हल्द्वानी (उत्तराखंड): महाराष्ट्र के मुंबई के चर्चित पत्रकार जेडे (ज्योतिर्मय डे) हत्याकांड का वांटेड दोषी दीपक सिसोदिया को उत्तराखंड एसटीएफ (स्पेशल टास्क फोर्स) की कुमाऊं यूनिट ने गिरफ्तार किया है. दीपक सिसोदिया को उत्तराखंड के चंपावत जिले में भारत-नेपाल बॉर्डर पर बनबसा से गिरफ्तार किया गया है. दीपक सिसोदिया पर पुलिस ने 25 हजार रुपए का इनाम भी घोषित कर रखा है. दीपक सिसोदिया को दो राज्यों की पुलिस तलाश कर रही थी.
जेडे हत्याकांड में दोषी पाया गया था दीपक सिसोदिया: उत्तराखंड के नैनीताल जिले के हल्द्वानी के रहने वाले दीपक सिसोदिया ने साल 2011 में अंडरवर्ल्ड डॉन छोटा राजन गैंग के शूटरों के साथ मिलकर अंग्रेजी सांध्य दैनिक अखबार मिड डे के वरिष्ठ पत्रकार जेडे की हत्या की थी. इस मामले में मुंबई की कोर्ट ने दीपक सिसोदिया को दोषी मानते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई थी, तभी से दीपक सिसोदिया मुंबई की जेल में बंद था. साल 2022 में दीपक सिसोदिया को मुंबई की अमरावती सेंट्रल जेल से 45 दिन की पैरोल मिली थी. पैरोल की अवधि मार्च 2022 में ही खत्म हो गई थी. इसके बाद भी दीपक सिसोदिया जेल में वापस नहीं गया और तब से फरार चल रहा था.
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पैरोल पर छूटकर नेपाल भाग था दीपक सिसोदिया: तभी से महाराष्ट्र और उत्तराखंड पुलिस दीपक सिसोदिया की तलाश कर रही थी. दीपक सिसोदिया के नेपाल में छिपने के कारण उत्तराखंड पुलिस उसे गिरफ्तार नहीं कर पा रही थी. वहीं, उत्तराखंड एसटीएफ (स्पेशल टास्क फोर्स) को सूचना मिली थी कि दीपक सिसोदिया चोरी-छिपे हल्द्वानी आता है, तभी से उत्तराखंड एसटीएफ दीपक सिसोदिया के पीछे लगी हुई थी.
बनबसा से पकड़ा गया दीपक सिसोदिया: रविवार 17 सितंबर देर रात उत्तराखंड एसटीएफ को सूचना मिली कि दीपक सिसोदिया सोमवार सुबह 18 सितंबर को उत्तराखंड के चंपावत जिले में स्थित बनबसा क्षेत्र में आने वाला है, जो भारत-नेपाल बॉर्डर पर पड़ता है. जैसे ही रविवार को दीपक सिसोदिया नेपाल बॉर्डर पार कर भारत के बनबसा क्षेत्र में पहुंचा, तभी उत्तराखंड एसटीएफ ने सिसोदिया को बनबसा रेलवे स्टेशन के पास दबोच लिया. उत्तराखंड एसटीएफ दीपक सिसोदिया को बनबसा से सीधे हल्द्वानी कोतवाली लेकर आई.
दीपक सिसोदिया पर था 25 हजार का इनाम: उत्तराखंड एसटीएफ एसएसपी आयुष अग्रवाल ने बताया कि हल्द्वानी थाने के 25,000 रुपए के इनामी गैंगस्टर दीपक सिसोदिया को भारत-नेपाल बॉर्डर से गिरफ्तार किया गया है. गिरफ्तार अपराधी साल 2011 में मुंबई में हुए पत्रकार जेडे की हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा काट रहा था. ये पिछले वर्ष जनवरी माह में मुंबई की अमरावती सेंट्रल जेल से पैरोल पर छूटकर हल्द्वानी आया था. उसे मार्च में वापस जेल में जाना था, लेकिन अपराधी दीपक सिसोदिया पैरोल से फरार हो गया. उसके खिलाफ मुंबई पुलिस ने नैनीताल जिले की हल्द्वानी कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया था. एसएसपी नैनीताल ने दीपक सिसोदिया पर 25 हजार रुपए का इनाम भी घोषित किया था.
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कौन थे पत्रकार जेडे? पत्रकार जेडे (ज्योतिर्मय डे) मुंबई के टैबलॉयड न्यूजपेपर 'मिड-डे' में वरिष्ठ अपराध संवाददाता थे. जेडे अपनी खोजी पत्रकारिता के लिए चर्चित थे. खासकर अंडरवर्ल्ड से जुड़ी जेडे की तमाम खबरें चर्चा का विषय बनी रहती थी. जेडे ने अंरडवर्ल्ड पर तमाम अहम खुलासे किए थे. 11 जून 2011 को मुंबई के पवई इलाके में दिनदहाड़े मिड जे के पत्रकार जेडे की गोली मारकर सनसनीखेज तरीके से हत्या कर दी गई थी.
जेडे की हत्या के समय क्या चर्चा थी? जेडे या ज्योतिर्मय डे की जब हत्या हुई तो मुंबई में आम चर्चा थी कि वो अंडरवर्ल्ड की काली दुनिया पर एक किताब लिख रहे थे. कहा जाता है कि जेडे अपनी किताब में अंडरवर्ल्ड डॉन छोटा राजन को छोटा साबित करते हुए माफिया दाउद इब्राहिम को मुंबई का असली डॉन लिख रहे थे. कहते हैं कि इससे छोटा राजन भड़क गया था. कहा जाता है कि इसी बौखलाहट में छोटा राजन ने जेडे का मर्डर करवा दिया.
155 गवाहों ने दी थी गवाही: मुंबई के बहुचर्चित जेडे हत्याकांड में सात साल तक सुनवाई चली थी. आखिरकार छोटा राजन को जेडे की हत्या में दोषी करार दे दिया गया था. ट्रायल के दौरान सरकारी वकील ने कुल 155 गवाहों को अदालत में पेश किया था.