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सांसदों के निलंबन पर मायावती को ऐतराज, उपराष्ट्रपति का मजाक उड़ाने पर भी जताई आपत्ति

संसद की सुरक्षा में चूक के बाद सांसदों के निलंबन और उपराष्ट्रपति का मजाक उड़ाने पर बसपा सुप्रीमो मायावती ने ऐतराज जताया है. मायावती ने कहा कि इतनी बड़ी संख्या में सांसदों का निलंबन, किसी के लिए अच्छा कीर्तिमान नहीं है. संसदीय इतिहास के लिए यह घटना अति दुखद व दुर्भाग्यपूर्ण है.

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Dec 21, 2023, 1:17 PM IST

लखनऊ : बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष व उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने केंद्र सरकार के साथ ही विपक्षी दलों के नेताओं पर भी हमला बोला है. पार्टी मुख्यालय लखनऊ पर गुरुवार को दिए गए बयान में बसपा सुप्रीमो ने कहा है कि संसद के वर्तमान सत्र के दौरान दोनों सदनों के रिकार्ड संख्या में लगभग डेढ़ सौ विपक्षी सांसदों का निलंबन होना, सरकार व विपक्ष के लिए भी कोई अच्छा कीर्तिमान नहीं है. इसके लिए कसूरवार कोई भी हो. संसदीय इतिहास के लिए यह घटना अति दुखद व दुर्भाग्यपूर्ण है. वह लोगों के विश्वास को आघात पहुंचाने वाला है.



मायावती की प्रतिक्रिया.
मायावती की प्रतिक्रिया.

सुरक्षा में सेंध अच्छी बात नहीं : बसपा सुप्रीमो ने कहा कि इतना ही नहीं बल्कि अभी हाल ही में संसद की सुरक्षा में जो सेंध लगाई गई है. यह भी कोई अच्छी बात नहीं है. यह अति गंभीर व चिंतनीय विषय है. इस मामले में सभी को मिलकर संसद की सुरक्षा की तरफ विशेष ध्यान देना चाहिए. एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगाने से काम नहीं चलेगा. बल्कि इस मामले को सभी को गंभीरता से लेना चाहिए. इसके जो भी दोषी व षड्यंत्रकारी हैं उनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई भी होना जरूरी है. खुफिया विभाग को भी अब काफी सतर्क रहने की जरूरत है. जिससे आगे कभी भी ऐसी घटना की पुनरावृत्ति न होने पाए. विपक्ष के गठबंधन में बीएसपी सहित अन्य जो भी पार्टियां शामिल नहीं हैं उनके बारे में किसी को भी बेफिजूल कोई भी टीका टिप्पणी करने का अधिकार नहीं है, यह उचित नहीं है. इससे इनको बचना चाहिए. यह मेरी उनको सलाह है, क्योंकि भविष्य में देश में जनहित में कब किसको किसी की भी जरूरत पड़ जाए यह कुछ भी कहा नहीं जा सकता है. ऐसे लोगों को और पार्टियों को भी काफी शर्मिंदगी उठानी पड़े, यह ठीक नहीं है. इस मामले में खासकर समाजवादी पार्टी जीता जागता उदाहरण भी है.


राम मंदिर के उद्घाटन से कोई ऐतराज नहीं : मायावती ने कहा कि हमारी पार्टी पूर्ण रूप से धर्मनिरपेक्ष पार्टी है. देश में विभिन्न धर्मों को मानने वाले लोग रहते हैं. उनके अलग-अलग आस्था के अनेकों स्थल बने हैं जिन सभी का हमारी पार्टी हमेशा सम्मान करती रही है और आगे भी करती रहेगी. यूपी के अयोध्या में नवनिर्मित राम मंदिर जिसका उद्घाटन अगले महीने है उससे हमारी पार्टी को कोई भी ऐतराज नहीं है. अयोध्या में कोर्ट के आदेश पर सरकार की तरफ से निर्धारित की गई जमीन पर जब भी मस्जिद का निर्माण होता है तो उसके उद्घाटन का भी हमारी पार्टी को कोई एतराज नहीं होगा. यानी हमारी पार्टी सभी धार्मिक स्थलों का पूरा सम्मान करती है. पिछले कुछ वर्षों से इसकी आड़ में जो भी राजनीति की जा रही है यह बेहद दुखद है, जो नहीं होनी चाहिए. इससे अपना देश कमजोर ही होगा, मजबूत नहीं. इससे लोगों में आपस में नफरत पैदा होती है जो बिल्कुल भी उचित नहीं है. इस बात का भी सभी को पूरा ध्यान रखना चाहिए.



