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Bihar News : चूहों ने बिहार में फिर कुतरा बांध, गांव में घुसा गंडक नहर का पानी, तबाही से हाहाकार

बिहार के सिवान में गंडक नहर का पानी तेजी से गांव में घुसने लगा. ग्रामीण हैरान थे कि ना मानसून आया, ना ही बारिश हुई फिर भी बिन बरसात ये आफत कैसे आ गई? उनको जिम्मेदारों से इसका जवाब मिला कि 'ये सब चूहों का किया धरा है'. सबकुछ आंखों के सामने चौपट होता देख गांव वालों ने माथा पकड़ लिया. पढ़ें पूरी खबर-

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Published : Jun 15, 2023, 3:44 PM IST

Updated : Jun 15, 2023, 8:20 PM IST

न जाने कितने चूहे कई अफसरों की नौकरी बचा रहे हैं?

सिवान : बिहार में लोगों को मानसून का इंतजार है. अगले कुछ दिनों में पूरे राज्‍य में बारिश के आसार हैं. सीएम नीतीश कुमार समीक्षा पर समीक्षा बैठक किए जा रहे हैं, इसी बीच बिहार के सिवान में गंडक नहर पर बना बांध क्षतिग्रस्‍त हो जाने से निचले इलाकों में पानी घुसने लगता है. खास बात ये है कि इस बांध के टूटने की वजह चूहों को बताया जा रहा है. गांव वाले असमय पानी घुस आने से त्राहिमाम कर रहे हैं.

ये भी पढ़ें- पहले शराब गटका... फिर बांध काटा... अब चूहे लगा रहे रेलवे को चूना...

फिर चूहे कुतर गए बांध : सिवान जिले के लकड़ी नवीगंज थाना क्षेत्र के खासपुर गांव में जहां तक नजर जा रही है सिर्फ पानी ही पानी दिख रहा है. तबाही का ये मंजर देखकर हर कोई हैरान है. हैरानी और भी बढ़ गई जब जिम्मेदारों ने इसका इल्जाम चूहों पर डाल दिया. वैसे भी, चूहे सफाई देने तो आएंगे नहीं, लिहाजा मेंटिनेंस में लापरवाही का ठीकरा चूहों पर फोड़ दिया गया.

''सुबह बांध टूटने की जानकारी मिली थी. निरिक्षण के बाद पाया गया कि बांध चूहा या लोमड़ी के मिट्टी खोदने से टूटा है. मिट्टी का बैग भरवाया जा रहा है. साथ ही बांस कटवाकर भी डाला जा रहा है. किसी जानमाल के नुकसान की खबर नहीं है. लेकिन खेत में पानी घुस गया है.'' - ब्रजेश कुमार सिंह, एसडीओ, गंडक नहर विभाग

बांध के टूटने से गांव में तबाही का मंजर : दरअसल, चूहों ने बांध को कुतर-कुतर कर खोखला कर दिया था. जब नहर में खेती के लिए पानी छोड़ा गया तो चूहों के बिल से पानी पास होने लगा और फिर बांध का बड़ा हिस्सा कटकर बह गया. फिलहाल गांव में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं. कुछ ग्रामीण सड़कों पर शरण लेने को मजबूर हैं. बता दें कि ये कोई पहला मामला नहीं है, बिहार में इससे पहले भी चूहों के शराब पीने, नालों को जाम करने व बांध कुतरने की खबरें मिल चुकी हैं. आगे ग्राफिक्स में जानिए कब-कब चूहों ने किया कारनामा-

बिहार में चूहों ने कब कब कुतरा बांध?
बिहार में चूहों ने कब कब कुतरा बांध?

चूहों पर कब कब लगे इल्जाम ? : साल 2017 में जब शराबबंदी के बाद पुलिस ने पटना में शराब जब्त की तो जब्त की गई मात्रा से कम शराब बरामद हुई थी. जब इस बारे में तत्कालीन पटना एसएसपी से पूछा गया था तो तब भी इन चूहों पर इल्जाम लगाकर पुलिस बच गई. वहीं साल 2019 में पटना में ही चूहों ने 21 हजार रुपए का हीरा पार कर दिया. सीसीटीवी खंगाला गया तो चूहे की कारस्तानी सामने आई थी. चूहों ने वर्ष 2021 में जहानाबाद जिले के रेफरल अस्पताल की डिजिटल एक्सरे मशीन तक कुतर डाली थी. जब पूछा गया तो चूहों को ही इसका जिम्मेदार ठहराया गया.

