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Patna Opposition Meeting : महबूबा मुफ्ती ने नालंदा में यूसुफ शाह की मजार पर की चादरपोशी, बोध गया में भगवान बुद्ध का दर्शन भी किया

विपक्षी एकता की बैठक में भाग लेने पटना पहुंची जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती अचानक नालंदा और गया के दौरे पर निकल गई. नालंदा में उन्होंने कश्मीर के अंतिम शासक यूसुफ शाह की मजार पर चादरपोशी की, वहीं बोधगया में विश्व को शांति और अहिंसा का संदेश देने वाले भगवान बुद्ध की शरण में भी गई. महबूबा मुफ्ती ने गर्भगृह में पहुंच तथागत के दर्शन किये और बोधि वृक्ष को भी नमन किया. पढ़ें पूरी खबर..

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Published : Jun 22, 2023, 10:49 PM IST

नालंदा/गया: बिहार की राजधानी पटना में विपक्षी एकता की बैठक शुक्रवार को तय है. इसमें शामिल होने पहुंची जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती नालंदा के कश्मीरीचक गांव गई और वहां यूसुफ शाह की मजार पर चादरपोशी की. नालंदा के इसलामपुर प्रखंड के बेश्वक पंचायत के कश्मीरी चक में कश्मीर के अंतिम शासक यूसुफ शाह की मजार है. चादर पोशी के बाद उन्होंने नालंदा जिलाधिकारी से पूछा कि इसका आस्ताना क्यों खुला हुआ है. घेराबंदी क्यों नहीं हुई है. बड़ी संख्या में कश्मीर के लोग यहां आना चाहते हैं.

ये भी पढ़ें : Patna Opposition Meeting : पटना पहुंचे तमिलनाडु CM स्टालिन, लालू यादव से की मुलाकात

यूसुफ शाह के मजार को विकसित करने की रखी मांग: जिलाधकारी ने महबूबा मुफ्ती को बताया कि एक करोड़ 38 लाख की राशि घेराबंदी के लिए स्वीकृत हुई है. इस पर महबूबा मुफ्ती ने कहा कि 4 एकड़ से अधिक जमीन जो बिल्कुल खाली पड़ी है. इतनी छोटी रकम से क्या होगा. मजार को अच्छे से बनवाएं. यहां पार्क बनवाएं और जरूरत के हिसाब से टूरिज्म डिपार्टमेंट इसे टूरिस्ट प्लेस की तरह विकसित करें. इस पर जिलाधिकारी ने कहा कि ऊपर बात कर आगे कार्य किया जाएगा. इस पर महबूबा मुफ्ती ने कहा कि आज ही मैं पटना लौटने पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से बात कर इसे विकसित करने की मांग करुंगी.

"4 एकड़ से अधिक जमीन जो बिल्कुल खाली पड़ी है. इतने छोटी रकम से क्या होगा. मजार को अच्छे से बनवाएं. यह पार्क और जरूरत के हिसाब से टूरिज्म डिपार्टमेंट इसको टूरिस्ट प्लेस की तरह विकसित करें. आज ही मैं पटना लौटने पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से बात कर इसे विकसित करने की मांग करुंगी" - महबूबा मुफ्ती, पूर्व मुख्यमंत्री जम्मू कश्मीर

  • Paid obeisance at Yousuf Shah Chak’s grave in Bihar. As the last muslim ruler of Kashmir, his resting place symbolises the ties between Kashmir & Bihar. Unfortunately the site is in absolute disrepair & ruins.Appeal @NitishKumar ji to take steps to preserve this relic of history pic.twitter.com/ZbWUXFphnd

    — Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) June 22, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

यूसुफ शाह ने नालंदा में गुजारा था अंतिम वक्त: महबूबा मुफ्ती ने कहा कि अगर यह काम नीतीश कुमार के शासन में नहीं होगा तो कब होगा. आपको बता दें कि पूर्व मुख्यमंत्री विपक्षी एकता बैठक में शामिल होने के लिए पटना आई हैं. आजाद कश्मीर के अंतिम शासक युसूफ शाह अपने आखिरी दिनों में इस्लामपुर आए और यहीं के होकर रह गए थे. शासक युसूफ शाह का मकबरा इस बात का प्रमाण है कि कश्मीर के बाद वे इस्लामपुर आए थे. वहीं उनकी पत्नी हब्बा खातून भी अंतिम समय में बिहार आईं थी और उन्होंने अंतिम सांस इस्लामपुर में ही ली थी. युसुफ शाह चक के मकबरे के पास हब्बा खातून का भी मकबरा है.

