वैशालीः विश्वप्रसिद्ध सोनपुर मेला बंद हो गया. स्थानीय लोगों और व्यवसाइयों ने मेला बंद करा दिया है. वे प्रशासन पर साजिश के तहत मेला बंद कराने का आरोप लगा रहे थे. थिएटर और झूला का लाइसेंस अबतक नहीं मिलने के कारण मेला से जुड़े लोग नाराज थे. शनिवार को बड़ी संख्या में लोग मेला घूमने पहुंचे थे, लेकिन उन्हें निराशा हाथ लगी. 25 नवंबर 2023 को सोनपुर के हरिहर क्षेत्र मेला का बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव ने उद्घाटन किया था.
नाराजगी की वजहः मेला बंद होने का मुख्य कारण थिएटर संचालन के लिए लाइसेंस नहीं देना बताया गया है. ऐसा माना जा रहा है कि थिएटर नहीं चालू होने का असर आने वाली भीड़ पर पड़ रहा था. सोनपुर मेला का मुख्य आकर्षण यहां का थिएटर बताया जाता है. भीड़ कम होने का असर मेले में लगाये गये दुकानों पर पड़ रहा था. बीते 7 दिनों से थिएटर संचालक लाइसेंस को लेकर जिला प्रशासन से गुहार लगा रहे थे, बावजूद लाइसेंस नहीं दिया गया. सोनपुर मेले में पांच थियेटरों को सजाया गया है. जिसमें 300 लड़कियों के अलावा करीब 1000 लोग प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार के लिए जुड़ते हैं.
आर्थिक क्षति हो रहीः सोनपुर नखास इलाके में लाखों का टेंडर किया जाता है. थिएटर संचालकों को जमीन के बदले लाखों रुपए देने पड़ते हैं. थिएटर को लाइसेंस नहीं मिलने से संचालकों को तो नुकसान होता ही है, उसमें काम करने वाले कर्मी को भी आर्थिक क्षति हो रही है. थिएटर को सजाने के लिए स्थानीय लोगो के अलावा बंगाल और पंजाब से कारीगर बुलाए जाते हैं. बंगाल, पंजाब, दिल्ली, गुवाहाटी, नेपाल के साथ साथ बिहार कई इलाकों से डांसर को लाया जाता है. थिएटर में काम करने वाली लड़कियों की औसत आमदनी एक महीने में 2 लाख रुपए के करीब होती है.
"मेला का स्थिति बहुत खराब हो गई है. परिसर में साफ सफाई नहीं हो रही है. मेरी दुकान को ठेकेदार ने बंद करवा दिया है. हम लोग यूपी के रहने वाले हैं. कपड़े की दुकान लगाये हैं" - एके सिंह, कपड़ा दुकानदार
सरकार पर उठ रहे सवालः उद्घाटन के दिन से ही बिहार सरकार की मंशा पर सवाल उठ रहे हैं. 25 नवंबर को जब मेले का उद्घाटन उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव कर रहे थे तब उन्हीं के पार्टी के स्थानीय विधायक राम अनुज प्रसाद राय ने कहा था कि सरकार दूसरी जगह मेला सजा रही है, लेकिन सोनपुर मेला को उजड़ा जाना नहीं चाहिए. उनका इशारा राजगीर मेले की ओर था. दरअसल कुछ दिन पहले ही राजगीर में लगे मलमास मेला में पहले दिन से ही थिएटर आदि को लाइसेंस दे दिया गया था. सोनपुर के चिड़िया मठ में आम लोगों और व्यवसाययों के बीच हुई बैठक में भी यह कहा गया कि सरकार सोनपुर मेला उजाड़ने की साजिश रच रही है.
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