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ज्ञानपीठ पुरस्कार प्राप्त प्रोफेसर रहमान राही का निधन

महान साहित्यकार, प्रतिष्ठित कवि और ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित प्रोफेसर रहमान राही का सोमवार को निधन हो गया.

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Published : Jan 9, 2023, 11:48 AM IST

Updated : Jan 9, 2023, 4:17 PM IST

श्रीनगर : कश्मीर के जानेमाने साहित्यकार, प्रतिष्ठित कवि और ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित प्रोफेसर रहमान राही का सोमवार को निधन हो गया. उनका निधन श्रीनगर में उनके विचारनाग आवास पर सोमवार तड़के हुआ. वह लगभग 98 वर्ष के थे. उन्हें वर्ष 2004 के लिए ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. उन्हें 1961 में उनके कविता संग्रह 'नवरोज-ए-सबा' के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार मिला और 2000 में पद्म श्री से नवाजा गया था.

वह पहले कश्मीरी लेखक हैं जिन्हें उनके काव्य संग्रह 'सियाह रूद जेरेन मंज' (ब्लैक ड्रिजल में) के लिए देश के सर्वोच्च साहित्यिक पुरस्कार ज्ञानपीठ से सम्मानित किया गया. ट्रांसलेटर के रूप में, उन्होंने मूल पंजाबी से कश्मीरी में बाबा फरीद की सूफी कविता का उत्कृष्ट अनुवाद किया. कैमस और सात्र्र का उनकी कविताओं पर कुछ प्रभाव पड़ा, जबकि दीना नाथ नादिम का प्रभाव उनकी कविताओं पर भी विशेष रूप से पहले के कार्यों में दिखाई देता है. प्रो राही के तीन बेटे और एक बेटी है. उनकी पत्नी का पहले ही निधन हो चुका था. ख्वाजा हबीबुल्लाह नौशेरी की दरगाह के लॉन में दोपहर दो बजे जनाजे की नमाज अदा की जाएगी.

प्रो. राही के निधन को कश्मीरी भाषा और साहित्य के लिए एक बड़ी क्षति बताते हुए हलका ए अदब सोनावरी (एचएएस) के अध्यक्ष शाकिर शफी ने हलका ए अदब सोनावरी के साथ प्रोफेसर राही के घनिष्ठ संबंध को याद किया है. उन्होंने कहा, "प्रोफेसर राही हमेशा संगठन के लिए बहुत मददगार रहे हैं. उन्होंने शायद ही कभी संगठन की किसी बड़े कार्यक्रम में मौजूद ना रहे हो. इसके अलावा वे हमेशा प्रो मोहिउद्दीन हाजिनी दिवस पर अपनी उपस्थिति सुनिश्चित करते रहे. इस तरह के आयोजनों में उनकी अनुपस्थिति हम सभी और उनके प्रशंसकों को बुरी तरह खलेगी. संस्था से जुड़े सभी वरिष्ठ सदस्यों एवं साहित्यकारों ने शोक संतप्त परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की है. डेमोक्रेटिक आजाद पार्टी के प्रमुख गुलाम नबी आजाद और उनकी पत्नी शमीमा देव आजाद ने कश्मीरी कवि रहमान राही के निधन पर गहरा दुख और शोक व्यक्त किया है. साथ ही उन्होंने दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की है.

उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने उनकी मृत्यु को 'एक युग का अंत' करार दिया. सिन्हा ने एक ट्वीट में कहा, "कश्मीर के सबसे प्रभावशाली कवियों में से एक, ज्ञानपीठ पुरस्कार विजेता प्रोफेसर रहमान राही के निधन के बारे में जानकर गहरा दुख हुआ. उनके निधन से एक युग का अंत हो गया। उनके परिवार, दोस्तों और शुभचिंतकों के प्रति मेरी गहरी संवेदना है." पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने भी राही के निधन पर शोक व्यक्त किया. उन्होंने ट्वीट किया, "महान साहित्यकार और ज्ञानपीठ पुरस्कार विजेता रहमान राही साहब के निधन के बारे में सुनकर दुख हुआ. उनके निधन से कश्मीरी साहित्य और समाज में एक शून्य पैदा हो गया जिसे कभी भरा नहीं जा सकता. परिवार के प्रति मेरी संवेदनाएं." मार्क्सवादी नेता एम. वाई. तारिगामी ने भी राही के निधन पर शोक व्यक्त किया.

