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गृह मंत्रालय का बड़ा बयान, फ्लैट नहीं डिटेंशन सेंटर्स में ही रखे जाएंगे रोहिंग्या

रोहिंग्याओं शरणार्थियों को दिल्ली में बसाने के केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी के बयान पर विहिप ने नाराजगी जाहिर की है. साथ ही केंद्र सरकार से अपील की कि दिल्ली में रोहिंग्याओं को आवास देने के बजाय भारत से बाहर भेजने की व्यवस्था करें. लेकिन अब गृह मंत्रालय का बयान आया है कि ऐसा कोई निर्देश नहीं दिया गया है और रोहिंग्या शरणार्थी डिटेशन सेंटर्स में ही रहेंगे.

VHP Central Working President Alok Kumar
वीएचपी के केंद्रीय कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार
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Published : Aug 17, 2022, 3:40 PM IST

Updated : Aug 17, 2022, 7:47 PM IST

नई दिल्ली : केंद्रीय आवास और शहरी कार्य मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने बुधवार को कहा कि रोहिंग्या शरणार्थियों को बाहरी दिल्ली में स्थित बक्करवाला के अपार्टमेंट में भेजा जाएगा और उन्हें मूलभूत सुविधाएं तथा पुलिस सुरक्षा भी मुहैया की जाएगी. आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों (ईडब्ल्यूएस) के लिए फ्लैट का निर्माण नई दिल्ली नगरपालिका परिषद (एनडीएमसी) ने किया है और ये टिकरी सीमा के पास बक्करवाला इलाके में स्थित हैं. केंद्रीय मंत्री के इस बयान के बाद विश्व हिंदू परिषद ने भी केंद्र के इस फैसले पर नाराजगी जताई है. लेकिन अब गृह मंत्रालय का बयान आया है कि ऐसा कोई निर्देश नहीं दिया गया है और रोहिंग्या शरणार्थी डिटेशन सेंटर्स में ही रहेंगे.

पुरी ने एक ट्वीट में कहा, 'भारत ने हमेशा उन लोगों का स्वागत किया है जिन्होंने देश में शरण मांगी, एक ऐतिहासिक फैसले में सभी रोहिंग्या शरणार्थियों को दिल्ली के बक्करवाला इलाके में स्थित फ्लैट में स्थानांतरित किया जाएगा. उन्हें मूलभूत सुविधाएं यूएनएचसीआर (शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र उच्चायुक्त की ओर से जारी) परिचय पत्र और दिल्ली पुलिस की चौबीसों घंटे सुरक्षा मुहैया की जाएगी.' मंत्री ने उन लोगों की भी आलोचना की जिन्होंने देश की शरणार्थी नीति पर सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने कहा कि ऐसे लोग इस कदम से निराश होंगे.

मोदी सरकार के फैसले पर भड़की विहिप

रोहिंग्याओं को घर देने के मोदी सरकार के फैसले पर भड़की विहिप : विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने केंद्र सरकार का रोहिंग्या मुसलमानों को दिल्ली में घर देने के फैसले पर कड़ी नाराजगी जताई है. वीएचपी के केंद्रीय कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा कि भारत सरकार इस मुद्दे पर पुनर्विचार करे, रोहिंग्याओं को घर देने के बजाय भारत से बाहर भेजने की व्यवस्था करे. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के हिन्दू शरणार्थियों को अमानवीय परिस्थितियों में रहना पड़ रहा है और सरकार रोहिंग्याओं को रहने के लिए घर और सुरक्षा देने का फैसला ले रही है. इस फैसले ने हमारा दर्द बढ़ा दिया है.

विश्व हिन्दू परिषद के केंद्रीय कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने केंद्र सरकार से अपील की कि दिल्ली में रोहिंग्याओं को आवास देने के बजाय भारत से बाहर भेजने की व्यवस्था करे. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के हिंदू शरणार्थी दिल्ली के मजनू-का-टीला इलाके में अमानवीय परिस्थितियों में रह रहे हैं, ऐसे में रोहिंग्याओं को दिया जाने वाला इनाम और भी निंदनीय हो जाता है. केंद्र सरकार अपने फैसले को तत्काल वापस ले.

