नयी दिल्ली/पटनाः बिहार में जहरीली शराब (Poisonous Liquor) से मौत का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है. गोपालगंज और बेतिया में जहरीली शराब पीने से लगभग 40 लोगों की मौत हो चुकी है. इस मामले में सियासी बयानबाजी भी शुरू है.
राजद सांसद मनोज झा ने लोगों की मौत को हत्या करार दिया है. उन्होंने कहा है कि बिहार में ब्यूरोक्रेटिक पॉलिटिकल नेक्सस (Bureaucratic Political Nexus) पैदा हो गया है. इसमें सत्ता पक्ष के मंत्री और कई नेता शामिल हैं.
राजद सांसद मनोज झा ने कहा कि बिहार में जहरीली शराब से जितने लोग मरे हैं, उनकी हत्या की गई है. जहरीली शराब देकर हत्या की गई है. 5 साल पहले बिहार में शराबबंदी लागू हुई थी. उसके बाद बिहार में ब्यूरोक्रेटिक पॉलिटिकल नेक्सस पैदा हो गया. इसमें सत्ता पक्ष के बड़े मंत्री, विधायक, सरकार के करीबी अधिकारी शामिल हैं. इन लोगों की पकड़ शहर से लेकर गांव के गलियों तक है. मामले की निष्पक्षता से जांच होनी चाहिए. बड़े-बड़े चेहरे बेनकाब हो जाएंगे.
उन्होंने बताया कि अभी छोटे-छोटे पुलिस अधिकारी व अन्य लोगों को गिरफ्तार किया जा रहा है. ये सब बहुत छोटी मछलियां हैं. इन लोगों को पकड़कर बड़ी मछलियों से ध्यान भटकाने की कोशिश की जा रही है लेकिन ऐसा नहीं चलेगा. जो बड़े चेहरे हैं उनको तो गिरफ्तार करना ही पड़ेगा.
गरीब लोगाें की मौत हुई है. उनके परिवार को सहारा अब कौन देगा. सरकार को मोटा मुआवजा भी देना चाहिए और जो भी दोषी हैं उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए.
बता दें गोपालगंज और बेतिया में जहरीली शराब पीने से लगभग 40 लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं बड़ी संख्या में लोगों का अस्पताल में इलाज भी चल रहा है. कई लोगों की आंख की रोशनी चली गई है. समस्तीपुर में भी कथित ताैर पर जहरीली शराब से चार मौत हुई है. मरने वालों में बीएसएफ के सब इंस्पेक्टर और एक आर्मी के जवान भी शामिल हैं.
अधिकारियों का कहना है कि जो अभी तथ्य सामने आ रहे हैं, उससे लग रहा है कि स्प्रिट से शराब बनाने का प्रयास किया गया है. शराब कारोबारियों पर नकेल कसने के लिए पुलिस लगातार छापेमारी कर रही है. गिरफ्तारियां भी हुई हैं. दूसरी तरफ विपक्ष इस मुद्दे पर लगातार बिहार सरकार को घेर रहा है.
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