दारू गटक गए बांध कुतर गए चूहे : कैमूर में गोदाम में रखी उत्पाद विभाग की जब्त शराब में 10 हजार लीटर शराब कम पाई गई. जब इसकी जांच की गई तो चूहों को फिर दोषी बताते हुए दारू गटक जाने का इल्जाम लगा. 2022 में वैशाली में गंडक नहर का बांध जब टूटा तो चूहों को ही जिम्मेदार बताया गया. यहां भी ठीक सिवान जैसे हालात थे. गांव में चूहों की वजह से ही पानी घुस आया था.

न जाने कितने चूहे कई अफसरों की नौकरी बचा रहे हैं?

सिवान : बिहार में लोगों को मानसून का इंतजार है. अगले कुछ दिनों में पूरे राज्‍य में बारिश के आसार हैं. सीएम नीतीश कुमार समीक्षा पर समीक्षा बैठक किए जा रहे हैं, इसी बीच बिहार के सिवान में गंडक नहर पर बना बांध क्षतिग्रस्‍त हो जाने से निचले इलाकों में पानी घुसने लगता है. खास बात ये है कि इस बांध के टूटने की वजह चूहों को बताया जा रहा है. गांव वाले असमय पानी घुस आने से त्राहिमाम कर रहे हैं.

ये भी पढ़ें- पहले शराब गटका... फिर बांध काटा... अब चूहे लगा रहे रेलवे को चूना...

फिर चूहे कुतर गए बांध : सिवान जिले के लकड़ी नवीगंज थाना क्षेत्र के खासपुर गांव में जहां तक नजर जा रही है सिर्फ पानी ही पानी दिख रहा है. तबाही का ये मंजर देखकर हर कोई हैरान है. हैरानी और भी बढ़ गई जब जिम्मेदारों ने इसका इल्जाम चूहों पर डाल दिया. वैसे भी, चूहे सफाई देने तो आएंगे नहीं, लिहाजा मेंटिनेंस में लापरवाही का ठीकरा चूहों पर फोड़ दिया गया.

''सुबह बांध टूटने की जानकारी मिली थी. निरिक्षण के बाद पाया गया कि बांध चूहा या लोमड़ी के मिट्टी खोदने से टूटा है. मिट्टी का बैग भरवाया जा रहा है. साथ ही बांस कटवाकर भी डाला जा रहा है. किसी जानमाल के नुकसान की खबर नहीं है. लेकिन खेत में पानी घुस गया है.'' - ब्रजेश कुमार सिंह, एसडीओ, गंडक नहर विभाग

बांध के टूटने से गांव में तबाही का मंजर : दरअसल, चूहों ने बांध को कुतर-कुतर कर खोखला कर दिया था. जब नहर में खेती के लिए पानी छोड़ा गया तो चूहों के बिल से पानी पास होने लगा और फिर बांध का बड़ा हिस्सा कटकर बह गया. फिलहाल गांव में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं. कुछ ग्रामीण सड़कों पर शरण लेने को मजबूर हैं. बता दें कि ये कोई पहला मामला नहीं है, बिहार में इससे पहले भी चूहों के शराब पीने, नालों को जाम करने व बांध कुतरने की खबरें मिल चुकी हैं. आगे ग्राफिक्स में जानिए कब-कब चूहों ने किया कारनामा-

बिहार में चूहों ने कब कब कुतरा बांध?
बिहार में चूहों ने कब कब कुतरा बांध?

चूहों पर कब कब लगे इल्जाम ? : साल 2017 में जब शराबबंदी के बाद पुलिस ने पटना में शराब जब्त की तो जब्त की गई मात्रा से कम शराब बरामद हुई थी. जब इस बारे में तत्कालीन पटना एसएसपी से पूछा गया था तो तब भी इन चूहों पर इल्जाम लगाकर पुलिस बच गई. वहीं साल 2019 में पटना में ही चूहों ने 21 हजार रुपए का हीरा पार कर दिया. सीसीटीवी खंगाला गया तो चूहे की कारस्तानी सामने आई थी. चूहों ने वर्ष 2021 में जहानाबाद जिले के रेफरल अस्पताल की डिजिटल एक्सरे मशीन तक कुतर डाली थी. जब पूछा गया तो चूहों को ही इसका जिम्मेदार ठहराया गया.

दारू गटक गए बांध कुतर गए चूहे : कैमूर में गोदाम में रखी उत्पाद विभाग की जब्त शराब में 10 हजार लीटर शराब कम पाई गई. जब इसकी जांच की गई तो चूहों को फिर दोषी बताते हुए दारू गटक जाने का इल्जाम लगा. 2022 में वैशाली में गंडक नहर का बांध जब टूटा तो चूहों को ही जिम्मेदार बताया गया. यहां भी ठीक सिवान जैसे हालात थे. गांव में चूहों की वजह से ही पानी घुस आया था.

Last Updated : Jun 15, 2023, 8:20 PM IST
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