कोलकाता : जबरन वसूली आम अपराध है जिससे हम सभी वाकिफ हैं जिसमें अपराधी धमकियां देकर पीड़ितों से पैसे वसूलते हैं. लेकिन पीड़ितों को हनी ट्रैप में फंसाकर पैसे वसूलने को सेक्सटॉर्शन कहा जाता है. बंगाल में सेक्सटॉर्शन के मामले तेजी से फैल रहे हैं. मजबूरी में कुछ लोग शर्म और बदनामी से बचने के लिए सख्त कदम उठा लेते हैं. सतर्क रहकर ऐसे मामलों से बचा जा सकता है.
एक महीने पहले हुगली में सीपीएम के एक नेता ऐसे ही जाल में फंसे थे. आम लोग, स्कूल और कॉलेज जाने वाले छात्र अक्सर ऐसे अपराधों के शिकार हो जाते हैं. ऐसे में अब समय आ गया है कि इस संबंध में अलर्ट होकर जागरूकता बढ़ाई जाए. साइबर विशेषज्ञ और एथिकल हैकर मोहम्मद रजा अहमद ने कहा कि ये अपराध अक्सर फेसबुक मैसेंजर या व्हाट्सएप पर दोस्ती के जरिए होते हैं.
अहमद ने ईटीवी भारत को बताया कि 'सेक्सटॉर्शन में पुरुष या महिला सदस्य मोबाइल के जरिए बात कर एक-दूसरे का विश्वास हासिल करते हैं, फिर वीडियो कॉलिंग करने लगते हैं. जब दोनों के बीच वीडियो कॉल रूटीन हो जाती है तब किसी दिन अचानक से हनी ट्रैप में फंसाने वाला महिला या पुरुष वीडियो कॉल के दौरान ही निर्वस्त्र (nude) हो जाता है. इससे पहले कि दूसरी तरफ का व्यक्ति कुछ समझ पाए वह स्क्रीन शॉट ले लेता है. इसी अश्लील स्क्रीनशॉट से ब्लैकमेलिंग की शुरुआती होती है.'
अहमद के मुताबिक, सभी उम्र के लोगों को निशाना बनाया जा रहा है, हालांकि ज्यादातर मामलों में युवा और बुजुर्ग फंस रहे हैं. उन्होंने कहा कि इस तरह के जाल से बचने का पहला कदम अजनबियों के साथ वीडियो कॉल से बचना है. इसके अलावा सोशल मीडिया के जरिए किसी को भी व्यक्तिगत तस्वीरें न भेजें. यदि कोई ऐसे साइबर अपराधियों के जाल में फंस जाता है, तो उसे तुरंत पुलिस की मदद लेनी चाहिए.
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