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pangong tso satellite image : चीन की चालबाजी फिर आई सामने, झील के किनारों पर निर्माण ! - Jack Detsch pangong tso

पैंगोंग त्सो झील के किनारों की सेटेलाइट तस्वीरें (pangong tso satellite image) सामने आई हैं. दावा किया जा रहा है कि चीन ने पैंगोंग त्सो झील के किनारों पर निर्माण किया है. कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने सरकार पर चीन-भारत सीमा विवाद के मुद्दे पर संसद में चर्चा न कराने के आरोप लगाए हैं. उन्होंने दावा किया है कि लोक सभा सचिवालय ने इस मुद्दे पर पूछे जाने वाले 17 सवालों को मंजूरी देने से इनकार कर दिया. जानिए क्या है पूरा मामला

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Published : Dec 22, 2021, 1:16 AM IST

Updated : Dec 22, 2021, 2:22 AM IST

नई दिल्ली : भारत और चीन के बीच एक बार फिर तनाव बढ़ने की आशंका है. ताजा घटनाक्रम में चीन ने पैंगोंग त्सो झील के किनारे कुछ निर्माण किए हैं. सेटेलाइट फोटो से सामने आई कुछ तस्वीरों के हवाले से दावा किया जा रहा है कि चीन ने पैंगोंग त्सो झील के उत्तरी किनारों पर (pangong tso satellite image) कुछ निर्माण किया है.

मीडिया रिपोर्ट में दावा किया जा रहा है कि चीन ने पैंगोग त्सो इलाके में संभावित हेलीपैड के अलावा स्थायी शिविर जैसे निर्माण किए हैं. तस्वीरों में चीन की जेटी देखी जा सकती है. पैंगोग त्सो के किनारों पर किए गए कथित निर्माण पर फॉरेन पॉलिसी मैगजीन से जुड़े जैक ने लिखा है कि सेटेलाइट फोटो से स्पष्ट होता है कि चीन ने पैंगोंग त्सो के किनारे अपनी स्थिति मजबूत कर रहा है.

उन्होंने जुलाई, 2021 के मीडिया रिपोर्ट का जिक्र किया और लिखा कि चीन और भारत के सैन्य टैंक इसी इलाके में एक-दूसरे के काफी करीब तैनात किए गए (tanks wewe stationed within firing distance) थे.

china pangong tso
पैंगोंग त्सो इलाके में चीन की गतिविधियों से जुड़ा ट्वीट (साभार- ट्विटर @JackDetsch)

सेटेलाइट तस्वीरें मैक्सर (@Maxar) की मदद से जारी की गई हैं. तस्वीरों को जैक डिट्चो (Jack Detsch) ने ट्वीट किया है. जैक ने ट्विटर बायो में खुद को फॉरेन पॉलिसी मैगजीन का रिपोर्टर बताया है.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका स्थित अंतरिक्ष फर्म मैक्सर टेक्नोलॉजीज ने जो तस्वीरें जारी की हैं इन्हें अक्टूबर में कैप्चर किया गया है. कुछ दिनों पहले जारी की गई तस्वीरों से अक्टूबर में कैप्चर किए गए सेटेलाइट फोटो की तुलना करने पर पता चलता है कि चीन की ओर से जो निर्माण किया गया है, वह गत सात महीने की अवधि में किया गया है.

बता दें कि विगत फरवरी में सैन्य विघटन की घोषणा के तुरंत बाद भी सेटेलाइट फोटो जारी की गई थी. फरवरी में सामने आई तस्वीरों में देखे गए आश्रयों की संख्या में भी वृद्धि दर्ज की गई है. फरवरी की सैटेलाइट फोटो में दिखी कुछ निर्माणाधीन संरचनाओं को अक्टूबर की फोटो से कंपेयर किया गया है. नई तस्वीरों में आश्रय का निर्माण पूरा हुआ लगता है.

ट्विटर बायो में जैक ने लिखा है कि वे अमेरिकी रक्षा मंत्रालय- पेंटागन से स्टोरी कवर करते हैं. उन्होंने लिखा है कि वे फॉरेन पॉलिसी मैगजीन में नेशनल सिक्योरिटी रिपोर्टर हैं.