यह भी पढ़ें : निलंबन के खिलाफ विपक्षी सांसदों ने मार्च निकाला

संसद की सुरक्षा में सेंध, दिल्ली से स्पेशल टीम पहुंची लखनऊ, फुटवियर शोरूम के मालिक से तीन घंटे तक पूछताछ

लखनऊ : बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष व उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने केंद्र सरकार के साथ ही विपक्षी दलों के नेताओं पर भी हमला बोला है. पार्टी मुख्यालय लखनऊ पर गुरुवार को दिए गए बयान में बसपा सुप्रीमो ने कहा है कि संसद के वर्तमान सत्र के दौरान दोनों सदनों के रिकार्ड संख्या में लगभग डेढ़ सौ विपक्षी सांसदों का निलंबन होना, सरकार व विपक्ष के लिए भी कोई अच्छा कीर्तिमान नहीं है. इसके लिए कसूरवार कोई भी हो. संसदीय इतिहास के लिए यह घटना अति दुखद व दुर्भाग्यपूर्ण है. वह लोगों के विश्वास को आघात पहुंचाने वाला है.



मायावती की प्रतिक्रिया.
मायावती की प्रतिक्रिया.

सुरक्षा में सेंध अच्छी बात नहीं : बसपा सुप्रीमो ने कहा कि इतना ही नहीं बल्कि अभी हाल ही में संसद की सुरक्षा में जो सेंध लगाई गई है. यह भी कोई अच्छी बात नहीं है. यह अति गंभीर व चिंतनीय विषय है. इस मामले में सभी को मिलकर संसद की सुरक्षा की तरफ विशेष ध्यान देना चाहिए. एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगाने से काम नहीं चलेगा. बल्कि इस मामले को सभी को गंभीरता से लेना चाहिए. इसके जो भी दोषी व षड्यंत्रकारी हैं उनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई भी होना जरूरी है. खुफिया विभाग को भी अब काफी सतर्क रहने की जरूरत है. जिससे आगे कभी भी ऐसी घटना की पुनरावृत्ति न होने पाए. विपक्ष के गठबंधन में बीएसपी सहित अन्य जो भी पार्टियां शामिल नहीं हैं उनके बारे में किसी को भी बेफिजूल कोई भी टीका टिप्पणी करने का अधिकार नहीं है, यह उचित नहीं है. इससे इनको बचना चाहिए. यह मेरी उनको सलाह है, क्योंकि भविष्य में देश में जनहित में कब किसको किसी की भी जरूरत पड़ जाए यह कुछ भी कहा नहीं जा सकता है. ऐसे लोगों को और पार्टियों को भी काफी शर्मिंदगी उठानी पड़े, यह ठीक नहीं है. इस मामले में खासकर समाजवादी पार्टी जीता जागता उदाहरण भी है.


राम मंदिर के उद्घाटन से कोई ऐतराज नहीं : मायावती ने कहा कि हमारी पार्टी पूर्ण रूप से धर्मनिरपेक्ष पार्टी है. देश में विभिन्न धर्मों को मानने वाले लोग रहते हैं. उनके अलग-अलग आस्था के अनेकों स्थल बने हैं जिन सभी का हमारी पार्टी हमेशा सम्मान करती रही है और आगे भी करती रहेगी. यूपी के अयोध्या में नवनिर्मित राम मंदिर जिसका उद्घाटन अगले महीने है उससे हमारी पार्टी को कोई भी ऐतराज नहीं है. अयोध्या में कोर्ट के आदेश पर सरकार की तरफ से निर्धारित की गई जमीन पर जब भी मस्जिद का निर्माण होता है तो उसके उद्घाटन का भी हमारी पार्टी को कोई एतराज नहीं होगा. यानी हमारी पार्टी सभी धार्मिक स्थलों का पूरा सम्मान करती है. पिछले कुछ वर्षों से इसकी आड़ में जो भी राजनीति की जा रही है यह बेहद दुखद है, जो नहीं होनी चाहिए. इससे अपना देश कमजोर ही होगा, मजबूत नहीं. इससे लोगों में आपस में नफरत पैदा होती है जो बिल्कुल भी उचित नहीं है. इस बात का भी सभी को पूरा ध्यान रखना चाहिए.



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