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गया: AES से निपटने के लिए मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल में 20 बेड का ICU बनकर तैयार - icu of 20 bed

मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल ने चमकी और जापानी बुखार से निबटने के लिए 20 बेड का आईसीयू तैयार किया है. ये आईसीयू स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव के आदेश पर तैयार किया गया है.

20 बेड का आईसीयू बनकर तैयार
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Published : Jun 29, 2019, 4:11 PM IST

गया: लीची के मौसम में मुजफ्फरपुर में बच्चे चमकी बुखार से पीड़ित होकर अस्पताल पहुंचते हैं, तो मगध क्षेत्र में बारिश के बाद बच्चों में बुखार की शिकायत मिलती है. इस बुखार को जापानी बुखार कहा जा रहा है. मगध क्षेत्र में 2002 से अब तक इस बीमारी से 500 से ज्यादा बच्चों की मौत हो चुकी है. मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल ने इस बीमारी से निबटने के लिए 20 बेड का आईसीयू तैयार किया है. ये आईसीयू स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव के आदेश पर तैयार किया गया है.

20 बेड का आईसीयू बनकर तैयार
मगध क्षेत्र में जापानी बुखार (जेई) का असर ज्यादा रहता है. गया में साल 2011 में जेई के सबसे अधिक मामले आये थे. 2011 में सरकारी आकंड़ों के मुताबिक 409 बच्चे इसकी चपेट में आये थे जिसमें से 93 बच्चों की मौत हो गई थी. ये मौत का सिलसिला बदस्तूर जारी रहा. जापानी बुखार के पीड़ित के लिए मगध क्षेत्र में एक मात्र मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल है. इस अस्पताल में पहले बच्चों के लिए 10 बेड का आईसीयू था. प्रधान सचिव के आदेश बाद 20 बेड का आईसीयू बनकर तैयार है.

पेश है रिपोर्ट

अत्याधुनिक सुविधाओं से है लैस
एनएमएमसीएच के अधीक्षक ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव अस्पताल का निरीक्षण करने आए थे. उनके आदेश के बाद आधुनिक स्वास्थ्य उपकरणों से लैस 20 बेड का आईसीयू वार्ड बनाया गया है. इससे पहले 10 बेड का आईसीयू था. अब कुल मिलाकर 30 बेड हो गया है. इसमें तीन डॉक्टर और एएनएम 24X7 ड्यूटी पर रहेंगे.

गया: लीची के मौसम में मुजफ्फरपुर में बच्चे चमकी बुखार से पीड़ित होकर अस्पताल पहुंचते हैं, तो मगध क्षेत्र में बारिश के बाद बच्चों में बुखार की शिकायत मिलती है. इस बुखार को जापानी बुखार कहा जा रहा है. मगध क्षेत्र में 2002 से अब तक इस बीमारी से 500 से ज्यादा बच्चों की मौत हो चुकी है. मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल ने इस बीमारी से निबटने के लिए 20 बेड का आईसीयू तैयार किया है. ये आईसीयू स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव के आदेश पर तैयार किया गया है.

20 बेड का आईसीयू बनकर तैयार
मगध क्षेत्र में जापानी बुखार (जेई) का असर ज्यादा रहता है. गया में साल 2011 में जेई के सबसे अधिक मामले आये थे. 2011 में सरकारी आकंड़ों के मुताबिक 409 बच्चे इसकी चपेट में आये थे जिसमें से 93 बच्चों की मौत हो गई थी. ये मौत का सिलसिला बदस्तूर जारी रहा. जापानी बुखार के पीड़ित के लिए मगध क्षेत्र में एक मात्र मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल है. इस अस्पताल में पहले बच्चों के लिए 10 बेड का आईसीयू था. प्रधान सचिव के आदेश बाद 20 बेड का आईसीयू बनकर तैयार है.

पेश है रिपोर्ट

अत्याधुनिक सुविधाओं से है लैस
एनएमएमसीएच के अधीक्षक ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव अस्पताल का निरीक्षण करने आए थे. उनके आदेश के बाद आधुनिक स्वास्थ्य उपकरणों से लैस 20 बेड का आईसीयू वार्ड बनाया गया है. इससे पहले 10 बेड का आईसीयू था. अब कुल मिलाकर 30 बेड हो गया है. इसमें तीन डॉक्टर और एएनएम 24X7 ड्यूटी पर रहेंगे.

Intro:लीची के मौसम में मुजफ्फरपुर में बच्चे चमकी बुखार से पीड़ित होकर अस्पताल पहुंचते हैं तो मगध क्षेत्र में बारिश के बाद बच्चों में बुखार लगने की शिकायत मिलती है। इस बुखार को जापानी बुखार कहते हैं। मगध क्षेत्र में 2002 से अब तक 500 से ज्यादा बच्चों की मौत इस बीमारी से हुआ है। मगध मेडिकल कॉलेज और अस्पताल जेई से निबटने के लिए 20 बेडो का आईसीयू तैयार किया है। ये आईसीयू स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव के आदेश पर तैयार हुआ है।


Body:बिहार में बुखार जानलेवा होता हैं ये बुखार आज तक हजारो माँ का गोद सुना कर दिया है। बच्चों में होनेवाली बुखार लीची के मौसम में चमकी बुखार रहता है और बारिश के मौसम में जापानी बुखार रहता है। मगध क्षेत्र में जापानी बुखार (जेई) का असर रहता है। गया में 2011 में सबसे अधिक मामले आये हैं। 2011 में सरकारी आकंड़ा से 409 बच्चे इसके चपेट में आये थे जिसमें से 93 बच्चे का मौत हुआ था। ये मौत का सिलसिला दस्तूर हर साल जारी रहा भले आंकड़ा ऊपर नीचे होते रहा हो। जापानी बुखार के पीडित के लिए मगध क्षेत्र में एक मात्र अस्पताल मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल हैं। इस अस्पताल में पहले 10 बेड का बच्चों के लिए आईसीयू था प्रधान सचिव के आदेश बाद 20 बेड का आईसीयू बनकर तैयार हैं।

जापानी इंसेफ्लाइटिस बीमारी को लेकर मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल कितना तैयार हैं । ये जाने ईटीवी संवददाता एएनएमएमसीएच पहुँचे, मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल के अधीक्षक और डॉक्टरों टीम के साथ ईटीवी संवददाता ने नए आईसीयू वार्ड का जायजा लिया।

एएनएमएमसीएच के अधीक्षक ने बताया स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव अस्पताल के निरीक्षण पर आए थे उनके आदेश के बाद 20 बेडो का आधुनिक स्वास्थ्य उपकरणों से लैस आईसीयू वार्ड बनाया गया है। इसमें आईसीयू के सारे उपकरण सहित जापानी बुखार के लिए जो व्यवस्था चाहिए सब इसमें रखा जाएगा। इससे पहले हमारे पास 10 बेड का आईसीयू था अब 20 बेड का बन गया है । कुल मिलाकर 30 हो गया है। इसमें तीन डॉक्टर और एएनएम 24*7 ड्यूटी पर रहेगे। अभी इसमें ऑक्सिजन पाइप लाइन बिछना बाकी हैं। आज शाम तक ये काम भी पूरा हो जाएगा।


Conclusion:
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