भरतपुर. सैनी समाज के लिए आरक्षण की मांग को लेकर कई दिनों से चल रहे धरना-प्रदर्शन के बीच एक युवक ने आत्महत्या कर ली. मंगलवार सुबह धरना स्थल के पास से युवक का शव मिला है. इस मामले में मृतक की जेब से सुसाइड नोट भी मिला है, जिसमें लिखा हुआ था 'ज्योतिराव फुले अमर रहे 12 प्रतिशत आरक्षण लेकर रहेंगे'. हालांकि अभी तक पुलिस सुसाइड नोट को लेकर कोई पुष्टि नहीं की है.
मृतक के भाई केदारनाथ ने बताया कि ललिता मूड़िया निवासी मोहन सैनी (38) पुत्र परभाती बीते तीन-चार दिन से आंदोलन में शामिल था. मंगलवार सुबह सूचना मिली की मोहन ने आंदोलन स्थल पर आत्महत्या कर ली है. केदारनाथ ने बताया कि बीते कई दिनों से वो आरक्षण नहीं मिलने को लेकर आहत था. सैनी समाज के राजकुमार ने कहा कि मरने से पहले मोहन सैनी कहता था कि हमें किसी भी सूरत में आरक्षण चाहिए. राजकुमार सैनी का कहना हैं कि जब तक सरकार समाज को आरक्षण, मृतक के एक परिजन को सरकारी नौकरी और आर्थिक सहायता नहीं देगी तब तक शव नहीं लिया जाएगा.
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सीओ सिटी सतीश वर्मा ने बताया कि घटना के संबंध में जानकारी जुटाई जा रही है. युवक की मौत पर सैनी समाज के लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया था, जिनकी समझाइश की गई है. पुलिस ने शव को आरबीएम जिला अस्पताल की मोर्चरी में रखवा दिया है. मोर्चरी पर समाज के लोग और परिजन इकट्ठा हो गए. लोगों ने 'आरक्षण लेकर रहेंगे ' के नारे लगाए. वहीं, पुलिस ने सुसाइड नोट के बारे पुष्टि नहीं की है.
कई दिनों से चल रहा आंदोलन: सैनी समाज आरक्षण संघर्ष समिति की ओर से 21 अप्रैल से जयपुर आगरा हाईवे पर अरोदा के पास चक्का जाम कर आंदोलन किया जा रहा है. इससे पहले 20 अप्रैल को पुलिस प्रशासन ने संघर्ष समिति के संयोजक मुरारी लाल सैनी समेत 26 लोगों को गिरफ्तार किया था. आंदोलनकारियों की जिद के बाद सोमवार को संघर्ष समिति के संयोजक मुरारी लाल सैनी, समिति के मुख्य सचिव बदन सिंह कुशवाहा, शैलेंद्र सिंह कुशवाहा, नंद लाल माली समेत 16 लोगों को एसडीएम कोर्ट ने जमानत पर रिहा कर दिया गया.
जयपुर रवाना हुआ प्रतिनिधिमंडल : रिहा होने के बाद सभी 16 लोग आंदोलन स्थल पर पहुंचे, जहां पर लोगों ने उनका स्वागत किया, लेकिन मुरारी लाल सैनी ने जैसे ही आंदोलनकारियों को संबोधित करते हुए उन्हें सुझाव दिया कि आप लोग हाईवे छोड़कर 500 मीटर दूर खेत में पड़ाव डाल लीजिए. हमारा प्रतिनिधिमंडल वार्ता करने के लिए जयपुर जाएगा. इस बात पर आंदोलनकारी भड़क गए और मुरारी लाल सैनी का विरोध करते हुए हाईवे खाली करने से मना कर दिया.
आंदोलनकारियों की मांग थी कि सरकार की 12 प्रतिश आरक्षण पर मंशा साफ नहीं है, इसलिए हमें 12 प्रतिशत आरक्षण पर ही बात करनी है. इसके लिए जब तक सरकार का 5 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल मांगों के सहमति प्रस्ताव को लेकर आंदोलन स्थल पर नहीं आएगा, तब तक आंदोलन स्थल को खाली नहीं किया जाएगा. हालांकि सोमवार देर रात को समाज के लोगों में सहमति बनी और 21 सदस्यीय एक प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री से वार्ता करने के लिए जयपुर रवाना हो गया है. बता दें कि सैनी समाज 12 प्रतिशत आरक्षण के साथ ही राज्य लवकुश कल्याण बोर्ड का गठन और राज्य में लवकुश छात्रावास का निर्माण की मांग कर रहा है.