पैंगोंग त्सो झील के किनारों के बारे में उन्होंने लिखा है कि यह झील ईस्टर्न लद्दाख और पश्चिमी तिब्बत से गुजरती है. उन्होंने लिखा है कि पैंगोंग त्सो झील 13,862 फीट की उंचाई पर है.

china pangong tso
पैंगोंग त्सो इलाके में चीन की गतिविधियों से जुड़ा ट्वीट (साभार- ट्विटर @JackDetsch)

उन्होंने लिखा है कि भारत के अधिकारियों ने सर्दियों के मौसम में सैनिकों की संख्या को लेकर चिंता जाहिर की है. हालांकि, अधिकारियों का यह भी मानना है कि ऊंचाई वाले इलाके में लड़ाई के मामले में भारत के सैनिक पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के जवानों से अधिक सक्षम हैं.

क्या संसद में सवालों से बच रही सरकार ?

भारत-चीन सीमा विवाद से जुड़ा एक दिलचस्प तथ्य यह भी सामने आया है कि संसद में कई सवाल पूछे जाने के बावजूद सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा के आधार पर जवाब नहीं दिए. कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने ऐसे सवालों की सूची ट्वीट कर लोक सभा स्पीकर ओम बिरला और राज्य सभा सभापति वेंकैया नायडू को भी टैग किया है.

मनीष तिवारी ने किया गंभीर सवाल

भारत-चीन सीमा विवाद के वर्तमान हालात पर पूछे गए 17 सवालों को मंजूरी न देने का जिक्र करते हुए मनीष तिवारी ने लिखा कि लोक सभा सचिवालय ने राष्ट्रीय सुरक्षा के दिखावटी (specious) आधार पर मंजूरी नहीं दी गई. उन्होंने चीन-भारत सीमा के मुद्दे पर अप्रैल, 2020 के बाद से 20 दिसंबर तक संसद में कोई चर्चा न करने की बात भी कही.

congress mp manish tewari
कांग्रेस नेता मनीष तिवारी का ट्वीट

मनीष तिवारी ने जिन सवालों की सूची जारी की है, इनमें 9 सवाल रक्षा मंत्रालय से पूछे गए हैं. इसके अलावा गृह मंत्रालय और विदेश मंत्रालय से भी सवाल किए गए हैं.

गौरतलब है कि सरकारी सूत्रों ने कहा है कि 14वें दौर की वार्ता के लिए चीन की ओर से आमंत्रण आना है. ऐसे में भारत और चीन दिसंबर के दूसरे पखवाड़े में 14वें दौर की कोर कमांडर वार्ता (corps commander talks) आयोजित होने की संभावना है.

सरकारी सूत्रों बताया, '14वें दौर की वार्ता के लिए चीन की ओर से आमंत्रण आना है. संभावना है कि दिसंबर के दूसरे पखवाड़े में बातचीत हो सकती है. सूत्रों ने कहा कि यह समय भारत के लिए उपयुक्त होगा क्योंकि सशस्त्र बल, समारोह में व्यस्त रहेगा क्योंकि इस साल 1971 के युद्ध में पाकिस्तान की करारी हार (defeat of Pakistan ) और 16 दिसंबर तक भारत की जीत की स्वर्ण जयंती (golden jubilee of Indian victory) है.

यह भी पढ़ें- दिसंबर के दूसरे पखवाड़े में भारत-चीन हो सकती है 14वें दौर की वार्ता

सूत्रों ने कहा कि पैंगोंग झील और गोगरा हाइट (Pangong lake and Gogra heights) पर स्थित टकराव के मुद्दे सुलझा लिए गए हैं, लेकिन हॉट स्प्रिंग्स पर गतिरोध खत्म होना बाकी है. बता दें कि भारत और चीन (India and China) गतिरोध को हल करने के लिए पूर्वी लद्दाख क्षेत्र (Eastern Ladakh area) में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर बातचीत कर रहे हैं और अब तक 13 राउंड हो चुके हैं.

