पटना : अपनी पार्टी के नेताओं खासकर विधायक फतेह बहादुर सिंह की धर्म के खिलाफ बयानबाजियों पर मंत्री तेज प्रताप भड़क गए. उन्होंने नसीहत देते हुए कहा कि किसी भी इंसान को किसी के धर्म को लेकर कोई बात नहीं बोलना चाहिए. जो भी धर्म को लेकर बयानबाजी कर रहा है वो गलत है. हमें सभी धर्मों का आदर करना चाहिए. उन्होंने आगे और भी सख्त और आध्यात्मिक लहजे में फतेह बहादुर सिंह के बयानों पर तंज भी कसा.
तेज प्रताप यादव की फतेह बहादुर जैसे नेताओं को नसीहत : तेज प्रताप यादव ने कहा कि 'अगर हम सांस ले रहे हैं, चल फिर रहे हैं तो ये कहीं न कहीं उस भगवान की दया है. यह बात हमें जरूर मानना और जानना चाहिए.' मंत्री तेज प्रताप यादव ने ये सब बातें धर्मनिरपेक्ष सेवक संघ यानी DSS की स्थापना दिवस पर कहीं. इस अवसर पर उन्होंने केक काटा. उन्होंने कहा कि उनका जो ये संगठन है वह पूरी तरीके से हिंदू मुस्लिम सिख इसाई हम सब हैं भाई भाई वाले फॉर्मूले पर काम करता है.
''DSS सभी जात धर्म को लेकर चलने वाला संगठन है. हम लोग सभी जात धर्म के लोगों को साथ लेकर चल रहे हैं. जो लोग माहौल खराब कर रहे हैं, उनको भी हम संदेश दे रहे हैं कि सभी लोगों को साथ लेकर चलें. हम लोग जब एक प्लेटफार्म पर आएंगे तभी देश और दुनिया विकसित होगा. जो आरएसएस वाले लोग होते हैं हिंदुत्व का बात करते हैं, हम लोग धर्मनिरपेक्ष का बात करते हैं. हम अपने उंगली को काटेंगे तो लाल खून निकलेगा और एक मुसलमान की उंगली भी कटेगी तो लाल खून ही निकलेगा.''- तेज प्रताप यादव, मंत्री, बिहार सरकार
इंसानियत धर्म फैलाना हमारा मकसद : लालू यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव ने कहा कि देश को कुछ लोग अंधकार में लेकर जाना चाह रहे हैं. पूरी देश दुनिया में इंसान धर्म फैलाना है. हम किसी जाति बिरादरी के नहीं है, हम सभी धर्म के हैं. उनसे पूछा गया कि कांग्रेस के लोग राम प्राण प्रतिष्ठा में नहीं जा रहे हैं, इस पर उन्होंने कहा कि ''जब इतना साधु संत नहीं जा रहे हैं. साधु संत के ऊपर अत्याचार हुआ है तो वह क्यों नहीं गए.''
आरजेडी की ओर से सनातन पर आते रहे हैं विवादित बयान : बता दें कि आरजेडी के नेता धर्म को लेकर विवादित टिप्पणी करते आ रहे हैं. सबसे ज्यादा विवादित बयान फतेह बहादुर सिंह और शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर सिंह की ओर से आ रहा है. इसको लेकर पटना में शिकायत भी दर्ज हुई है. फतेह बहादुर सिंह अक्सर देवी दुर्गा, ब्रह्मा और मां सरस्वती को लेकर विवादित बयान देते रहे हैं. उन्होंने प्राण प्रतिष्ठा को लेकर भी हाल ही में तंज कसा था. उन्होंने कहा था कि जो लोग पत्तथर में प्राण डालते हैं उनके नाम सार्वजनिक होने चाहिए. ऐसे लोगों की जरूरत अस्पतालों और देश के बॉर्डर पर है. ताकि कोई मरीज मरे नहीं और कोई सैनिक शहीद न हो.