भरतपुर : बीमा रकम को पाने के लिए एक कलयुगी बेटे ने अपने पिता को मौत के घाट उतार (son killed father for insurance money) दिया. साजिश के तहत कुछ महीने पहले ही उसने अपने पिता का 40 लाख रुपये का एक्सीडेंटल बीमा कराया था. उसके बाद से पिता की बीमा रकम पर उसकी नजर थी. अंततः उसने पिता को रास्ते से हटाने की साजिश रच डाली. अपने दो दोस्तों के साथ मिलकर पिता की हथौड़े से हत्या कर दी.
पुलिस ने कलयुगी बेटे और उसके दो साथियों को गिरफ्तार कर लिया है. यह घटना राजस्थान के भरतपुर जिले की है. डीग क्षेत्र के मौहकम सिंह अपने बेटे राजेश (30) के साथ फरीदाबाद में रहते थे. आरोपी बेटे राजेश के मन में अपने पिता का एक्सीडेंटल बीमा कराने और उनकी हत्या कर क्लेम उठाने का लालच आया. इसके लिए राजेश ने करीब तीन-चार महीने पहले पिता मौहकम के नाम से दो-तीन अलग-अलग बैंकों में 40 लाख रुपये का एक्सीडेंटल बीमा कराया था.
उसके बाद राजेश ने अपने दोस्त उत्तर प्रदेश के वृंदावन के रहने वाले कान्हा (22) और डीग निवासी बिजेंद्र (27) को पिता की हत्या की सुपारी दी. 24 दिसंबर को राजेश अपने पिता को लेकर उत्तर प्रदेश के कोसी पहुंचा. यहां कान्हा मिला, जिसके साथ पिता-पुत्र ने शराब पी और नाश्ता किया. इसके बाद राजेश ने 500 रुपये का हथौड़ा खरीदा. यहां से तीनों लोग बाइक पर सवार होकर गोवर्धन पहुंचे जहां पर बिजेंद्र मिला. चारों लोग दो मोटरसाइकिल पर सवार होकर दिदावली पुलिया के पास पहुंचे, जहां तीनों युवकों ने मिलकर मौहकम के सिर पर हथौड़े से वार किया. इसके बाद लाश को सड़क के किनारे फेंक दिया, जिससे यह दुर्घटना लगे.
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वारदात को अंजाम देकर तीनों आरोपी डीग के लिए रवाना हो गए, लेकिन यहां पर 24 दिसंबर की रात करीब नौ बजे ये तीनों युवक संदिग्ध हालत में एक मंदिर के पास दुकान की आड़ में नजर आए, जिन पर पुलिस की नजर पड़ी तो पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया. उनके पास से पुलिस को एक बड़ा हथौड़ा और दो मास्टर Key भी मिले. रात को पुलिस ने उनसे काफी पूछताछ की, लेकिन उनसे कोई खास जानकारी नहीं मिली.
उधर, 25 दिसंबर की तड़के 5.30 बजे पुलिस कंट्रोल रूम से शख्स की लाश मिलने की पुलिस को सूचना मिली. पुलिस घटनास्थल पर पहुंची तो लाश के पास कुछ कागजात मिले जिससे उसकी पहचान हो पाई. पोस्टमार्टम कराने पर सिर पर चोट के निशान पाए गए, लेकिन पूरे शरीर पर कहीं भी खून के निशान नहीं मिले. इससे मामला संदिग्ध बन गया. राजेश और उसके दो दोस्तों से पुलिस ने गहनता से पूछताछ की, जिसके बाद बीमा क्लेम के लालच में हत्या करने का उन्होंने जुर्म कबूल कर लिया.