कांग्रेस ने कहा, सरकार के मंत्रालयों में सहयोग की कमी : विपक्षी कांग्रेस ने अपने मंत्रालयों के बीच सहयोग की कमी के लिए सत्तारूढ़ भाजपा की तीखी आलोचना की. इस संबंध में कांग्रेस सांसद प्रद्युत बोरदोलोई ने कहा, 'घटना ने एक बार फिर दिखाया है कि नरेंद्र मोदी सरकार के मंत्रालयों में सहयोग की कमी है. सबसे पहले उन्हें अपना घर व्यवस्थित करना चाहिए.'

गृह मंत्रालय ने कहा- रोहिंग्या मुसलमानों को फ्लैट मुहैया कराने का कोई निर्देश नहीं दिया: केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बुधवार को स्पष्ट किया कि उसने दिल्ली में रोहिंग्या मुसलमानों को ईडब्ल्यूएस (आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग) श्रेणी के फ्लैट उपलब्ध कराने का कोई निर्देश नहीं दिया है और अरविंद केजरीवाल सरकार से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि अवैध विदेशियों को उनके वर्तमान स्थान पर रखा जाए. गृह मंत्रालय ने यह भी कहा कि अवैध विदेशी रोहिंग्याओं को कानून के अनुसार उनके देश वापस भेजने तक निरुद्ध केंद्र में रखा जाना चाहिए और दिल्ली सरकार को उनके ठहरने के वर्तमान स्थल को निरुद्ध केंद्र घोषित करने का निर्देश दिया गया है.

गृह मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा, 'अवैध विदेशी रोहिंग्याओं के संबंध में मीडिया के कुछ वर्गों में समाचार के संबंध में, यह स्पष्ट किया जाता है कि गृह मंत्रालय ने नयी दिल्ली के बक्करवाला में रोहिंग्या अवैध प्रवासियों को ईडब्ल्यूएस फ्लैट प्रदान करने के लिए कोई निर्देश नहीं दिया है.' उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार द्वारा रोहिंग्या मुसलमानों को एक नये स्थान पर स्थानांतरित करने के प्रस्तावित कदम पर, गृह मंत्रालय ने दिल्ली सरकार को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि अवैध विदेशी रोहिंग्याओं को उनके वर्तमान स्थान पर रखा जाए क्योंकि उन्हें उनके देश वापस भेजने का मामला विदेश मंत्रालय के माध्यम से संबंधित देश के साथ पहले ही उठाया जा चुका है.

प्रवक्ता ने कहा, 'अवैध विदेशियों को उनके देश वापस भेजने तक कानून के अनुसार निरुद्ध केंद्र में रखा जाना है. दिल्ली सरकार ने वर्तमान स्थान को निरुद्ध केंद्र घोषित नहीं किया है. उसे तुरंत ऐसा करने का निर्देश दिया गया है.'

ये भी पढ़ें - बिल्कीस बानो के दोषियों की रिहाई पर भड़के ओवैसी, तो विहिप ने दी चेतावनी

नई दिल्ली : केंद्रीय आवास और शहरी कार्य मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने बुधवार को कहा कि रोहिंग्या शरणार्थियों को बाहरी दिल्ली में स्थित बक्करवाला के अपार्टमेंट में भेजा जाएगा और उन्हें मूलभूत सुविधाएं तथा पुलिस सुरक्षा भी मुहैया की जाएगी. आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों (ईडब्ल्यूएस) के लिए फ्लैट का निर्माण नई दिल्ली नगरपालिका परिषद (एनडीएमसी) ने किया है और ये टिकरी सीमा के पास बक्करवाला इलाके में स्थित हैं. केंद्रीय मंत्री के इस बयान के बाद विश्व हिंदू परिषद ने भी केंद्र के इस फैसले पर नाराजगी जताई है. लेकिन अब गृह मंत्रालय का बयान आया है कि ऐसा कोई निर्देश नहीं दिया गया है और रोहिंग्या शरणार्थी डिटेशन सेंटर्स में ही रहेंगे.

पुरी ने एक ट्वीट में कहा, 'भारत ने हमेशा उन लोगों का स्वागत किया है जिन्होंने देश में शरण मांगी, एक ऐतिहासिक फैसले में सभी रोहिंग्या शरणार्थियों को दिल्ली के बक्करवाला इलाके में स्थित फ्लैट में स्थानांतरित किया जाएगा. उन्हें मूलभूत सुविधाएं यूएनएचसीआर (शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र उच्चायुक्त की ओर से जारी) परिचय पत्र और दिल्ली पुलिस की चौबीसों घंटे सुरक्षा मुहैया की जाएगी.' मंत्री ने उन लोगों की भी आलोचना की जिन्होंने देश की शरणार्थी नीति पर सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने कहा कि ऐसे लोग इस कदम से निराश होंगे.

