किशनगंज: जिले के आशालता मध्य विद्यालय की स्थिति काफी जर्जर है. वर्षों पुराने इस विद्यालय भवन में अब दरारे पड़ने लगी हैं. विद्यालय में कुल 6 कमरे हैं जिनमें से 4 की हालत काफी खराब है. ऐसे में हमेशा किसी अनहोनी होने की आशंका बनी रहती है.
विद्यालय भवन की स्थिति जर्जर
ये स्कूल बिहार के किशनगंज जिले के डे-मार्केट में स्थित है. आशालता मध्य विद्यालय में एक से आठवीं कक्षा तक की पढ़ाई होती है. 6 कमरों का यह विद्यालय सन् 1930 में स्थापित हुआ था. अंग्रेज के जमाने के इस स्कूल में से अबतक लाखों बच्चे पढ़ लिखकर यहां से निकले हैं. 89 साल पुराना यह विद्यालय अपना अस्तित्व बचाने की राह ताक रहा है.
सिर्फ 2 कमरों में होती है पढ़ाई
इस विद्यालय में 6 कमरे है जरू हैं लेकिन इनमें से 4 कमरे खंडहर में तब्दील हो चुके हैं. ऐसे में किसी भी वक्त कोई बड़ी घटना घट सकती है. इस कारण विद्यालय प्रशासन ने 4 कमरों को बंद कर दिया है. सिर्फ 2 कमरों में ही पढाई होती है. इस विद्यालय में विद्यार्थियों की संख्या ज्यादा है और कमरे बस दो ही हैं. इस वजह से विद्यालय दो शिफ्ट मे संचालित होता है.
डर के साये में पढ़ने को मजबूर बच्चे
यहां पढ़ाई कर रहे बच्चों का कहना है कि वे सभी डर के साये में पढ़ने को मजबूर हैं. विद्यालय की जर्जर स्थिति है. दीवारों में दरारे पड़ी हैं. ऐसे में उन्हें डर सताता है कि कहीं कमरे का छत उनके उपर न गिर जाए.
शिक्षा विभाग लापरवाह
स्कूल की शिक्षिका ने बताया कि विद्यालय की जर्जर हालत की सूचना शिक्षा विभाग को कई बार दी गई है, पर अबतक कोई कार्रवाई नहीं हुई है. अगर किसी भी वक्त कोई हादसा हो जाए तो इसकी जिम्मेदारी हमारे उपर आएगी. अभिभावक हमारे उपर ही आरोप लगाएंगे.
नया भवन बनाने का दिया भरोसा
इस मामले पर जब जिलाधिकारी हिमांशु शर्मा से बात की गई तो उन्होंने कहा कि मामले को संज्ञान में लिया गया है. इसकी सूचना नगर पालिका और भवन विभाग के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर को दे दी गई है. जल्द ही भवन का निरीक्षण किया जाएगा. जरूरत पड़ने पर स्कूल को कहीं और शिफ्ट कर दिया जायेगा. विद्यालय भवन को पूरी तरह से तोड़ कर नए सिरे से बनाया जाएगा.