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किशनगंज: जर्जर हो चुके स्कूल में पढ़ते हैं नौनिहाल, कभी भी हो सकती है अनहोनी - education department

किशनगंज के आशालता मध्य विद्यालय की स्थिति बदहाल है. विद्यालय के दीवारों में दरारें पड़ गई हैं. आधे से अधिक कमरा खंडहर में तब्दील हो गया है. ऐसे में बच्चे यहां डर के साये में पढ़ाई करते हैं.

स्कूल की हालत जर्जर
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Published : Jul 3, 2019, 6:41 PM IST

किशनगंज: जिले के आशालता मध्य विद्यालय की स्थिति काफी जर्जर है. वर्षों पुराने इस विद्यालय भवन में अब दरारे पड़ने लगी हैं. विद्यालय में कुल 6 कमरे हैं जिनमें से 4 की हालत काफी खराब है. ऐसे में हमेशा किसी अनहोनी होने की आशंका बनी रहती है.

विद्यालय भवन की स्थिति जर्जर
ये स्कूल बिहार के किशनगंज जिले के डे-मार्केट में स्थित है. आशालता मध्य विद्यालय में एक से आठवीं कक्षा तक की पढ़ाई होती है. 6 कमरों का यह विद्यालय सन् 1930 में स्थापित हुआ था. अंग्रेज के जमाने के इस स्कूल में से अबतक लाखों बच्चे पढ़ लिखकर यहां से निकले हैं. 89 साल पुराना यह विद्यालय अपना अस्तित्व बचाने की राह ताक रहा है.

पेश है रिपोर्ट

सिर्फ 2 कमरों में होती है पढ़ाई
इस विद्यालय में 6 कमरे है जरू हैं लेकिन इनमें से 4 कमरे खंडहर में तब्दील हो चुके हैं. ऐसे में किसी भी वक्त कोई बड़ी घटना घट सकती है. इस कारण विद्यालय प्रशासन ने 4 कमरों को बंद कर दिया है. सिर्फ 2 कमरों में ही पढाई होती है. इस विद्यालय में विद्यार्थियों की संख्या ज्यादा है और कमरे बस दो ही हैं. इस वजह से विद्यालय दो शिफ्ट मे संचालित होता है.

kishanganj
खंडहर में तब्दील हुआ कक्षा

डर के साये में पढ़ने को मजबूर बच्चे
यहां पढ़ाई कर रहे बच्चों का कहना है कि वे सभी डर के साये में पढ़ने को मजबूर हैं. विद्यालय की जर्जर स्थिति है. दीवारों में दरारे पड़ी हैं. ऐसे में उन्हें डर सताता है कि कहीं कमरे का छत उनके उपर न गिर जाए.

किशनगंज
विद्यालय के कमरे में लगा ताला

शिक्षा विभाग लापरवाह
स्कूल की शिक्षिका ने बताया कि विद्यालय की जर्जर हालत की सूचना शिक्षा विभाग को कई बार दी गई है, पर अबतक कोई कार्रवाई नहीं हुई है. अगर किसी भी वक्त कोई हादसा हो जाए तो इसकी जिम्मेदारी हमारे उपर आएगी. अभिभावक हमारे उपर ही आरोप लगाएंगे.

नया भवन बनाने का दिया भरोसा
इस मामले पर जब जिलाधिकारी हिमांशु शर्मा से बात की गई तो उन्होंने कहा कि मामले को संज्ञान में लिया गया है. इसकी सूचना नगर पालिका और भवन विभाग के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर को दे दी गई है. जल्द ही भवन का निरीक्षण किया जाएगा. जरूरत पड़ने पर स्कूल को कहीं और शिफ्ट कर दिया जायेगा. विद्यालय भवन को पूरी तरह से तोड़ कर नए सिरे से बनाया जाएगा.

किशनगंज: जिले के आशालता मध्य विद्यालय की स्थिति काफी जर्जर है. वर्षों पुराने इस विद्यालय भवन में अब दरारे पड़ने लगी हैं. विद्यालय में कुल 6 कमरे हैं जिनमें से 4 की हालत काफी खराब है. ऐसे में हमेशा किसी अनहोनी होने की आशंका बनी रहती है.

विद्यालय भवन की स्थिति जर्जर
ये स्कूल बिहार के किशनगंज जिले के डे-मार्केट में स्थित है. आशालता मध्य विद्यालय में एक से आठवीं कक्षा तक की पढ़ाई होती है. 6 कमरों का यह विद्यालय सन् 1930 में स्थापित हुआ था. अंग्रेज के जमाने के इस स्कूल में से अबतक लाखों बच्चे पढ़ लिखकर यहां से निकले हैं. 89 साल पुराना यह विद्यालय अपना अस्तित्व बचाने की राह ताक रहा है.

