय की हरी पत्ती

बिजली के कारण उद्योग धंधे ठप
बिजली को लेकर जिले में सीएम के दावे फेल होते दिख रहा हैं. बारिश के समय ग्रामीण क्षेत्रों के छोटे-बड़े सभी उद्योग धंधे ठप पड़ जाते हैं. चाय फैक्ट्री में 12 जून से ही बिजली आपूर्ति पूरी तरह बाधित है. आलाधिकारियों को सूचना देने के बावजूद बिजली नदारद है. इस कारण फैक्ट्री बंद पड़ी है. फैक्ट्री बंद होने की वजह से किसान चाय के हरे पत्ते को प्राइवेट फैक्ट्री में कम दाम पर बेच रहे हैं.

15 करोड़ की लागत से बना टी प्रोसेसिंग प्लांट
किशनगंज के कालिदास गांव में बिहार सरकार ने 2004 में 15 करोड़ की लागत से टी प्रोसेसिंग प्लांट लगाया था. इसका उदेश्य छोटे किसानों को उचित दाम दिलाना था. लेकिन 11 साल के बाद भी सरकार इसे शुरू नहीं कर पायी. 2015 में इसे प्राइवेट संचेती टी कंपनी को हस्तांतरित कर दिया गया. कंपनी में एक साल के बाद बिजली संकट उत्पन्न हो गया.

सरकारी चाय फैक्ट्री

जल्द शुरू होगी बिजली आपूर्ति
इस संबंध में जिलाधिकारी हिमांशु शर्मा ने बताया कि बारिश में ग्रामीण इलाकों के कई बिजली के खंभे गिर गए हैं,. इस कारण बिजली सेवा बाधित है. बिजली विभाग को निर्देश दिया गया है. जल्द ही आपूर्ति शुरू की जाएगी.

टी प्लांट का हाल

  • 2004 में स्वर्ण जयंती ग्राम स्वरोजगार योजना के तहत 15 करोड़ की लागत से लगा था टी प्रोसेसिंग प्लांट.
  • 2015 में प्राइवेट टी कंपनी को किया गया हस्तांतरित.
  • एक साल बाद शुरु हुई बिजली की समस्या, 80 मजदूर हो गए हैं बेरोजगार.
  • 2 जून से ही बिजली आपूर्ति पूरी तरह है बाधित.
  • प्राइवेट फैक्ट्री में कम दाम पर हरे पत्ते बेच रहे किसान.
Intro:किशनगंज: एक तरफ राज्य सरकार बिहार में उद्योग का जाल बिछा कर बेरोजगार और किसानों का आर्थिक आजादी देने की बात कर रही है। तो वहीं दूसरी और किशनगंज जिले का एकमात्र सरकारी चाय फेक्ट्री बिजली के अभाव में दम तौर रही है।देखिए किशनगंज से एक खास रिपोर्ट।

उद्योग विहीन जिला किशनगंज मे बिहार सरकार के द्वारा टी प्रोसेसिंग प्लांट खुलने से किसानों व बेरोजगारों को रोजगार का आस जगी थी।और चाय की खेती करने वाला चाय किसानों को इसका फायदा भी मिला।लेकिन फेक्ट्री मे बिजली आपूर्ति की समस्या से किसान व मजदूर बेरोजगार हो रहे हैं।वहीं बिजली के कारण फेक्ट्री बंद होने से लगभग 80 मजदूर बेरोजगार हो गई हैं।

बाइट: हिमांशु शर्मा, डीएम, किशनगंज
बाइट:एस.पी. बनर्जी, मैनेजर, चाय फेक्ट्री
बाइट: मो अनवर, चाय किसान
बाइटःधनलाल सिंह, मजदूर, चाय फेक्ट्री
बाइट:जमरूल हक, कर्मचारी, चाय फेक्ट्री


Body:बिहार के मुखिया नीतीश कुमार ने दावा किया था गांव गांव तक बिजली पहुंचाई जाएंगे। गांव तक बिजली पहुंच तो गई। लेकिन हल्की बारिश और हवा में बिजली के खंभे उखड़ जाता है ।जिससे ग्रामीण क्षेत्र में बिजली बाधित हो जाती है। और ग्रामीण क्षेत्रों में लगे छोटे बड़े सभी उद्योग धंधे ठप हो जाते हैं। वही चाय फेक्ट्री के मैनेजर ने बताया कि 12 जून से ही बिजली आपूर्ति पूरी तरह बाधित है। बिजली विभाग सहित जिले के आला अधिकारियों को इसकी सूचना देने के बावजूद बिजली उपलब्ध नहीं हो पा रही है। जिस कारण फैक्ट्री चलाने में दिक्कत हो रही है।फैक्ट्री बंद होने के कारण चाय उगा रहे किसानों का हरा पत्ता को प्राइवेट फैक्ट्री में ओने पोने दाम मे बेचना पड़ रहा है।जिससे किसानों को उचित मूल्य नहीं मिल पा रहा है।


Conclusion:जिला मुख्यालय से 60 किलोमीटर दूर पोठिया प्रखंड के कालिदास किस्मत गांव में बिहार सरकार द्वारा वर्ष 2004 में स्वर्ण जयंती ग्राम स्वरोजगार योजना के तहत 15 करोड़ की लागत से टी प्रोसेसिंग प्लांट लगाया था। जिसका उद्देश्य था कि छोटे-छोटे किसान अपने उत्पादन को बिहार सरकार के पास आराम से बेचकर उचित मूल्य प्राप्त कर उचित मुनाफा कमा सकें। लेकिन 11 वर्षों तक बिहार सरकार इसे नहीं शुरू कर पाए। तब जाकर एक प्राइवेट संचेती टी कंपनी को वर्ष 2015 में बिहार सरकार ने चलाने के लिए हस्तांतरित कर दिया। शुरुआत के दिनों में तो ठीक-ठाक चल रहा था। लेकिन बीते 1 साल से बिजली को लेकर फैक्ट्री में ग्रहण लग गया है। जब इस समस्या को लेकर हमने डीएम हिमांशु शर्मा से बात की तो उन्होंने कहा कि पिछले दिनों हुई बारिश में ग्रामीण इलाकों के कई बिजली का खंभा गिर जाने से बिजली सेवा बाधित है। बिजली विभाग को निर्देश दिया गया है की जल्द आपूर्ति शुरू की जाए।
बिहार सरकार ने जिस उद्देश्य से इस सरकारी चाय फैक्ट्री चालू की गई थी उस उद्देश्य को बिजली विभाग के अधिकारियों ने पानी फेर दिया है ।ऐसे में जरूरत है बिजली विभाग इस दिशा में ठोस कदम उठाए ताकि बंद परी फैक्ट्री फिर से सुचारू रूप से चल सके और सरकार के उद्देश्य पूरा हो पाए।
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