नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी को सिर्फ दो सीटें और 2 फीसदी वोट शेयर मिलने के बाद राज्य के कार्यकर्ता पार्टी नेतृत्व को पदाधिकारियों और राज्य के नेताओं के खिलाफ अपनी पीड़ा व्यक्त करने के लिए नई दिल्ली स्थित पार्टी मुख्यालय पहुंचे. इन कार्यकर्ताओं ने जहां उत्तर प्रदेश की कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के पक्ष में नारेबाजी की, वहीं, कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव और यूपी के सह प्रभारी धीरज गुर्जर और प्रियंका के प्रधान सचिव संदीप सिंह के खिलाफ पार्टी कार्यालय में विरोध प्रदर्शन करते हुए इनपर चुनावी टिकट बेचने का आरोप लगाया (UP Congress workers allege corruption in ticket distribution).
धीरज गुर्जर के बारे में ईटीवी भारत से बात करते हुए यूपी कांग्रेस के सदस्य वीरेंद्र सिंह गुड्डू ने कहा, 'प्रियंका गांधी ने राज्य को अपना 100 प्रतिशत दिया, भले ही परिणाम हमारे पक्ष में न हों. लेकिन, पार्टी के अंदर कुछ लोग हैं जो चाहते हैं कि कांग्रेस को आंतरिक रूप से नुकसान पहुंचे. ऐसे लोगों ने न केवल कुप्रबंध किया बल्कि, पार्टी कार्यकर्ताओं को कोसते भी थे जिसके कारण उनमें से कई को पार्टी छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा.'
उन्होंने आगे कहा, 'एक व्यक्ति जो अपने ही राज्य में चुनाव हार गया, उसे राष्ट्रीय सचिव के रूप में नियुक्त किया जा रहा था और अब वह उत्तर प्रदेश में प्रवेश भी नहीं कर पा रहा है. ऐसे व्यक्ति जो पार्टी को धोखा दिया है उसे राजस्थान कैबिनेट में इनाम के रूप में जगह मिली है.'
एक अन्य कांग्रेस कार्यकर्ता ने संदीप सिंह के खिलाफ अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए आरोप लगाया कि वह भाजपा-आरएसएस के एजेंट हैं. उन्होंने कहा, 'यह कांग्रेस या प्रियंका गांधी वाड्रा की हार नहीं है, यह उस सलाहकार की हार है जिसने कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बजाय डमी उम्मीदवारों को टिकट बेचकर पार्टी को धोखा दिया.'
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उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से महीनों पहले, कांग्रेस पार्टी ने टिकट वितरण में महिला उम्मीदवारों को 40% आरक्षण देने की घोषणा की थी. हालांकि, संदीप सिंह पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए कई महिला कांग्रेस सदस्य भी सामने आईं. यूपी कांग्रेस की एक अन्य कार्यकर्ता पारुल चौधरी ने ईटीवी भारत से कहा, 'लड़की हूं, लड़ सकती हूं' का हमारा नारा कुप्रबंधन के कारण कमजोर पड़ गया. कांग्रेस की कई महिला कार्यकर्ताओं ने राष्ट्रीय सचिव के खिलाफ शिकायत की लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो रही. वहीं, जो कोई भी उनके खिलाफ आवाज उठाने की कोशिश करता है, ये लोग बिना किसी पूर्व सूचना के उन्हें निष्कासित कर देते हैं.'
हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों में कांग्रेस पार्टी की सीटों की संख्या 2017 में सात से घटकर 2 हो गई. वहीं, वोट शेयर 6.25 प्रतिशत से गिर कर 2.35 प्रतिशत रह गया.