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यहां एक कप चाय के लिए खुद 'कैद' होते हैं लोग.. ऑर्डर पर लॉकअप में आती है TEA !

बिहार के मुजफ्फरपुर में कैदी चाय वाला अपने अनोखे थीम के साथ चाय की शॉप खोली है. उसके इस आइडिया को चाय पीने के लिए आने वाले ग्राहक भी खूब सराह रहे हैं. चंद महीने में इस शॉप का नाम लोगों की जुबान पर छा गया. सोशल मीडिया में फोटो भी वायरल होने लगी. नतीजा ये हुआ कि हर कोई यहां 'कैद' होने के लिए आने लगा. पढ़िए Muzaffarpur Success News

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Published : Dec 12, 2022, 9:44 PM IST

देखें वीडियो.

मुजफ्परपुर: बिहार में चाय दुकान खोलने वालों की होड़ मची हुई है. हर कोई एक से बढ़कर एक आइडिया के साथ चाय की दुकान खोल (Unique Tea Shop In Bihar) रहा है. खास बात ये है कि ये दुकानें खूब चल भी रहीं हैं. इनकी ब्रांडिंग चाय दुकानों के अनोखे नाम अपने आप कर दे रहे हैं. इस बार मुजफ्फरपुर में कैदी चाय वाला (Qaidi Chai wala ) धूम मचा रहा है. नाम सुनकर हर कोई अपने आप यहां चाय की चुस्कियां लेने पहुंच रहा है. यहां चाय पीनी है तो लॉक-अप में बैठकर चाय की चुस्की लेनी पड़ेगी. ये असली जेल तो नहीं है लेकिन एहसास एकदम जेल जैसा ही मिलने वाला है.

ये भी पढ़ें- 'द इंजीनियर रेस्टोरेंट' : नक्सल प्रभावित इलाके में इंजीनियर ने खोला ढाबा, स्वाद चखने के बाद हो जाएंगे कायल

जेल में चाय पीना पड़ेगा: आमतौर पर जेल में कोई नहीं जाना चाहता लेकिन कैदी चाय वाला के दुकान का लुक देखकर हर कोई इसकी गिरफ्त में आना चाहता है. लोग बड़े इत्मीनान से इस थीम के साथ चाय की चुस्कियां ले रहे हैं. जैसे ही दुकान में प्रवेश करते हैं तो अदर जेल का लुक दिखाई देता है. जेल जैसी ही इस दुकान में लोहे की ग्रिल लगी हुईं हैं. ग्राहकों के बैठने की कुर्सियां इसी सेलनुमा चेंबर के अंदर लगाई गईं हैं. ऑर्डर करने पर चाय सलाखों के अंदर बैठे लोगों तक पहुंचती है.

"एक दिन मेरे मन में आइडिया आया कि बिहार में कुछ अलग हटकर चाय की दुकान खोलूं, फिर एक दिन कैदी चाय वाला की दुकान खोल ली. चार महीने हो गए हैं ग्राहकों का हमें अच्छा रिस्पॉन्स मिल रहा है. हम युवाओं से यही कहना चाहेंगे कि जरूरी नहीं कि आप सरकारी जॉब ही करें. इस तरह के काम का Aim बनाकर भी अपना रोजगार चला सकते हैं."- अमित कुमार, कैदी चाय वाला

ग्राहकों का मिल रहा अच्छा रिस्पॉन्स: कैदी चाय वाला अमित कहते हैं कि उनके मन में एक दिन ख्याल आया कि वो ऐसी दुकान खोलें जिसका नाम बिहार में नहीं है, तो उन्होंने इस थीम पर रिसर्च किया और कैदी चाय वाला थीम के साथ दुकान की ओपनिंग कर दी. शॉप के खुलते ही उन्हें अच्छा रिस्पॉन्स भी मिलने लगा. अब उनकी इच्छा है कि उस शॉप को और बढ़ाएं. इसमें ज्यादा से ज्यादा खाने का आइटम रखें ताकि लोगों को चाय के साथ नाश्ते का सामान भी पूरा मिल सके.

आईडिया और डिजाइन ने बनाया खास: अमित कुमार कहते हैं कि युवाओं को सिर्फ नौकरी पर ही निर्भर रहने की जरूरत नहीं है. वो ऐसे ही इनोवेटिव आइडिया के साथ अपनी बेरोजगारी को भी दूर कर सकते हैं. और कुछ अलग करके लोगों को भी फ्रेशनेश दिला सकते हैं. कैदी चाय वाला की डिजाइन बहुत कुछ लोगों की पसंद को ध्यान में रखकर बनाया गया है. इसका बढ़िया रिस्पांस भी मिल रहा है.

