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जंग और नरसंहार: जेलेंस्की UNSC के समक्ष लगाएंगे गुहार, बाइडेन बोले- पुतिन पर चले मुकदमा

रूस और यूक्रेन के बीच जंग का आज 41वां दिन है.कीव के बाहरी इलाके से रूसी सैनिकों के हटने के बाद वहां सड़कों पर लाशों की ढेर नजर आई. इसको देख पूरी दुनिया ने रूस की कड़ी निंदा की है. इधर, अमेरिका ने रूस को मानवाधिकार परिषद से निलंबित करने का आह्वान किया है. जंग के बीच यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की आज संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को संबोधित करेंगे.

जंग और नरसंहार
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Published : Apr 5, 2022, 7:24 AM IST

Updated : Apr 5, 2022, 9:43 AM IST

कीव : यूक्रेन की सड़कों पर शव मिलने के बाद रूस की वैश्चिक स्तर पर निंदा हुई है. इधर, जंग के बीच आज यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) को संबोधित करेंगे. 24 फरवरी को यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद से जेलेंस्की पहली बार सुरक्षा परिषद को संबोधित करेंगे. बूचा में हुए जनसंहार के बाद उन्होंने इलाके का दौरा किया था. आज वे (जेलेंस्की) यूएनएससी में जंग और जनसंहार से जुड़े मामलों को पूरे जोर-शोर से उठाएंगे. इधर, बूचा जनसंहार पर अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पर युद्ध अपराध का मुकदमा चलाने का आह्वान किया और कहा कि यूक्रेन में अत्याचार की खबरों के बाद वह और प्रतिबंध चाहते हैं. बाइडन ने कहा, आपने देखा कि बुचा में क्या हुआ. उन्होंने कहा, पुतिन युद्ध अपराधी है. वहीं, जेलेंस्की ने रूस के इस कदम को ‘जनसंहार’ करार दिया और पश्चिमी देशों से रूस के खिलाफ और सख्त पाबंदी की अपील की. वहीं, अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने कहा कि यूक्रेन पर आक्रमण से संबंधित मुद्दों पर रूस संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में अपने वीटो का इस्तेमाल करना आगे भी जारी रखेगा.

यूक्रेन की महा अभियोजक इरयाना वेनेदिक्तोवा ने बताया कि कीव इलाके के कस्बों से अबतक 410 शवों को हटाया गया. इन कस्बों को हाल में रूसी बलों से मुक्त कराया गया था. बाइडेन ने कहा, हम यूक्रेन को हथियार देना जारी रखेंगे जिसकी उन्हें लड़ाई जारी रखने के लिए जरूरत है. हम इसकी (बुचा कांड) विस्तृत जानकारी एकत्रित कर रहे हैं ताकि यह देखा जाए कि वास्तव में युद्ध अपराध का मुकदमा चलाया जा सकता है या नहीं. बाइडन ने पुतिन को आड़े हाथ लेते हुए उन्हें ‘क्रूर’ करार दिया. उन्होंने कहा, जो भी बुचा में हुआ वह क्रूर है और सभी ने यह देखा है.

संयुक्त राष्ट्र की मानवाधिकार संस्था की प्रमुख ने यूक्रेन के बूचा शहर में हुई घटनाओं की स्वतंत्र और प्रभावी जांच की मांग की है.संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त मिशेल बाचेलेट ने सोमवार को एक बयान में कहा कि वह सड़कों पर पड़े शवों और कब्रगाहों की तस्वीरों से डर गई हैं. उन्होंने कहा कि बुचा और अन्य क्षेत्रों से मिली रिपोर्ट संभावित युद्ध अपराधों, अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार कानून के घोर उल्लंघन के बारे में गंभीर और परेशान करने वाले सवाल उठाती हैं.

पढ़ें : जंग जारी है: यूक्रेन में मिले सैकड़ों शव, जेलेंस्की ने कहा- रूसी हमला नरसंहार के समान

इधर, ब्रिटेन ने रूस द्वारा यूक्रेन में नागरिकों की बर्बरतापूर्ण हत्याओं की निंदा की है, हालांकि उसने मास्को के कृत्यों को नरसंहार नहीं कहा. प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के प्रवक्ता मैक्स ब्लेन ने कहा कि हाल में रूस से वापस कब्जे में लिए गए क्षेत्रों में पाए गए शव बेकसूर नागरिकों के खिलाफ घृणित हमले दिखाते हैं. ऐसे ही और भी कई सबूत हैं कि पुतिन और उनकी सेना यूक्रेन में युद्ध अपराध कर रहे हैं. वहीं, रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने यूक्रेन के उन आरोपों को खारिज किया कि रूसी सैनिकों ने उसके नागरिकों के खिलाफ बर्बरता की. दूसरी तरफ भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने इजरायली समकक्ष बेनेट से यूक्रेन की मौजूदा स्थिति सहित अन्य वैश्विक मुद्दों पर चर्चा की है.

