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मायावती चुनाव नहीं लड़ीं, क्योंकि सीबीआई, ईडी, पेगासस का डर था : राहुल गांधी - राहुल गांधी

कांग्रेस नेता राहुल गांधी दिल्ली के जवाहर भवन में पूर्व आईएएस अधिकारी के. राजू के निबंध संग्रह 'द दलित ट्रुथ' का विमोचन किया. इस मौके पर राहुल गांधी ने कहा कि वह सत्ता के बीच पैदा हुए, लेकिन उनकी इसमें कोई दिलचस्पी नहीं है.

राहुल गांधी
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Published : Apr 9, 2022, 2:03 PM IST

Updated : Apr 9, 2022, 3:19 PM IST

नई दिल्ली : पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने शनिवार को दिल्ली में एक पुस्तक विमोचन कार्यक्रम (book-launch event) में कहा कि पेगासस, केंद्रीय जांच एजेंसी (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के दबाव व डर की वजह से बसपा प्रमुख मायावती इस बार उत्तर प्रदेश विधानसभा का चुनाव नहीं लड़ीं. राहुल गांधी ने कहा, 'हमने मायावती जी को मैसेज दिया गठबंधन करिए, मुख्यमंत्री बनिए, उन्होंने बात तक नहीं की. सीबीआई और ईडी से डरती हैं वो. कांशीराम ने दलितों को आवाज दी, दलितों को जगाया लेकिन आज मायावती कहती हैं कि वह दलितों की आवाज के लिए नहीं लड़ेंगी.'

कांग्रेस नेता राहुल गांधी की मायावती पर टिप्पणी

राहुल गांधी ने दिल्ली के जवाहर भवन में शनिवार को 'द दलित ट्रुथ' किताब की लॉन्चिंग के मौके पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) पर भी तीखा प्रहार किया. उन्होंने कहा कि हमें संविधान की रक्षा करनी है. संविधान को बचाने के लिए हमें अपनी संस्थाओं की रक्षा करनी होगी. लेकिन सारी संस्थाएं आरएसएस के हाथ में हैं. उन्होंने कहा कि 'संस्थान के बिना संविधान' का कोई मतलब नहीं है, क्योंकि संस्थान के बिना संविधान को लागू नहीं किया जा सकता.

राहुल गांधी ने कहा कि संविधान पर यह आक्रमण उस दिन से शुरू हुआ था जब महात्मा गांधी की छाती में तीन गोलियां भेदी गईं. उन्होंने कहा कि बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर ने हमें संविधान जैसा अधिकार दिया, मगर आज इसका कोई मतलब नहीं है क्योंकि पैगसेस, सीबीआई, ईडी आदि संस्थान मिलकर संविधान को लागू किए जाने से रोक रहे हैं. उन्होंने कहा कि जब तक जनता के अंदर से आवाज नहीं निकलेगी, संविधान अपना काम नहीं कर सकता. संविधान पर चोट यानी सीधी चोट देश के सबसे कमजोर आदमी पर पड़ती है. आज अर्थव्यवस्था और बेरोजगारी का हाल देश में सबके सामने है. इनसे लड़ने की जरूरत है. अंबेडकर ने, महागांधी ने जो रास्ता दिखाया था उस पर चलने की जरूरत है.

राहुल गांधी का सत्ता को लेकर बयान

'मैं सत्ता के बीच पैदा हुआ, पर इसमें कोई दिलचस्पी नहीं'
राहुल गांधी ने कहा, 'मैं सत्ता के बीच में पैदा हुआ और बड़ी अजीब सी बीमारी है कि मुझे उसमें कोई दिलचस्पी नहीं है. मैं अपने देश को समझने की कोशिश कर रहा हूं. इस कोशिश में ही मुझे पता चला कि दुनिया में एकमात्र भारत ऐसा देश है जहां पर छुआछूत आज भी मौजूद है. एक व्यक्ति दूसरे व्यक्ति को केवल उसकी जाति की वजह से पसंद नहीं करता है. उन्होंने कहा कि देश को इस सोच से उभरने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि देश में आज ऐसे नेता हैं जो सिर्फ सत्ता के लिए जी रहे हैं. वे हर समय सत्ता प्राप्त करने पर विचार करते हैं.

राहुल गांधी ने कहा, मेरे देश ने बिना कोई कारण मुझे इतना प्यार दिया. यह देश का कर्ज है मेरे ऊपर इसलिए मैं देश को लगातार समझने की कोशिश में जुटा हूं. हालांकि देश ने मुझे बहुत जूते भी मारे, मुझे दर्द भी हुआ, पर मैं जानता हूं कि विदेश मुझे सिखाना चाहता है इसलिए मैं देश को समझने की कोशिश करता हूं. उन्होंने कहा कि मैंने वह दौर भी देखा, जब देश में केवल व्यक्ति की जाति या धर्म की वजह से उसे लाठियों से जानवरों की तरह पीटा गया. यह केवल देश में दलितों के साथ हो रहा है.

