सारण: शराबबंदी वाले राज्य में जहरीली शराब कांड ने लोगों को झकझोर कर रख दिया है. मौत का आंकड़ा तेजी से बढ़ रहा है और इसका दायरा भी. सारण के बाद अब सिवान से भी पांच लोगों की मौत हुई है. इन सबके बीच छपरा जहरीली शराबकांड में बड़ा खुलासा हुआ है. आधिकारिक सूत्रों के अनुसार जहरीली शराब कहीं और से नहीं आई बल्कि थाने से गायब हुई है. इस बात की जानकारी अब राज्य सरकार तक पहुंच गई है और इसकी जांच भी की जा रही है. (Spirit theft from Mashrakh police station) ( spurious liquor case) (Chhapra Hooch Tragedy)
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छपरा शराब कांड में बड़ा खुलासा: दरअसल मशरक थाना में उत्पाद विभाग ने भारी मात्रा में कच्चा स्प्रिट जब्त कर उसे नष्ट करने के लिए रखा था, लेकिन प्रशासनिक अधिकारी इसे नष्ट करना भूल गए. इस स्प्रीट में से भारी मात्रा में स्प्रिट गायब मिली है. मिली जानकारी के अनुसार कई ड्रमों के ढक्कन गायब हैं और ड्रम से स्प्रिट गायब है. ऐसी आशंका व्यक्त की जा रही है कि यह शराब थाने से ही गायब हुई है, जिससे लोगों की लगातार मौत हो रही है.
थाने से गायब स्प्रिट बनी काल: पीड़ितों ने जानकारी दी है कि मशरक बाजार में ही उन्होंने यह शराब खरीदी थी. इस मामले की जांच करने राज्य सरकार के उच्च स्तरीय टीम भी छपरा पहुंच गई है. जिन्होंने थाने में रखे शराब का जायजा लिया. जहां भारी पैमाने पर अनियमितता पाई गई. जहां शराब को खुले में रखा गया था जिसमें से कई ड्रम गायब पाए गए. ज्वाइंट कमिश्नर कृष्णा पासवान और डिप्टी सेक्रेटरी उत्पाद विभाग निरंजन कुमार इस मामले की जांच करने मसरख पहुंचे. हालांकि उन्होंने मीडिया से बात नहीं की.
शक के दायरे में दो चौकीदार:अधिकारिक सूत्रों से मिली खबर के अनुसार इस थाने के दो चौकीदार शक के दायरे में हैं, जिनमें जदु मोड़ इलाके का चौकीदार भी शामिल है, जिसे निलंबित कर दिया गया है. जदु मोड़ के पास और उसके संबंधित इलाके में भारी संख्या में जहरीली शराब से लोग बीमार हुए हैं. जिनमें से अब तक लगभग 57 लोगों की मौत हो गई है.
सभी थानों में चल रही जांच: ऐसे में इस मामले में पुलिस कर्मियों की लापरवाही कहें या फिर आपराधिक लापरवाही, लेकिन कहीं ना कहीं यह बड़ी चूक है. इसके बाद सरकार ने सभी थानों में जब्त शराब की जांच शुरू कर दी है. फिलहाल इस पूरी घटना के बाद डीएम और एसपी ने कहा है कि इसमें जो भी दोषी पाए जाएंगे उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. थाने में रखे शराब से अगर मौत की पुष्टि होती है तो इसमें कई अधिकारी नपेंगे. लेकिन, बड़ा सवाल ये है कि 2008 से लेकर अभी तक जब्त की गई जहरीली शराब को खुले आसमान के नीचे क्यों रखा गया है? आखिर इसे नष्ट क्यों नहीं किया गया?
छपरा जहरीली शराब कांड: बिहार के छपरा में जहरीली शराब से मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही (Suspected death in Chhapra due to poisonous liquor) है. अब तक 57 लोगों की मौत संदिग्ध जहरीला पदार्थ पीने से हुई है. सारण के मशरक, मढ़ौरा, इसुआपुर और अमनौर प्रखंड में ही ये मौतें हुईं हैं. इस मामले में पुलिस ने कार्रवाई करते हुए तस्करी करने वाले 153 धंधेबाजों को गिरफ्तार किया है. ऐसी आशंका जताई जा रही है मृतकों की संख्या बढ़ सकती है. क्योंकि कई लोगों की हालत गंभीर बनी हुई है. छपरा सदर अस्पताल, पीएमसीएच और एनएमसीएच में मरीजों का इलाज चल रहा है.
सिवान में भी मौत: जहरीली शराब का तांडव सारण के छपरा में देखने को मिल रहा है. विपक्ष इस मुद्दे को लेकर सदन में जमकर हंगामा कर रहा है. वहीं इसी बीच सिवान से पांच लोगों की मौत की खबर सामने आई है. सूत्रों के अनुसार इन लोगों की मौत का कारण भी जहरीली शराब का सेवन बताया जा रहा है. मामला भगवानपुर थाना क्षेत्र के ब्रह्मस्थान गांव का है. (Suspicious death of 5 people in Siwan)