भारत-चीन सीमा विवाद से जुड़ी यह खबरें भी पढ़ें-

बता दें कि लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा को लेकर चीन और भारत के बीच तनाव देखा गया था. गलवान घाटी में पैंगोग त्सो झील के पास हुई हिंसक झड़प में भारत के 20 जवान शहीद हुए थे. चीन के भी 40 से अधिक सैनिक मारे गए थे.

नई दिल्ली : भारत और चीन के बीच एक बार फिर तनाव बढ़ने की आशंका है. ताजा घटनाक्रम में चीन ने पैंगोंग त्सो झील के किनारे कुछ निर्माण किए हैं. सेटेलाइट फोटो से सामने आई कुछ तस्वीरों के हवाले से दावा किया जा रहा है कि चीन ने पैंगोंग त्सो झील के उत्तरी किनारों पर (pangong tso satellite image) कुछ निर्माण किया है.

मीडिया रिपोर्ट में दावा किया जा रहा है कि चीन ने पैंगोग त्सो इलाके में संभावित हेलीपैड के अलावा स्थायी शिविर जैसे निर्माण किए हैं. तस्वीरों में चीन की जेटी देखी जा सकती है. पैंगोग त्सो के किनारों पर किए गए कथित निर्माण पर फॉरेन पॉलिसी मैगजीन से जुड़े जैक ने लिखा है कि सेटेलाइट फोटो से स्पष्ट होता है कि चीन ने पैंगोंग त्सो के किनारे अपनी स्थिति मजबूत कर रहा है.

उन्होंने जुलाई, 2021 के मीडिया रिपोर्ट का जिक्र किया और लिखा कि चीन और भारत के सैन्य टैंक इसी इलाके में एक-दूसरे के काफी करीब तैनात किए गए (tanks wewe stationed within firing distance) थे.

china pangong tso
पैंगोंग त्सो इलाके में चीन की गतिविधियों से जुड़ा ट्वीट (साभार- ट्विटर @JackDetsch)

सेटेलाइट तस्वीरें मैक्सर (@Maxar) की मदद से जारी की गई हैं. तस्वीरों को जैक डिट्चो (Jack Detsch) ने ट्वीट किया है. जैक ने ट्विटर बायो में खुद को फॉरेन पॉलिसी मैगजीन का रिपोर्टर बताया है.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका स्थित अंतरिक्ष फर्म मैक्सर टेक्नोलॉजीज ने जो तस्वीरें जारी की हैं इन्हें अक्टूबर में कैप्चर किया गया है. कुछ दिनों पहले जारी की गई तस्वीरों से अक्टूबर में कैप्चर किए गए सेटेलाइट फोटो की तुलना करने पर पता चलता है कि चीन की ओर से जो निर्माण किया गया है, वह गत सात महीने की अवधि में किया गया है.

बता दें कि विगत फरवरी में सैन्य विघटन की घोषणा के तुरंत बाद भी सेटेलाइट फोटो जारी की गई थी. फरवरी में सामने आई तस्वीरों में देखे गए आश्रयों की संख्या में भी वृद्धि दर्ज की गई है. फरवरी की सैटेलाइट फोटो में दिखी कुछ निर्माणाधीन संरचनाओं को अक्टूबर की फोटो से कंपेयर किया गया है. नई तस्वीरों में आश्रय का निर्माण पूरा हुआ लगता है.

ट्विटर बायो में जैक ने लिखा है कि वे अमेरिकी रक्षा मंत्रालय- पेंटागन से स्टोरी कवर करते हैं. उन्होंने लिखा है कि वे फॉरेन पॉलिसी मैगजीन में नेशनल सिक्योरिटी रिपोर्टर हैं.

पैंगोंग त्सो झील के किनारों के बारे में उन्होंने लिखा है कि यह झील ईस्टर्न लद्दाख और पश्चिमी तिब्बत से गुजरती है. उन्होंने लिखा है कि पैंगोंग त्सो झील 13,862 फीट की उंचाई पर है.