यूक्रेन के बूचा शहर में मिले सैकड़ों शव

बता दें कि, रूस के अपने सैनिकों को पीछे हटाने के बाद यूक्रेन की राजधानी कीव की बाहरी सीमा पर मिले शव बर्बरता की तरफ इशारा कर रहे हैं, क्योंकि कुछ के हाथ भी बंधे थे, तो कुछ को नजदीक से गोली मारी गई थी. यूक्रेन के अधिकारियों ने बताया कि कीव क्षेत्र के कस्बों में 410 नागरिकों के शव मिले हैं.यूक्रेन के अधिकारियों ने आरोप लगाया है कि क्षेत्र से लौटने से पहले सेना ने युद्ध अपराधों को अंजाम दिया है और वह अपने ‘‘पीछे एक भयावह मंजर छोड़ गए हैं. यूक्रेन के शहर बूचा से इन शवों की तस्वीरें सामने आने के बाद यूरोपीय नेताओं ने अत्याचार की निंदा की और रूस के खिलाफ सख्त प्रतिबंध लगाने का आह्वान किया. जर्मनी की रक्षा मंत्री क्रिसटीन लैम्ब्रेक्ट ने यूरोपीय संघ से रूसी गैस पर प्रतिबंध लगाने पर विचार करने का आग्रह किया है.

‘द एसोसिएटेड प्रेस’ के पत्रकारों ने राजधानी के उत्तर-पश्चिम में बुचा के आसपास विभिन्न स्थानों पर कम से कम 21 लोगों के शव देखे. नौ लोगों के शव एक-साथ देखे, सभी के कपड़ों से उनके असैन्य नागरिक होने का पता चल रहा था. शव ऐसी जगह पड़े थे, जिसके बारे में निवासियों का कहना है कि रूसी सैनिकों ने इसे अपना अड्डा बना रखा था। इनमें से कम से कम दो के हाथ बंधे थे, एक शव पर सिर में गोली लगने और दूसरे के पांव में गोली लगने के निशान थे.

कीव : यूक्रेन की सड़कों पर शव मिलने के बाद रूस की वैश्चिक स्तर पर निंदा हुई है. इधर, जंग के बीच आज यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) को संबोधित करेंगे. 24 फरवरी को यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद से जेलेंस्की पहली बार सुरक्षा परिषद को संबोधित करेंगे. बूचा में हुए जनसंहार के बाद उन्होंने इलाके का दौरा किया था. आज वे (जेलेंस्की) यूएनएससी में जंग और जनसंहार से जुड़े मामलों को पूरे जोर-शोर से उठाएंगे. इधर, बूचा जनसंहार पर अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पर युद्ध अपराध का मुकदमा चलाने का आह्वान किया और कहा कि यूक्रेन में अत्याचार की खबरों के बाद वह और प्रतिबंध चाहते हैं. बाइडन ने कहा, आपने देखा कि बुचा में क्या हुआ. उन्होंने कहा, पुतिन युद्ध अपराधी है. वहीं, जेलेंस्की ने रूस के इस कदम को ‘जनसंहार’ करार दिया और पश्चिमी देशों से रूस के खिलाफ और सख्त पाबंदी की अपील की. वहीं, अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने कहा कि यूक्रेन पर आक्रमण से संबंधित मुद्दों पर रूस संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में अपने वीटो का इस्तेमाल करना आगे भी जारी रखेगा.