पेश है रिपोर्ट

सिर्फ 2 कमरों में होती है पढ़ाई
इस विद्यालय में 6 कमरे है जरू हैं लेकिन इनमें से 4 कमरे खंडहर में तब्दील हो चुके हैं. ऐसे में किसी भी वक्त कोई बड़ी घटना घट सकती है. इस कारण विद्यालय प्रशासन ने 4 कमरों को बंद कर दिया है. सिर्फ 2 कमरों में ही पढाई होती है. इस विद्यालय में विद्यार्थियों की संख्या ज्यादा है और कमरे बस दो ही हैं. इस वजह से विद्यालय दो शिफ्ट मे संचालित होता है.

kishanganj
खंडहर में तब्दील हुआ कक्षा

डर के साये में पढ़ने को मजबूर बच्चे
यहां पढ़ाई कर रहे बच्चों का कहना है कि वे सभी डर के साये में पढ़ने को मजबूर हैं. विद्यालय की जर्जर स्थिति है. दीवारों में दरारे पड़ी हैं. ऐसे में उन्हें डर सताता है कि कहीं कमरे का छत उनके उपर न गिर जाए.

किशनगंज
विद्यालय के कमरे में लगा ताला

शिक्षा विभाग लापरवाह
स्कूल की शिक्षिका ने बताया कि विद्यालय की जर्जर हालत की सूचना शिक्षा विभाग को कई बार दी गई है, पर अबतक कोई कार्रवाई नहीं हुई है. अगर किसी भी वक्त कोई हादसा हो जाए तो इसकी जिम्मेदारी हमारे उपर आएगी. अभिभावक हमारे उपर ही आरोप लगाएंगे.

नया भवन बनाने का दिया भरोसा
इस मामले पर जब जिलाधिकारी हिमांशु शर्मा से बात की गई तो उन्होंने कहा कि मामले को संज्ञान में लिया गया है. इसकी सूचना नगर पालिका और भवन विभाग के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर को दे दी गई है. जल्द ही भवन का निरीक्षण किया जाएगा. जरूरत पड़ने पर स्कूल को कहीं और शिफ्ट कर दिया जायेगा. विद्यालय भवन को पूरी तरह से तोड़ कर नए सिरे से बनाया जाएगा.

Intro:किशनगंज:-अंग्रेजो के जमाने से स्थापित स्कूल की हालत जर्जर।बच्चे ड़र के साए मे करते है पढाई,जिला प्रशासन ने जल्द नया भवन बनाने का दिया भरोसा।


Body:किशनगंज:-अंग्रेजो के जमाने से स्थापित स्कूल की हालत जर्जर।बच्चे ड़र के साए मे करते है पढाई,जिला प्रशासन ने जल्द नया भवन बनाने का दिया भरोसा।
ये स्कूल बिहार के किशनगंज जिले के डे-मार्केट मे स्थित हैं,आशालता मध्य विद्यालय जिसमे एक से आठवीं कक्षा तक की पढाई होती हैं।6 कमरो का यह विद्यालय सन 1930 मे स्थापित हुआ था।अंग्रेज के जमाने के इस स्कूल मे से अबतक लाखो बच्चे पढ लिखकर यहा से निकले है,89 साल पुराने यह विद्यालय अपने अस्तीत्व की राह तक रहा।
हालाकि इस विद्यालय मे कूल 6 कमरे है परंतु इस विद्यालय के 4 कमरे खँडहर में तब्दील हो चुका है किसी भी वक़्त बड़ी घटना घट सकती है,जिसके कारन विद्यालय प्रशाशन ने 4 कमरो को बंद कर दिया और सिर्फ 2कमरो मे ही पढाई होती है,और स्कूल कैंपस मे एक मंदिर है जिसके परिसर को विद्यालय इस्तेमाल करता है।विद्यालय मे विद्यार्थियो की संख्या ज्यादा होने की वजह से और कमरे कम होने की वजह से स्कूल दो शिफ्ट मे संचालित होता है।

बाइट 1-
बच्चो का कहना है कि वे लोग भय के माहौल मे पढते है,उन्के मन में हर वक्त ड़र लगा रहता है की कही कमरे की छत उन्के उपर ना गिर जाए।

बाइट 2--
स्कूल की शिक्षिका ने बताया की हमने इसकी सूचना विभाग को बहुत बार दी है पर अबतक कोई करवाई नही हुई है,अगर किसी भी वक़्त कोई हादशा हो जाए तो इसकी जिम्मेवारी हमारे उपर आएगी और परिजन हमारे उपर ही आरोप लगाएँगे।


Conclusion:किशनगंज जिलाधिकारी हिमांशु शर्मा ने बताया की मुझे इसकी सूचना जैसे ही प्रप्त हुई मैने नगर पालिका और भवन विभाग के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर को आदेश दिया है की जल्द ही भवन का निरिक्षण किया जए और अगर ज़रूरत परि तो स्कूल को कही और शिफ्ट कर दिया जयेगा और विद्यालय के भवन को पूरी तरह से तोड़ कर नए सिरे से बनाया जाएगा।
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