नई दिल्ली : संसद का बजट सत्र समाप्त हो गया. लोक सभा की कार्यवाही स्थगित (budget session lok sabha) कर दी गई. लोक सभा स्पीकर ओम बिरला ने गुरुवार को सदन की कार्यवाही शुरू होने के बाद दो चरणों में आयोजित हुए संसद के बजट सत्र के दौरान निष्पादित विधायी कामकाज का ब्यौरा पढ़ा. उन्होंने सदन की सुचारू कार्यवाही में सहयोग करने के लिए लोक सभा के अधिकारियों, सचिवालय के लोगों और सांसदों का आभार प्रकट किया. इस सत्र में 27 बैठकें हुईं और सदन की कार्य उत्पादकता 129 प्रतिशत रही.
गौरतलब है कि संसद का बजट सत्र 31 जनवरी को शुरू हुआ था और इसका प्रथम चरण 11 फरवरी को पूरा हुआ. प्रथम चरण में आम बजट पेश किया गया था. बजट सत्र का दूसरा चरण 14 मार्च से शरू हुआ था. समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक मूल कार्यक्रम के अनुसार संसद का बजट सत्र आठ अप्रैल तक चलना था.
गुरुवार को निचले सदन की कार्यवाही शुरू होने पर लोक सभा स्पीकर ओम बिरला ने कहा, 'सत्र के दौरान सदन की बैठकें लगभग 177 घंटे 50 मिनट तक चलीं. इस दौरान 182 तारांकित प्रश्नों के उत्तर दिये गए.' उन्होंने बताया कि बजट सत्र के लिए लोकसभा की कार्यवाही 31 जनवरी को शुरू हुई जब राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को केंद्रीय कक्ष में संबोधित किया. बजट सत्र के दौरान ही सत्र के दौरान सदन में जम्मू कश्मीर संघ राज्य क्षेत्र के लिये अनुदान की मांगों (2022- 23) और अनुदान की अनुपूरक मांगों (2021-22) को भी पारित किया गया.
वित्त मंत्री सीतारमण ने पेश किया बजट, राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव : बिरला ने बताया कि 2, 3, 4 और 7 फरवरी को राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा हुई और सात फरवरी को धन्यवाद प्रस्ताव को ध्वनिमत से मंजूरी दी गई. इस पर 15 घंटे 13 मिनट चर्चा हुई. बिरला ने कहा, 1 फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2022-23 का केंद्रीय बजट पेश किया. इस पर 7, 8, 9 और 10 फरवरी को चर्चा हुई. निचले सदन ने बजट पर 15 घंटे 35 मिनट तक चर्चा की.
लोक सभा में 13 विधेयक पारित : सदन में रेल मंत्रालय, सड़क एवं परिवहन मंत्रालय, नागर विमानन मंत्रालय, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय तथा पोत परिवहन मंत्रालय के नियंत्रणाधीन अनुदान की मांगों पर चर्चा हुई और उन्हें पारित किया गया. 24 मार्च को शेष मंत्रालयों की अन्य सभी अनुदान की मांगों को एक साथ सभा में मतदान के लिये रखा गया और सभी को एक साथ पारित किया गया. स्पीकर ओम बिरला ने बताया कि सत्र के दौरान 12 विधेयक पुन:स्थापित किये गए और 13 विधेयक पारित हुए.
विधेयकों पर चर्चा के अलावा सांसदों ने सरकार से कई अहम सवाल भी पूछे : सत्र के दौरान पारित किये गए कुछ महत्वपूर्ण विधेयकों में वित्त विधेयक 2022, दिल्ली नगर निगम संशोधन विधेयक 2022, सामूहिक संहार के आयुध और उनकी परिदान प्रणाली (विधि विरूद्ध क्रियाकलापों का प्रतिषेध) संशोधन विधेयक, 2022 तथा दंड प्रक्रिया (शिनाख्त) विधेयक, 2022 शामिल हैं. बकौल स्पीकर ओम बिरला, सदन में प्रश्नकाल में प्रतिदिन औसत आठ प्रश्नों के उत्तर दिये गये.
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गुरुवार को ही राज्य सभा की कार्यवाही भी लगभग 18 मिनट के संक्षिप्त विधायी कामकाज के बाद स्थगित कर दी गई. विपक्षी सांसदों के हंगामे पर सभापति वेंकैया नायडू ने नाराजगी जाहिर की. उन्होंने सांसदों के व्यवहार को अलोकतांत्रिक और संसदीय मर्यादा के खिलाफ करार दिया. बता दें कि गुरुवार को राज्यसभा में शून्यकाल के दौरान तृणमूल कांग्रेस के सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने अपनी बात रखी, लेकिन व्यवधान के कारण वक्तव्य पूरा नहीं हो सका. उन्होंने चैत्र नवरात्र के उपवास और रमजान के रोजे का जिक्र किया. इसके बाद भाजपा सांसद सुशील कुमार मोदी ने कश्मीरी पंडितों से जुड़े मुद्दे पर अपनी बात रखी.