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केरल रेप केस: सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की पीड़िता की आरोपी से शादी की याचिका

न्यायमूर्ति विनीत सरन और न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी की पीठ ने आज याचिका पर सुनवाई की. बता दें पीड़िता के साथ दुष्कर्म की घटना तब हुई थी जब वह नाबालिग थी. इससे पहले 2018 में भी शीर्ष अदालत में मामले की सुनवाई हुई थी, जहां अदालत ने इस आपराधिक मामले पर गंभीर निराशा व्यक्त की थी.

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Published : Aug 2, 2021, 1:59 PM IST

Updated : Aug 2, 2021, 4:05 PM IST

सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की पीड़िता की आरोपी से शादी की याचिका
सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की पीड़िता की आरोपी से शादी की याचिका

नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने केरल के कोट्टियूर में रहने वाली बलात्कार पीड़िता की उस याचिका को खारिज कर दिया है कि जिसमें उन्होंने उनके साथ दुष्कर्म करने वाले पूर्व पादरी से शादी करने की इजाजत मांगी थी. यह पूर्व पादरी 20 साल की कैद की सज़ा काट रहा है.

शीर्ष अदालत ने पूर्व पादरी की अलग से दायर याचिका भी खारिज कर दी. इस याचिका में उसने बलात्कार पीड़िता से शादी करने के लिए जमानत देने का आग्रह किया था. पीड़िता घटना के वक्त नाबालिग थी और उसने एक बच्चे को जन्म दिया है.

न्यायमूर्ति विनीत सरन और न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी की पीठ ने पूर्व पादरी से कहा, उच्च न्यायालय ने सोच-समझकर फैसला दिया है और हम उसके निर्णय में दखल नहीं देना चाहेंगे. पीठ ने पीड़िता से कहा कि वह पूर्व पादरी से शादी करने की अपनी याचिका को लेकर निचली अदालत जा सकती हैं.

पूर्व पादरी के वकील अमित जॉर्ज ने कहा कि उच्च न्यायालय ने इस मामले में शादी के संबंध में व्यापक निर्देश दिए हैं, जो एक मौलिक अधिकार है.

पढ़ें: केरल : रेप पीड़िता ने दोषी से शादी करने के लिए SC से मांगी सहमति

पीठ ने जॉर्ज से पूछा कि पीड़िता और पूर्व पादरी की क्या उम्र है, जिस पर उन्होंने कहा कि पूर्व पादरी 49 वर्ष का है जबकि पीड़िता की उम्र 25 साल है. शीर्ष अदालत ने जॉर्ज से कहा, “आपने स्वयं उच्च न्यायालय से व्यापक निर्देश आमंत्रित किए हैं और वह हस्तक्षेप नहीं करना चाहेंगे.'

नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने केरल के कोट्टियूर में रहने वाली बलात्कार पीड़िता की उस याचिका को खारिज कर दिया है कि जिसमें उन्होंने उनके साथ दुष्कर्म करने वाले पूर्व पादरी से शादी करने की इजाजत मांगी थी. यह पूर्व पादरी 20 साल की कैद की सज़ा काट रहा है.

शीर्ष अदालत ने पूर्व पादरी की अलग से दायर याचिका भी खारिज कर दी. इस याचिका में उसने बलात्कार पीड़िता से शादी करने के लिए जमानत देने का आग्रह किया था. पीड़िता घटना के वक्त नाबालिग थी और उसने एक बच्चे को जन्म दिया है.

न्यायमूर्ति विनीत सरन और न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी की पीठ ने पूर्व पादरी से कहा, उच्च न्यायालय ने सोच-समझकर फैसला दिया है और हम उसके निर्णय में दखल नहीं देना चाहेंगे. पीठ ने पीड़िता से कहा कि वह पूर्व पादरी से शादी करने की अपनी याचिका को लेकर निचली अदालत जा सकती हैं.

पूर्व पादरी के वकील अमित जॉर्ज ने कहा कि उच्च न्यायालय ने इस मामले में शादी के संबंध में व्यापक निर्देश दिए हैं, जो एक मौलिक अधिकार है.

पढ़ें: केरल : रेप पीड़िता ने दोषी से शादी करने के लिए SC से मांगी सहमति

पीठ ने जॉर्ज से पूछा कि पीड़िता और पूर्व पादरी की क्या उम्र है, जिस पर उन्होंने कहा कि पूर्व पादरी 49 वर्ष का है जबकि पीड़िता की उम्र 25 साल है. शीर्ष अदालत ने जॉर्ज से कहा, “आपने स्वयं उच्च न्यायालय से व्यापक निर्देश आमंत्रित किए हैं और वह हस्तक्षेप नहीं करना चाहेंगे.'

Last Updated : Aug 2, 2021, 4:05 PM IST
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