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पैंगोंग त्सो इलाके में चीन की गतिविधियों से जुड़ा ट्वीट (साभार- ट्विटर @JackDetsch)

उन्होंने लिखा है कि भारत के अधिकारियों ने सर्दियों के मौसम में सैनिकों की संख्या को लेकर चिंता जाहिर की है. हालांकि, अधिकारियों का यह भी मानना है कि ऊंचाई वाले इलाके में लड़ाई के मामले में भारत के सैनिक पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के जवानों से अधिक सक्षम हैं.

क्या संसद में सवालों से बच रही सरकार ?

भारत-चीन सीमा विवाद से जुड़ा एक दिलचस्प तथ्य यह भी सामने आया है कि संसद में कई सवाल पूछे जाने के बावजूद सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा के आधार पर जवाब नहीं दिए. कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने ऐसे सवालों की सूची ट्वीट कर लोक सभा स्पीकर ओम बिरला और राज्य सभा सभापति वेंकैया नायडू को भी टैग किया है.

मनीष तिवारी ने किया गंभीर सवाल

भारत-चीन सीमा विवाद के वर्तमान हालात पर पूछे गए 17 सवालों को मंजूरी न देने का जिक्र करते हुए मनीष तिवारी ने लिखा कि लोक सभा सचिवालय ने राष्ट्रीय सुरक्षा के दिखावटी (specious) आधार पर मंजूरी नहीं दी गई. उन्होंने चीन-भारत सीमा के मुद्दे पर अप्रैल, 2020 के बाद से 20 दिसंबर तक संसद में कोई चर्चा न करने की बात भी कही.

congress mp manish tewari
कांग्रेस नेता मनीष तिवारी का ट्वीट

मनीष तिवारी ने जिन सवालों की सूची जारी की है, इनमें 9 सवाल रक्षा मंत्रालय से पूछे गए हैं. इसके अलावा गृह मंत्रालय और विदेश मंत्रालय से भी सवाल किए गए हैं.

गौरतलब है कि सरकारी सूत्रों ने कहा है कि 14वें दौर की वार्ता के लिए चीन की ओर से आमंत्रण आना है. ऐसे में भारत और चीन दिसंबर के दूसरे पखवाड़े में 14वें दौर की कोर कमांडर वार्ता (corps commander talks) आयोजित होने की संभावना है.

सरकारी सूत्रों बताया, '14वें दौर की वार्ता के लिए चीन की ओर से आमंत्रण आना है. संभावना है कि दिसंबर के दूसरे पखवाड़े में बातचीत हो सकती है. सूत्रों ने कहा कि यह समय भारत के लिए उपयुक्त होगा क्योंकि सशस्त्र बल, समारोह में व्यस्त रहेगा क्योंकि इस साल 1971 के युद्ध में पाकिस्तान की करारी हार (defeat of Pakistan ) और 16 दिसंबर तक भारत की जीत की स्वर्ण जयंती (golden jubilee of Indian victory) है.

यह भी पढ़ें- दिसंबर के दूसरे पखवाड़े में भारत-चीन हो सकती है 14वें दौर की वार्ता

सूत्रों ने कहा कि पैंगोंग झील और गोगरा हाइट (Pangong lake and Gogra heights) पर स्थित टकराव के मुद्दे सुलझा लिए गए हैं, लेकिन हॉट स्प्रिंग्स पर गतिरोध खत्म होना बाकी है. बता दें कि भारत और चीन (India and China) गतिरोध को हल करने के लिए पूर्वी लद्दाख क्षेत्र (Eastern Ladakh area) में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर बातचीत कर रहे हैं और अब तक 13 राउंड हो चुके हैं.

भारत-चीन सीमा विवाद से जुड़ी यह खबरें भी पढ़ें-

बता दें कि लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा को लेकर चीन और भारत के बीच तनाव देखा गया था. गलवान घाटी में पैंगोग त्सो झील के पास हुई हिंसक झड़प में भारत के 20 जवान शहीद हुए थे. चीन के भी 40 से अधिक सैनिक मारे गए थे.

Last Updated : Dec 22, 2021, 2:22 AM IST
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