यह भी पढ़ें- एसजीपीसी ने माता साहिब कौर पर आधारित फिल्म पर बैन लगाने की मांग की

नई दिल्ली : पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने शनिवार को दिल्ली में एक पुस्तक विमोचन कार्यक्रम (book-launch event) में कहा कि पेगासस, केंद्रीय जांच एजेंसी (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के दबाव व डर की वजह से बसपा प्रमुख मायावती इस बार उत्तर प्रदेश विधानसभा का चुनाव नहीं लड़ीं. राहुल गांधी ने कहा, 'हमने मायावती जी को मैसेज दिया गठबंधन करिए, मुख्यमंत्री बनिए, उन्होंने बात तक नहीं की. सीबीआई और ईडी से डरती हैं वो. कांशीराम ने दलितों को आवाज दी, दलितों को जगाया लेकिन आज मायावती कहती हैं कि वह दलितों की आवाज के लिए नहीं लड़ेंगी.'

कांग्रेस नेता राहुल गांधी की मायावती पर टिप्पणी

राहुल गांधी ने दिल्ली के जवाहर भवन में शनिवार को 'द दलित ट्रुथ' किताब की लॉन्चिंग के मौके पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) पर भी तीखा प्रहार किया. उन्होंने कहा कि हमें संविधान की रक्षा करनी है. संविधान को बचाने के लिए हमें अपनी संस्थाओं की रक्षा करनी होगी. लेकिन सारी संस्थाएं आरएसएस के हाथ में हैं. उन्होंने कहा कि 'संस्थान के बिना संविधान' का कोई मतलब नहीं है, क्योंकि संस्थान के बिना संविधान को लागू नहीं किया जा सकता.

राहुल गांधी ने कहा कि संविधान पर यह आक्रमण उस दिन से शुरू हुआ था जब महात्मा गांधी की छाती में तीन गोलियां भेदी गईं. उन्होंने कहा कि बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर ने हमें संविधान जैसा अधिकार दिया, मगर आज इसका कोई मतलब नहीं है क्योंकि पैगसेस, सीबीआई, ईडी आदि संस्थान मिलकर संविधान को लागू किए जाने से रोक रहे हैं. उन्होंने कहा कि जब तक जनता के अंदर से आवाज नहीं निकलेगी, संविधान अपना काम नहीं कर सकता. संविधान पर चोट यानी सीधी चोट देश के सबसे कमजोर आदमी पर पड़ती है. आज अर्थव्यवस्था और बेरोजगारी का हाल देश में सबके सामने है. इनसे लड़ने की जरूरत है. अंबेडकर ने, महागांधी ने जो रास्ता दिखाया था उस पर चलने की जरूरत है.

राहुल गांधी का सत्ता को लेकर बयान

'मैं सत्ता के बीच पैदा हुआ, पर इसमें कोई दिलचस्पी नहीं'
राहुल गांधी ने कहा, 'मैं सत्ता के बीच में पैदा हुआ और बड़ी अजीब सी बीमारी है कि मुझे उसमें कोई दिलचस्पी नहीं है. मैं अपने देश को समझने की कोशिश कर रहा हूं. इस कोशिश में ही मुझे पता चला कि दुनिया में एकमात्र भारत ऐसा देश है जहां पर छुआछूत आज भी मौजूद है. एक व्यक्ति दूसरे व्यक्ति को केवल उसकी जाति की वजह से पसंद नहीं करता है. उन्होंने कहा कि देश को इस सोच से उभरने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि देश में आज ऐसे नेता हैं जो सिर्फ सत्ता के लिए जी रहे हैं. वे हर समय सत्ता प्राप्त करने पर विचार करते हैं.

राहुल गांधी ने कहा, मेरे देश ने बिना कोई कारण मुझे इतना प्यार दिया. यह देश का कर्ज है मेरे ऊपर इसलिए मैं देश को लगातार समझने की कोशिश में जुटा हूं. हालांकि देश ने मुझे बहुत जूते भी मारे, मुझे दर्द भी हुआ, पर मैं जानता हूं कि विदेश मुझे सिखाना चाहता है इसलिए मैं देश को समझने की कोशिश करता हूं. उन्होंने कहा कि मैंने वह दौर भी देखा, जब देश में केवल व्यक्ति की जाति या धर्म की वजह से उसे लाठियों से जानवरों की तरह पीटा गया. यह केवल देश में दलितों के साथ हो रहा है.

यह भी पढ़ें- एसजीपीसी ने माता साहिब कौर पर आधारित फिल्म पर बैन लगाने की मांग की

Last Updated : Apr 9, 2022, 3:19 PM IST
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