युनिक नाम बन रहे ब्रांड: बता दें कि पटना में ग्रेजुएट चायवाली, दरभंगा में बी टेक चायवाला, पटना का बेवफा चायवाला समेत कई चाय दुकानों ने लोगों का ध्यान इस ओर खींचा है. इस तरह के युनिक नाम से न सिर्फ बिजनेस बढ़ रहा है बल्कि लोग भी खुद ही इनके पास आ रहे हैं. धीरे-धीरे इनकी थीम एक ब्रांड का भी रूप लेती जा रही है.

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मुजफ्परपुर: बिहार में चाय दुकान खोलने वालों की होड़ मची हुई है. हर कोई एक से बढ़कर एक आइडिया के साथ चाय की दुकान खोल (Unique Tea Shop In Bihar) रहा है. खास बात ये है कि ये दुकानें खूब चल भी रहीं हैं. इनकी ब्रांडिंग चाय दुकानों के अनोखे नाम अपने आप कर दे रहे हैं. इस बार मुजफ्फरपुर में कैदी चाय वाला (Qaidi Chai wala ) धूम मचा रहा है. नाम सुनकर हर कोई अपने आप यहां चाय की चुस्कियां लेने पहुंच रहा है. यहां चाय पीनी है तो लॉक-अप में बैठकर चाय की चुस्की लेनी पड़ेगी. ये असली जेल तो नहीं है लेकिन एहसास एकदम जेल जैसा ही मिलने वाला है.

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जेल में चाय पीना पड़ेगा: आमतौर पर जेल में कोई नहीं जाना चाहता लेकिन कैदी चाय वाला के दुकान का लुक देखकर हर कोई इसकी गिरफ्त में आना चाहता है. लोग बड़े इत्मीनान से इस थीम के साथ चाय की चुस्कियां ले रहे हैं. जैसे ही दुकान में प्रवेश करते हैं तो अदर जेल का लुक दिखाई देता है. जेल जैसी ही इस दुकान में लोहे की ग्रिल लगी हुईं हैं. ग्राहकों के बैठने की कुर्सियां इसी सेलनुमा चेंबर के अंदर लगाई गईं हैं. ऑर्डर करने पर चाय सलाखों के अंदर बैठे लोगों तक पहुंचती है.

"एक दिन मेरे मन में आइडिया आया कि बिहार में कुछ अलग हटकर चाय की दुकान खोलूं, फिर एक दिन कैदी चाय वाला की दुकान खोल ली. चार महीने हो गए हैं ग्राहकों का हमें अच्छा रिस्पॉन्स मिल रहा है. हम युवाओं से यही कहना चाहेंगे कि जरूरी नहीं कि आप सरकारी जॉब ही करें. इस तरह के काम का Aim बनाकर भी अपना रोजगार चला सकते हैं."- अमित कुमार, कैदी चाय वाला

ग्राहकों का मिल रहा अच्छा रिस्पॉन्स: कैदी चाय वाला अमित कहते हैं कि उनके मन में एक दिन ख्याल आया कि वो ऐसी दुकान खोलें जिसका नाम बिहार में नहीं है, तो उन्होंने इस थीम पर रिसर्च किया और कैदी चाय वाला थीम के साथ दुकान की ओपनिंग कर दी. शॉप के खुलते ही उन्हें अच्छा रिस्पॉन्स भी मिलने लगा. अब उनकी इच्छा है कि उस शॉप को और बढ़ाएं. इसमें ज्यादा से ज्यादा खाने का आइटम रखें ताकि लोगों को चाय के साथ नाश्ते का सामान भी पूरा मिल सके.

आईडिया और डिजाइन ने बनाया खास: अमित कुमार कहते हैं कि युवाओं को सिर्फ नौकरी पर ही निर्भर रहने की जरूरत नहीं है. वो ऐसे ही इनोवेटिव आइडिया के साथ अपनी बेरोजगारी को भी दूर कर सकते हैं. और कुछ अलग करके लोगों को भी फ्रेशनेश दिला सकते हैं. कैदी चाय वाला की डिजाइन बहुत कुछ लोगों की पसंद को ध्यान में रखकर बनाया गया है. इसका बढ़िया रिस्पांस भी मिल रहा है.

युनिक नाम बन रहे ब्रांड: बता दें कि पटना में ग्रेजुएट चायवाली, दरभंगा में बी टेक चायवाला, पटना का बेवफा चायवाला समेत कई चाय दुकानों ने लोगों का ध्यान इस ओर खींचा है. इस तरह के युनिक नाम से न सिर्फ बिजनेस बढ़ रहा है बल्कि लोग भी खुद ही इनके पास आ रहे हैं. धीरे-धीरे इनकी थीम एक ब्रांड का भी रूप लेती जा रही है.

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