दिल्ली/पटना: एनडीए में शामिल होने के बाद LJP (R) प्रमुख और जमुई सांसद चिराग पासवान किसी भी हाल में हाजीपुर लोकसभा सीट अपने हाथ से निकलने नहीं देना चाहते हैं. ऐसे में चाचा पशुपति पारस और भतीजे चिराग पासवान के बीच की जंग ने एनडीए के सामने नई मुसीबत खड़ी कर दी है. इन सबके बीच चिराग पासवान ने साफ कर दिया है कि वे किसी भी कीमत पर हाजीपुर से चुनाव लड़ेंगे.
बोले चिराग- 'चिंता को शर्त का नाम दिया जाता है': चिराग पासवान ने कहा कि गोपालगंज सीट हम लोग जीते. मोकामा में कड़ी टक्कर हुई. उसके बाद नीतीश कुमार गठबंधन से अलग हो गए. तब से लेकर अभी तक बीजेपी के कई नेताओं से बातचीत होती रही. यकीनन हम लोगों की कुछ चिताएं थीं, जिसे शर्तों का नाम दिया जाता है. वो शर्त नहीं बल्कि चिंता थी. जिसे हम लोगों ने बीजेपी के शीर्ष नेताओं के सामने रखा.
'काफी चर्चा के बाद एनडीए में शामिल होने का फैसला': केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय से कई बार हमारी मुलाकात हुई. उनके सामने भी हमने अपनी बात रखीं. सकारात्मक चर्चा हुई और एक आम सहमति बनने के बाद सोमवार को केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह से चर्चा हुई. बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से बात बात हुई. जिसके बाद हमने NDA से जुड़ने का फैसला लिया है.
क्या चिराग हाजीपुर लोकसभा सीट से लड़ेंगे चुनाव? : क्या चिराग जमुई सीट छोड़ेंगे और हाजीपुर सीट से चुनाव लड़ेंगे. इस पर चिराग पासवान ने कहा कि हाजीपुर की सीट मेरे लिए कंसर्न रहा है. और इस पर गठबंधन के भीतर प्रमुखता से चर्चा हुई है. इतना जरूर कहूंगा कि 2024 लोकसभा चुनाव में लोकजनशक्ति पार्टी रामविलास का ही प्रत्याशी हाजीपुर सीट से चुनाव लड़ेगा, इसमें कोई संदेह नहीं है.
नीतीश पर क्या बोले चिराग? : नीतीश कुमार जिस गठबंधन में रहेंगे उस गठबंधन का नुकसान ही होगा. उनके प्रति जो आक्रोश है, 2020 में भी हम लोगों ने देखा. उनकी पार्टी तीसरे नंबर की पार्टी बनी. उनके आधे से ज्यादा प्रत्याशी चुनाव हार गए. मौजूदा सरकार के ऊपर एक बड़ा सवाल है. जिन्होंने नो एंट्री कहा, उन्होंने ही उनकी एंट्री करा दी. जिन्होंने कसम खाई की एक दूसरे के साथ नहीं जाएगी, उसी के साथ गए.
''आज के दिन महागठबंधन जनता को स्वीकार्य नहीं है. ये मेरे विश्वास को बढ़ाता है. आने वाले लोकसभा के चुनाव में एनडीए गठबंधन बिहार से 40 से 40 सीटें जीतेंगे. साथ ही, एक एनडीए की सरकार जो माइनस नीतीश कुमार होगी, और स्थिर सरकार 2025 में बिहार को मिलेगी.'' - चिराग पासवान, सुप्रीमो, एलजेपीआर
चाचा पशुपति पारस पर क्या बोले चिराग? : पशुपति पारस के सवाल पर चिराग पासवान ने कहा कि, माने या न माने वो मेरे चाचा थे, हैं और रहेंगे. इस रिश्ते को कोई नहीं बदल सकता है. मेरे पिता के जाने के बाद मैंने उनमें ही पिता की छवि को देखा है. वो सम्मान उनके प्रति मेरा आज भी है. दो साल बीत गए मैंने आज तक अपने चाचा और भाई पर कोई टिप्पणी नहीं की. वो उम्र में मुझसे बड़े है, मुझे जो कहना चाहें करना चाहें कर सकते हैं. कभी कभी दुख जरूर होता है. जब वो इस तरह की बातें मेरे बारे में कहते है.
पशुपति पारस ने कही थी बड़ी बात: रविवार को पशुपति पारस ने हाजीपुर सीट को लेकर बड़ा बयान दिया था. उन्होंने कहा कि उनके बड़े भाई रामविलास पासवान ने उनसे कहा था कि चिराग भले ही मेरा बेटा है लेकिन विश्वास तुम पर है. तुम ही मेरे भविष्य के उत्ताराधिकारी हो. इसलिए हाजीपुर से चुनाव लड़ो. पशुपति के इस बयान के बाद से चिराग गुट में खलबली मची है.
क्या चाचा और भतीजा एक होंगे? : इस सवाल पर चिराग ने कहा कि मेरे पिता जब तक जीवित थे, वे फैसला लेते थे. अब ये जिम्मेदारी परिवार के सबसे बड़े सदस्य चाचा पशुपति पारस की है. मुझे लगता है कि उन्होंने फैसला ले लिया है. वे कह चुके है, सूरज पश्चिम से उग जाएगा लेकिन चिराग से मेरा कोई समझौता नहीं होगा. तो मुझे लगता है कि वो फैसला ले चुके है.
चाचा पारस का आरोप- 'लालू और तेजस्वी...' : इस पर चिराग ने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार है. ऐसे में मेरा टारगेट नीतीश कुमार है. जो अब तक दल बदलने का काम करते रहे है. यकीनन मेरे सवाल नीतीश कुमार से होंगे, लालू यादव और तेजस्वी यादव नहीं.