ऋषिकेश: अंकिता भंडारी (ankita bhandari murder) के हत्यारों को जल्द से जल्द सजा मिल सके, इसके लिए एसआईटी की टीम तेजी से काम में जुटी हुई है. एसआईटी प्रभारी डीआईजी पी रेणुका देवी (SIT in charge DIG P Renuka Devi) के साथ एसआईटी की टीम एक बार फिर वनंत्रा रिजॉर्ट पहुंची और मौके का मुआयना और साक्ष्यों को जुटाया. एसआईटी प्रमुख पी रेणुका देवी के मुताबिक अंकिता भंडारी हत्याकांड में इस्तेमाल की गई एक स्कूटी और एक मोटरसाइकिल बरामद कर ली गई है. इसके साथ ही वनंत्रा रिजॉर्ट में काम कर चुके दंपति एवं अन्य संबंधित व्यक्तियों को भी पूछताछ के लिए बुलाया गया है.
एडीजी लॉ एंड ऑर्डर वी मुरुगेशन ने कहा पुलिस पूछताछ के लिए मीडिया में दिखाए गए दंपत्ति को भी बुला रही है. ताकि रिजॉर्ट की और हकीकत सामने आ सके. इसके साथ ही रिजॉर्ट के अंदर से मिले शिकायती पत्रों और रजिस्टर को भी एसआईटी ने जब्त कर लिया है. ईटीवी भारत ने शिकायती पत्रों को दिखाया था. उनका कहना है कि सबूत हासिल करने के लिए आरोपियों का पुलिस रिमांड लेने की कार्रवाई की जा रही है.
फॉरेंसिक एक्सपर्ट ने रिजॉर्ट से कई नमूने भी लिए हैं. एसआईटी की जांच की प्रगति का हाल जानने के लिए एडीजी लॉ एंड ऑर्डर वी मुरुगेशन भी पहुंचे. हालांकि, उन्होंने जांच से संबंधित किसी भी तरह की जानकारी को सावर्जनिक करने से इनकार दिया है. लेकिन उन्होंने कहा कि एसआईटी हर सबूत जुटा रही है, जिससे की एक मजबूत चार्जशीट तैयार कर अदालत में पेश की जा सके, जिससे आरोपियों को सख्त सजा मिले. वहीं, एसआईटी प्रभारी डीआईजी पी रेणुका देवी ने बताया कि सीसीटीवी फुटेज का लगातार परीक्षण जारी है. मोबाइल सर्विलांस के माध्यम से भी महत्वपूर्ण जानकारियां जुटाई गई हैं. प्रकरण से जुड़े अहम गवाहों के बयान दर्ज कर लिए गए हैं. पटवारी की संलिप्तता को लेकर को अभी कोई पूछताछ नहीं हुई है.
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मुख्य आरोपी के भाई अंकित ने ईटीवी से की बात: अंकिता हत्याकांड (ankita murder case) के मुख्य आरोपी पुलकित आर्य के बड़े भाई अंकित आर्य पहली बार ईटीवी भारत से इस मामले पर बात करने को राजी हुए. अंकित आर्य वही शख्स हैं, जिसको भारतीय जनता पार्टी ने राज्य मंत्री बनाया था, लेकिन भाई के इस कृत्य करने के बाद अंकित और उनके पिता विनोद आर्य को ना केवल पार्टी से बाहर निकाला गया, बल्कि तमाम पदों से भी निष्कासित भी कर दिया गया है. बता दें कि तीरथ सरकार में अंकित आर्य को राज्य मंत्री का दर्जा मिला था. वहीं, पिता विनोद आर्य त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार में राज्य मंत्री रहे थे.
पुलकित से मेरा संबंध खत्म हो गया था: ईटीवी भारत से अंकित आर्य ने कहा कि वह इस मामले पर वैसे तो कुछ नहीं कहना चाहते हैं. जो कुछ भी है, वह सबके सामने है. वह बेहद परेशान हैं. इसके साथ ही उनका पूरा परिवार भी परेशान है. क्योंकि पूरे परिवार को बिना जुर्म किए ही सजा मिल रही है. अंकित ने कहा पुलकित आर्य से उनका रिश्ता साल 2009 में किसी कारण से खत्म हो गया था. कभी-कभार बातचीत हो गई तो हो गई, वर्ना पुलकित आर्य से उनका कोई लेना-देना नहीं है. उन्होंने बताया कि पुलकित अपना काम देख रहा था और वह अपना काम देख रहे थे. उनकी एक फैक्ट्री है, जो फिलहाल रुड़की भगवानपुर के इमलीखेड़ा स्थित गांव में चल रही है.
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ईटीवी भारत: इतना सब कुछ हो गया, क्या आपको पहले नहीं कभी लगा कि वह इस तरह के काम में शामिल है?
अंकित आर्य: इस पर अंकित ने कहा मुझे तो तब पता लगता, जब मैं उसके संपर्क में होता. फिलहाल तो मैं बस यही कहना चाहता हूं कि जो भी दोषी है, उसे कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए. क्योंकि ना केवल एक बच्ची इस पूरे मामले में परिवार और हम सभी से दूर चली गई है. उसके साथ-साथ कई उम्मीदें भी टूट गई हैं. इस मामले पर जिस तरह से मीडिया ट्रायल के बाद परिवार को निशाना बनाया जा रहा है, उसके बाद परिवार पर भी खतरा बना हुआ है.
अंकित का छलका दर्द: अंकित आर्य ने कहा इस मामले के बाद हमें पारिवारिक, सामाजिक रूप और राजनीतिक रूप से जो क्षति पहुंची है, उसकी भरपाई शायद ही जीवन भर में हो पाए. फिलहाल मैं भी उत्तराखंड का बेटा हूं और मेरी पत्नी भी उत्तराखंड से ही है. बावजूद जिस तरह से हमारे बारे में समाज में बातें चल रही है, उससे हम बेहद दुखी हैं. हम किसी को यह भी नहीं बता पा रहे हैं कि इस वक्त हम कहां पर हैं.
ईटीवी भारत: क्या परिवार या पार्टी के लोगों ने आप से कोई संपर्क किया है?
अंकित आर्य: उन्होंने कहा नहीं इस वक्त हम से कोई बातचीत करने के लिए तैयार नहीं है. क्योंकि समाज में इस तरह की बातें बाहर आ गई हैं, जिनकी कोई भी बुनियाद नहीं है. जैसे हम को ही लोग आरोपी बना रहे हैं. हमारे पूरे परिवार का बस यही कहना है कि अगर पुलकित आरोपी है तो उसको सजा मिलनी चाहिए, लेकिन उसकी वजह से हमारे घर में छोटे-छोटे बच्चे और बूढ़े मां-पिता को झेलना न पड़े. पुलकित आर्य अपना परिवार चला रहा था और मैं अपना परिवार चला रहा हूं. हम एक घर में नहीं रहते हैं.