श्रीनगर : कश्मीर के जानेमाने साहित्यकार, प्रतिष्ठित कवि और ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित प्रोफेसर रहमान राही का सोमवार को निधन हो गया. उनका निधन श्रीनगर में उनके विचारनाग आवास पर सोमवार तड़के हुआ. वह लगभग 98 वर्ष के थे. उन्हें वर्ष 2004 के लिए ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. उन्हें 1961 में उनके कविता संग्रह 'नवरोज-ए-सबा' के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार मिला और 2000 में पद्म श्री से नवाजा गया था.

वह पहले कश्मीरी लेखक हैं जिन्हें उनके काव्य संग्रह 'सियाह रूद जेरेन मंज' (ब्लैक ड्रिजल में) के लिए देश के सर्वोच्च साहित्यिक पुरस्कार ज्ञानपीठ से सम्मानित किया गया. ट्रांसलेटर के रूप में, उन्होंने मूल पंजाबी से कश्मीरी में बाबा फरीद की सूफी कविता का उत्कृष्ट अनुवाद किया. कैमस और सात्र्र का उनकी कविताओं पर कुछ प्रभाव पड़ा, जबकि दीना नाथ नादिम का प्रभाव उनकी कविताओं पर भी विशेष रूप से पहले के कार्यों में दिखाई देता है. प्रो राही के तीन बेटे और एक बेटी है. उनकी पत्नी का पहले ही निधन हो चुका था. ख्वाजा हबीबुल्लाह नौशेरी की दरगाह के लॉन में दोपहर दो बजे जनाजे की नमाज अदा की जाएगी.

प्रो. राही के निधन को कश्मीरी भाषा और साहित्य के लिए एक बड़ी क्षति बताते हुए हलका ए अदब सोनावरी (एचएएस) के अध्यक्ष शाकिर शफी ने हलका ए अदब सोनावरी के साथ प्रोफेसर राही के घनिष्ठ संबंध को याद किया है. उन्होंने कहा, "प्रोफेसर राही हमेशा संगठन के लिए बहुत मददगार रहे हैं. उन्होंने शायद ही कभी संगठन की किसी बड़े कार्यक्रम में मौजूद ना रहे हो. इसके अलावा वे हमेशा प्रो मोहिउद्दीन हाजिनी दिवस पर अपनी उपस्थिति सुनिश्चित करते रहे. इस तरह के आयोजनों में उनकी अनुपस्थिति हम सभी और उनके प्रशंसकों को बुरी तरह खलेगी. संस्था से जुड़े सभी वरिष्ठ सदस्यों एवं साहित्यकारों ने शोक संतप्त परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की है. डेमोक्रेटिक आजाद पार्टी के प्रमुख गुलाम नबी आजाद और उनकी पत्नी शमीमा देव आजाद ने कश्मीरी कवि रहमान राही के निधन पर गहरा दुख और शोक व्यक्त किया है. साथ ही उन्होंने दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की है.

उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने उनकी मृत्यु को 'एक युग का अंत' करार दिया. सिन्हा ने एक ट्वीट में कहा, "कश्मीर के सबसे प्रभावशाली कवियों में से एक, ज्ञानपीठ पुरस्कार विजेता प्रोफेसर रहमान राही के निधन के बारे में जानकर गहरा दुख हुआ. उनके निधन से एक युग का अंत हो गया। उनके परिवार, दोस्तों और शुभचिंतकों के प्रति मेरी गहरी संवेदना है." पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने भी राही के निधन पर शोक व्यक्त किया. उन्होंने ट्वीट किया, "महान साहित्यकार और ज्ञानपीठ पुरस्कार विजेता रहमान राही साहब के निधन के बारे में सुनकर दुख हुआ. उनके निधन से कश्मीरी साहित्य और समाज में एक शून्य पैदा हो गया जिसे कभी भरा नहीं जा सकता. परिवार के प्रति मेरी संवेदनाएं." मार्क्सवादी नेता एम. वाई. तारिगामी ने भी राही के निधन पर शोक व्यक्त किया.

Last Updated : Jan 9, 2023, 4:17 PM IST
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