यूक्रेन की महा अभियोजक इरयाना वेनेदिक्तोवा ने बताया कि कीव इलाके के कस्बों से अबतक 410 शवों को हटाया गया. इन कस्बों को हाल में रूसी बलों से मुक्त कराया गया था. बाइडेन ने कहा, हम यूक्रेन को हथियार देना जारी रखेंगे जिसकी उन्हें लड़ाई जारी रखने के लिए जरूरत है. हम इसकी (बुचा कांड) विस्तृत जानकारी एकत्रित कर रहे हैं ताकि यह देखा जाए कि वास्तव में युद्ध अपराध का मुकदमा चलाया जा सकता है या नहीं. बाइडन ने पुतिन को आड़े हाथ लेते हुए उन्हें ‘क्रूर’ करार दिया. उन्होंने कहा, जो भी बुचा में हुआ वह क्रूर है और सभी ने यह देखा है.

संयुक्त राष्ट्र की मानवाधिकार संस्था की प्रमुख ने यूक्रेन के बूचा शहर में हुई घटनाओं की स्वतंत्र और प्रभावी जांच की मांग की है.संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त मिशेल बाचेलेट ने सोमवार को एक बयान में कहा कि वह सड़कों पर पड़े शवों और कब्रगाहों की तस्वीरों से डर गई हैं. उन्होंने कहा कि बुचा और अन्य क्षेत्रों से मिली रिपोर्ट संभावित युद्ध अपराधों, अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार कानून के घोर उल्लंघन के बारे में गंभीर और परेशान करने वाले सवाल उठाती हैं.

पढ़ें : जंग जारी है: यूक्रेन में मिले सैकड़ों शव, जेलेंस्की ने कहा- रूसी हमला नरसंहार के समान

इधर, ब्रिटेन ने रूस द्वारा यूक्रेन में नागरिकों की बर्बरतापूर्ण हत्याओं की निंदा की है, हालांकि उसने मास्को के कृत्यों को नरसंहार नहीं कहा. प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के प्रवक्ता मैक्स ब्लेन ने कहा कि हाल में रूस से वापस कब्जे में लिए गए क्षेत्रों में पाए गए शव बेकसूर नागरिकों के खिलाफ घृणित हमले दिखाते हैं. ऐसे ही और भी कई सबूत हैं कि पुतिन और उनकी सेना यूक्रेन में युद्ध अपराध कर रहे हैं. वहीं, रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने यूक्रेन के उन आरोपों को खारिज किया कि रूसी सैनिकों ने उसके नागरिकों के खिलाफ बर्बरता की. दूसरी तरफ भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने इजरायली समकक्ष बेनेट से यूक्रेन की मौजूदा स्थिति सहित अन्य वैश्विक मुद्दों पर चर्चा की है.

यूक्रेन के बूचा शहर में मिले सैकड़ों शव

बता दें कि, रूस के अपने सैनिकों को पीछे हटाने के बाद यूक्रेन की राजधानी कीव की बाहरी सीमा पर मिले शव बर्बरता की तरफ इशारा कर रहे हैं, क्योंकि कुछ के हाथ भी बंधे थे, तो कुछ को नजदीक से गोली मारी गई थी. यूक्रेन के अधिकारियों ने बताया कि कीव क्षेत्र के कस्बों में 410 नागरिकों के शव मिले हैं.यूक्रेन के अधिकारियों ने आरोप लगाया है कि क्षेत्र से लौटने से पहले सेना ने युद्ध अपराधों को अंजाम दिया है और वह अपने ‘‘पीछे एक भयावह मंजर छोड़ गए हैं. यूक्रेन के शहर बूचा से इन शवों की तस्वीरें सामने आने के बाद यूरोपीय नेताओं ने अत्याचार की निंदा की और रूस के खिलाफ सख्त प्रतिबंध लगाने का आह्वान किया. जर्मनी की रक्षा मंत्री क्रिसटीन लैम्ब्रेक्ट ने यूरोपीय संघ से रूसी गैस पर प्रतिबंध लगाने पर विचार करने का आग्रह किया है.

‘द एसोसिएटेड प्रेस’ के पत्रकारों ने राजधानी के उत्तर-पश्चिम में बुचा के आसपास विभिन्न स्थानों पर कम से कम 21 लोगों के शव देखे. नौ लोगों के शव एक-साथ देखे, सभी के कपड़ों से उनके असैन्य नागरिक होने का पता चल रहा था. शव ऐसी जगह पड़े थे, जिसके बारे में निवासियों का कहना है कि रूसी सैनिकों ने इसे अपना अड्डा बना रखा था। इनमें से कम से कम दो के हाथ बंधे थे, एक शव पर सिर में गोली लगने और दूसरे के पांव में गोली लगने के निशान थे.

Last Updated : Apr 5, 2022, 9:43 AM IST
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