पटनाः बिहार में जातीय गणना की रिपोर्ट जारी (Bihar Caste census report) कर दी है. इसपर ललन सिंह ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने इस बात का खुलासा किया कि बिहार में इसकी जरूरत क्यों पड़ी? उन्होंने यह भी कहा कि आज पूरे देश में जातीय जनगणना की मांग है. ललन ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि जब इन लोगों ने पूरे देश में जातिगत जनगणना कराने की मांग की तो भारत सरकार ने नहीं माना, इसलिए बिहार में जातीय गणना कराई गई.
"हमलोगों ने संसद में इस बात को उठाया था कि 1931 के बाद देश में जातीय जनगणना नहीं हुई है. देश में विकास के लिए यह जानना जरूरी था कि समाज में किस जाति के लोग कितने पीछे हैं. भारत सरकार ने इस बात को नहीं माना तो बिहार में जाति आधारित गणना कराई गई. जनगणना कराने का अधिकारी राज्य को नहीं है, इसलिए गणना कराई. आज की तारीख में यह पूरे देश की मांग है कि जातीय जनगणना कराई जाए." -ललन सिंह, राष्ट्रीय अध्यक्ष
'सुशील मोदी छपास रोग से ग्रसित': इस दौरान उन्होंने सुशील मोदी पर भी निशाना साधा. दरअसल, सुशील मोदी ने कहा कि बीजेपी जब सरकार में थी तब जातीय गणना करने का फैसला लिया गया था. इसपर ललन सिंह ने कहा कि सुशील मोदी छपास रोग से ग्रसित हैं. वो बोल रहे हैं कि हम लोगों की पहल से ये गणना पूरा हुआ, लेकिन जिस समय नीतीश कुमार प्रधानमंत्री व गृहमंत्री मिले थे, उस समय इसे स्वीकार नहीं किया गया.
'पूरे देश में इसकी मांग': बता दें कि देश में जातीय गणना की रिपोर्ट जारी होने के बाद नेता इसपर क्रेडिट लेना शुरू कर दिए हैं. वहीं विपक्ष की ओर से इस रिपोर्ट को गलत बताया जा रहा है. साथ ही समाज को जाति में बांटने का आरोप लगा रहे हैं. इसपर ललन सिंह ने बयान दिया है कि पूरे देश में जातीय जनगणना की मांग है. बिहार में जातीय गणना से पहले संसद में इस बात को उठाया गया था, लेकिन सरकार ने नहीं माना.
'नई योजना बनाएगी सरकार': ललन सिंह जातीय गणना कराने के लिए नीतीश कुमार और महागठबंधन सरकार की तारीफ की है. उन्होंने कहा कि जातीय गणना के आधार पर सरकार अब योजना बनाएगी. ललन सिंह ने कहा कि सरकार पिछड़ी जातियों के उत्थान के लिए पहले से कई योजनाएं चला रही है. आगे भी उनके अधिकारों और उत्थान के लिए लगातार योजनाएं चलाती रहेगी.
इसलिए हुई जातीय गणना: ललन सिंह कहा कि हमलोगों की ओर से पूरे देश में जातीय जनगणना कराने के लिए संसद में मांग की गई थी. कहा गया था कि 1931 के बाद देश में जाति आधारित गणना नहीं हुई है. इसलिए यह पता करना जरूरी है कि समाज में किस जाति की स्थिति क्या है? लेकिन केंद्र सरकार ने नहीं माना. इसलिए बिहार में जातीय गणना कराई गई, क्योंकि जातिगत जनगणना कराने का अधिकार राज्य के पास नहीं है.
महिला आरक्षण बिल को लेकर भाजपा पर निशानाः ललन सिंह ने महिला आरक्षण बिल को लेकर भी निशाना साधा. कहा कि जब सरकार को महिला आरक्षण 10 साल बाद लागू करना था तो फिर पार्लियामेंट में इवेंट मैनेज करने की क्या जरूरत थी. उन्होंने प्रधानमंत्री को इवेंट मैनेजर बताया. इस दौरान उन्होंने पत्रकारों के किलाफ रेड की खबर पर कहा कि मीडिया के जो हेड हैं, वे लोग गृहमंत्री के ग्रीप में हैं. जो मीडिया बीजेपी की आलोचना करेगा उनके यहां पर एजेंसी की छापेमारी हो रहेगी.