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Two day bank strike: बैंक कर्मचारी 30 जनवरी से करेंगे दो दिन की हड़ताल

बैंक कर्मचारी संगठनों का संयुक्त मंच यूनाइटेड फोरम आफ बैंक यूनियंस (यूएफबीयू) ने कई मांगों को लेकर 30 और 31 जनवरी को दो दिन की हड़ताल का आह्वान किया है. श्रमिक संगठन बैंकों में कामकाज पांच दिन करने, पेंशन का पुनर्मूल्यांकन और सभी संवर्गों में नियुक्ति समेत अन्य मांग कर रहे हैं.

Etv BharatBank employees will go on strike for two days from January 30 (file photo)
Etv Bharबैंक कर्मचारी 30 जनवरी से करेंगे दो दिन की हड़ताल (फाइल फोटो) at
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Published : Jan 14, 2023, 7:13 AM IST

कोलकाता: यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन (यूएफ बीयू) की ओर से 30 और 31 जनवरी को हड़ताल करने का फैसला लिया गया है. यूएफबीयू देश के अधिकतर बैंक कर्मियों और अधिकारियों की यूनियनों का प्रतिनिधित्व करती है. इन दो दिनों के लिए देश भर में सार्वजनिक और निजी बैंकों की सभी शाखाएं और कार्यालय बंद रहेंगे. एटीएम काउंटर भी बंद रहेंगे, जिसके परिणामस्वरूप एटीएम सेवाएं बाधित होंगी. एनईएफटी, आरटीजीएस या ऑनलाइन लेनदेन जैसी बस सेवाएं सामान्य रहेंगी.

दो दिवसीय हड़ताल का आह्वान यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन, 9 बैंकों के अखिल भारतीय संगठनों के संयुक्त मंच की ओर से किया गया. सप्ताह में पांच दिन मौजूदा पेंशन का पुनर्मूल्यांकन, पुरानी पेंशन प्रणाली की बहाली, द्विपक्षीय वेतन समझौते के लिए बातचीत की तत्काल शुरुआत. पिछले कुछ दिनों से मुंबई में इंडियन बैंकर्स एसोसिएशन के साथ मांगों पर चर्चा हुई थी. लेकिन वह चर्चा फलदायी नहीं रही.

आखिरकार 9 संगठनों के संयुक्त मंच की ओर से बैंक हड़ताल का फैसला किया गया. इस महीने 30 और 31 जनवरी को देशभर में बैंक पूरी तरह बंद रहेंगे. साथ ही एटीएम में पैसे की आपूर्ति बंद कर दी जाएगी. नतीजतन, बैंक हड़ताल से एटीएम सेवाएं भी प्रभावित होंगी. हालांकि, अस्पताल, स्टेशन जैसी कुछ महत्वपूर्ण जगहों पर एटीएम में छूट दी गई है. ये हमेशा की तरह खुले रहेंगे. ऑनलाइन सेवाएं भी उपलब्ध रहेंगी. इसके चलते एनईजीटीटी, आरटीजीएस समेत नेट बैंकिंग चालू रहेगी.

ये भी पढ़ें- Air India News: गणतंत्र दिवस सप्ताह के दौरान Air India की उड़ानें हर दिन तीन घंटे रद्द, जानें पूरी डिटेल्स

बैंक अधिकारी और श्रमिक आंदोलन के नेता संजय दास ने कहा कि नीति निर्माताओं के साथ कई बार मुद्दों पर चर्चा की गई है. दास ने कहा, 'वे वादा करते हैं लेकिन कुछ नहीं करते हैं. अगर कोई कार्यान्वयन नहीं होता है, तो आश्वासन का कोई फायदा नहीं है. इसलिए हड़ताल का आह्वान किया गया है.'

गौरतलब है कि पिछले साल ये संगठन राज्य के स्वामित्व वाले बैंकों के निजीकरण को रोकने के लिए लगातार अभियान चला रहे हैं. वे लोकसभा में जनहित विरोधी बैंक निजीकरण विधेयक पेश किए जाने को लेकर मार्च में हड़ताल में शामिल हुए. अगर साल की शुरुआत में पहले महीने के आखिरी दो दिनों में बैंक बंद रहता है, तो लोगों को परेशानी होगी.

कोलकाता: यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन (यूएफ बीयू) की ओर से 30 और 31 जनवरी को हड़ताल करने का फैसला लिया गया है. यूएफबीयू देश के अधिकतर बैंक कर्मियों और अधिकारियों की यूनियनों का प्रतिनिधित्व करती है. इन दो दिनों के लिए देश भर में सार्वजनिक और निजी बैंकों की सभी शाखाएं और कार्यालय बंद रहेंगे. एटीएम काउंटर भी बंद रहेंगे, जिसके परिणामस्वरूप एटीएम सेवाएं बाधित होंगी. एनईएफटी, आरटीजीएस या ऑनलाइन लेनदेन जैसी बस सेवाएं सामान्य रहेंगी.

दो दिवसीय हड़ताल का आह्वान यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन, 9 बैंकों के अखिल भारतीय संगठनों के संयुक्त मंच की ओर से किया गया. सप्ताह में पांच दिन मौजूदा पेंशन का पुनर्मूल्यांकन, पुरानी पेंशन प्रणाली की बहाली, द्विपक्षीय वेतन समझौते के लिए बातचीत की तत्काल शुरुआत. पिछले कुछ दिनों से मुंबई में इंडियन बैंकर्स एसोसिएशन के साथ मांगों पर चर्चा हुई थी. लेकिन वह चर्चा फलदायी नहीं रही.

आखिरकार 9 संगठनों के संयुक्त मंच की ओर से बैंक हड़ताल का फैसला किया गया. इस महीने 30 और 31 जनवरी को देशभर में बैंक पूरी तरह बंद रहेंगे. साथ ही एटीएम में पैसे की आपूर्ति बंद कर दी जाएगी. नतीजतन, बैंक हड़ताल से एटीएम सेवाएं भी प्रभावित होंगी. हालांकि, अस्पताल, स्टेशन जैसी कुछ महत्वपूर्ण जगहों पर एटीएम में छूट दी गई है. ये हमेशा की तरह खुले रहेंगे. ऑनलाइन सेवाएं भी उपलब्ध रहेंगी. इसके चलते एनईजीटीटी, आरटीजीएस समेत नेट बैंकिंग चालू रहेगी.

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बैंक अधिकारी और श्रमिक आंदोलन के नेता संजय दास ने कहा कि नीति निर्माताओं के साथ कई बार मुद्दों पर चर्चा की गई है. दास ने कहा, 'वे वादा करते हैं लेकिन कुछ नहीं करते हैं. अगर कोई कार्यान्वयन नहीं होता है, तो आश्वासन का कोई फायदा नहीं है. इसलिए हड़ताल का आह्वान किया गया है.'

गौरतलब है कि पिछले साल ये संगठन राज्य के स्वामित्व वाले बैंकों के निजीकरण को रोकने के लिए लगातार अभियान चला रहे हैं. वे लोकसभा में जनहित विरोधी बैंक निजीकरण विधेयक पेश किए जाने को लेकर मार्च में हड़ताल में शामिल हुए. अगर साल की शुरुआत में पहले महीने के आखिरी दो दिनों में बैंक बंद रहता है, तो लोगों को परेशानी होगी.

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