मोदी सरकार के फैसले पर भड़की विहिप

रोहिंग्याओं को घर देने के मोदी सरकार के फैसले पर भड़की विहिप : विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने केंद्र सरकार का रोहिंग्या मुसलमानों को दिल्ली में घर देने के फैसले पर कड़ी नाराजगी जताई है. वीएचपी के केंद्रीय कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा कि भारत सरकार इस मुद्दे पर पुनर्विचार करे, रोहिंग्याओं को घर देने के बजाय भारत से बाहर भेजने की व्यवस्था करे. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के हिन्दू शरणार्थियों को अमानवीय परिस्थितियों में रहना पड़ रहा है और सरकार रोहिंग्याओं को रहने के लिए घर और सुरक्षा देने का फैसला ले रही है. इस फैसले ने हमारा दर्द बढ़ा दिया है.

विश्व हिन्दू परिषद के केंद्रीय कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने केंद्र सरकार से अपील की कि दिल्ली में रोहिंग्याओं को आवास देने के बजाय भारत से बाहर भेजने की व्यवस्था करे. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के हिंदू शरणार्थी दिल्ली के मजनू-का-टीला इलाके में अमानवीय परिस्थितियों में रह रहे हैं, ऐसे में रोहिंग्याओं को दिया जाने वाला इनाम और भी निंदनीय हो जाता है. केंद्र सरकार अपने फैसले को तत्काल वापस ले.

कांग्रेस ने कहा, सरकार के मंत्रालयों में सहयोग की कमी : विपक्षी कांग्रेस ने अपने मंत्रालयों के बीच सहयोग की कमी के लिए सत्तारूढ़ भाजपा की तीखी आलोचना की. इस संबंध में कांग्रेस सांसद प्रद्युत बोरदोलोई ने कहा, 'घटना ने एक बार फिर दिखाया है कि नरेंद्र मोदी सरकार के मंत्रालयों में सहयोग की कमी है. सबसे पहले उन्हें अपना घर व्यवस्थित करना चाहिए.'

गृह मंत्रालय ने कहा- रोहिंग्या मुसलमानों को फ्लैट मुहैया कराने का कोई निर्देश नहीं दिया: केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बुधवार को स्पष्ट किया कि उसने दिल्ली में रोहिंग्या मुसलमानों को ईडब्ल्यूएस (आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग) श्रेणी के फ्लैट उपलब्ध कराने का कोई निर्देश नहीं दिया है और अरविंद केजरीवाल सरकार से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि अवैध विदेशियों को उनके वर्तमान स्थान पर रखा जाए. गृह मंत्रालय ने यह भी कहा कि अवैध विदेशी रोहिंग्याओं को कानून के अनुसार उनके देश वापस भेजने तक निरुद्ध केंद्र में रखा जाना चाहिए और दिल्ली सरकार को उनके ठहरने के वर्तमान स्थल को निरुद्ध केंद्र घोषित करने का निर्देश दिया गया है.

गृह मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा, 'अवैध विदेशी रोहिंग्याओं के संबंध में मीडिया के कुछ वर्गों में समाचार के संबंध में, यह स्पष्ट किया जाता है कि गृह मंत्रालय ने नयी दिल्ली के बक्करवाला में रोहिंग्या अवैध प्रवासियों को ईडब्ल्यूएस फ्लैट प्रदान करने के लिए कोई निर्देश नहीं दिया है.' उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार द्वारा रोहिंग्या मुसलमानों को एक नये स्थान पर स्थानांतरित करने के प्रस्तावित कदम पर, गृह मंत्रालय ने दिल्ली सरकार को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि अवैध विदेशी रोहिंग्याओं को उनके वर्तमान स्थान पर रखा जाए क्योंकि उन्हें उनके देश वापस भेजने का मामला विदेश मंत्रालय के माध्यम से संबंधित देश के साथ पहले ही उठाया जा चुका है.

प्रवक्ता ने कहा, 'अवैध विदेशियों को उनके देश वापस भेजने तक कानून के अनुसार निरुद्ध केंद्र में रखा जाना है. दिल्ली सरकार ने वर्तमान स्थान को निरुद्ध केंद्र घोषित नहीं किया है. उसे तुरंत ऐसा करने का निर्देश दिया गया है.'

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Last Updated : Aug 17, 2022, 7:47 PM IST
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