नूंह : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने शनिवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए विभिन्न जिलों के डीएम से (pm modi interact with dms of various districts) बातचीत की. इस बातचीत में कई राज्यों के मुख्यमंत्री भी शामिल हुए. पीएम मोदी ने वीडियो कांफ्रेंसिंग में डीसी के साथ सीधी बातचीत के दौरान हरियाणा के जिला नूंह में संस्थागत डिलीवरी (nuh institutional delivery) में सुधार के लिए जमकर तारीफ की. प्रधानमंत्री ने कहा कि आकांक्षी जिलों की सूची वर्ष 2018 में आई थी, उस समय हरियाणा के मेवात जिले की 40-45 प्रतिशत संस्थागत डिलीवरी थी जो अब बढ़कर 90 प्रतिशत पर पहुंच गई है.
पीएम ने कहा कि सुशासन में जिला प्रशासन की महत्वपूर्ण भूमिका होती है. ये सरकार को योजनाओं को बेहतर तरीके से लागू करने में मदद करता है. क्षेत्र के दौरे और निरीक्षण के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश बनाएं. हर जिले को दूसरों की सफलता से सीखने और उनकी चुनौतियों का मूल्यांकन करने की जरूरत है. पीएम ने जैसे ही संस्थागत डिलीवरी में सुधार के लिए मेवात का नाम लिया, वहां वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग हाल में बैठे नूंह के उपायुक्त कैप्टन शक्ति सिंह सहित स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों एवं अन्य संबंधित विभागों के अधिकारियों की बांछें खिल गईं. बैठक के बाद उपायुक्त ने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं के लिए नूंह जिले का चयन किया गया है. आने वाले समय में स्वास्थ्य के क्षेत्र में बेहतरीन इंफ्रास्ट्रक्चर इस जिले को मिलने जा रहा है.
उपायुक्त कैप्टन शक्ति सिंह ने कहा कि आबादी के हिसाब से नूंह जिले में 52 पीएचसी होनी चाहिए, लेकिन इस समय 22 पीएचसी हैं. 30 पीएचसी नई बननी चाहिए. इसके अतिरिक्त 13 सीएचसी नई बनाई जानी चाहिए. जिले में चार सब डिवीजन हैं, इसलिए हर सब डिवीजन स्तर पर अस्पताल बनना चाहिए. साथ ही साथ बेहतरीन उपकरणों व चिकित्सकों की नियुक्ति भी इस जिले में होनी चाहिए. उपायुक्त ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग बेहतर काम कर रहा है, लेकिन कई बार कोरोना संक्रमण एवं अन्य कार्यों की वजह से डाटा अपलोड समय पर नहीं हो पाता है. जिसकी वजह से रैंकिंग में नूंह जिला थोड़ा पीछे चला जाता है. आने वाले समय में ज्यादा से ज्यादा रिव्यू मीटिंग की जाएंगी जिससे समय पर डाटा अपलोड हो सके और रैंकिंग में मेवात जिला और बेहतर पायदान पर पहुंच सके.
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उपायुक्त शक्ति सिंह ने यह भी कहा कि नीति आयोग द्वारा देशभर के 112 पिछड़े जिलों की सूची बनाई गई थी, जिसमें लगभग 49 पैरामीटर तय किए गए थे. इनमें ड्रॉपआउट, संस्थागत डिलीवरी, सिंचाई, कृषि, सेहत सहित अन्य विभागों के बहुत से काम थे. इन सभी में सुधार करने की जरूरत थी. मेवात जिला लगातार अपनी रैंकिंग में सुधार कर रहा है. जिले के संबंधित विभागों के अधिकारी व कर्मचारी जिले को पिछड़े जिलों की सूची से बाहर निकालने में भरपूर मेहनत कर रहे हैं.
कोरोना काल आने की वजह से डॉक्टर व अन्य स्टाफ व्यस्त हो गया था, जिसकी वजह से समय पर डाटा अपलोड इत्यादि का कार्य नहीं हो सका था. कृषि विभाग के अधिकारियों ने मेहनत की, लेकिन उसके बावजूद भी कभी रैंकिंग में नीचे चले गए तो कभी ऊपर चले गए. उपायुक्त ने कहा कि ग्राउंड पर काम किया जा रहा है, लेकिन डाटा अपलोड होने में देरी हो जाती है. अब कार्य के साथ ही डाटा अपलोड किया जाएगा ताकि पिछड़े जिलों की रैंकिंग में हरियाणा का मेवात जिला बेहतर पायदान पर आ सके.