अकबर से जुड़ा है कश्मीरी चक का इतिहास: कश्मीरी चक का इतिहास भारत के शासक अकबर के जमाने से जुड़ा है. मुगल शासक अकबर पूरे भारत के साथ आजाद कश्मीर पर भी अपनी सत्ता काबिज करना चाहते थे. साल 1586 में अकबर ने अपने एक लाख सैनिकों के साथ कश्मीर पर हमला करने की तैयारी शुरू कर दी. उस वक्त कश्मीर के शासक युसूफ शाह चक को इस बात की भनक लग गई. युसुफ शाह चक काफी पढ़े-लिखे और ज्ञानी शासक थे. युसूफ शाह चक को अकबर के हमले की जानकारी मिली तो वे खुद अकबर से मिलने उनकी राजधानी आगरा पहुंच गए थे.

अकबर ने यूसुफ शाह को गिरफ्तार कर नालंदा भेज दिया था: यूसुफ शाह बिना किसी सैन्य तैयारी के आगरा में अकबर से मुलाकात करने गए थे. इसी दौरान युसुफ शाह को गिरफ्तार कर लिया गया और उन्हें बंगाल प्रांत के सेनापति मान सिंह को सौंप दिया गया. बाद में मान सिंह ने अकबर से उनकी रिहाई की सिफारिश की. अकबर ने सिफारिश मानकर युसुफ शाह चक को रिहा तो कर दिया, लेकिन शर्त यह रखी कि वह दोबारा कश्मीर नहीं जाएंगे.

इसके बाद उन्होंने नालंदा स्थित इस्लामपुर की ओर रुख किया. यहीं कश्मीरी चक नाम से एक नगर बसाया. नालंदा के इस्लामपुर थाना से बेश्वक का रास्ता शेख अब्दुल्ला रोड से होकर गुजरता है. जम्मू और कश्मीर के तत्कालीन मुख्यमंत्री शेख अब्दुल्ला 19 जनवरी 1977 को राज्य की कल्चरल एकेडमी की एक टीम के साथ बेश्वक आए थे.

भगवान बुद्ध की शरण में गया पहुंची महबूबा मुफ्ती: जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती गुरुवार को बिहार के बोधगया पहुंची. बोधगया पहुंच विश्व धरोहर महाबोधि मंदिर में भगवान बुद्ध के गर्भगृह में पहुंच उनके दर्शन किये. वहीं बोधि वृक्ष को भी नमन किया. उनका यह कार्यक्रम अचानक बना. भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच वह बोधगया पहुंची थी. उन्होंने महाबोधि मंदिर के बारे में काफी उत्सुक होकर जानकारी ली. इस दौरान उनके साथ रहे जदयू जिला अध्यक्ष अभय कुशवाहा ने बताया कि बुद्ध भूमि पहुंचकर जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने बड़ा संदेश दिया है.

  • Was an extraordinary experience to visit Bodhgaya in Bihar where Buddha attained enlightenment under a banyan tree. Its serenity & sacred energy moved me deeply. In an India riven by division, I hope his remarkable teachings steer us towards the path of peace & compassion pic.twitter.com/Ylqu1hjZ34

    — Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) June 22, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

उन्होंने गर्भगृह में भगवान बुद्ध को नमन किया. वहीं बोधि वृक्ष के भी दर्शन किए. बताया कि यह एक बड़ी बात है और इससे बड़े संदेश जाते हैं. अभय कुशवाहा ने बताया कि 23 जून को होने वाली विपक्षी एकता की बैठक में शामिल होने महबूबा मुफ्ती पटना पहुंची है. इस बीच बोधगया को पहुंची थी.

नालंदा/गया: बिहार की राजधानी पटना में विपक्षी एकता की बैठक शुक्रवार को तय है. इसमें शामिल होने पहुंची जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती नालंदा के कश्मीरीचक गांव गई और वहां यूसुफ शाह की मजार पर चादरपोशी की. नालंदा के इसलामपुर प्रखंड के बेश्वक पंचायत के कश्मीरी चक में कश्मीर के अंतिम शासक यूसुफ शाह की मजार है. चादर पोशी के बाद उन्होंने नालंदा जिलाधिकारी से पूछा कि इसका आस्ताना क्यों खुला हुआ है. घेराबंदी क्यों नहीं हुई है. बड़ी संख्या में कश्मीर के लोग यहां आना चाहते हैं.

ये भी पढ़ें : Patna Opposition Meeting : पटना पहुंचे तमिलनाडु CM स्टालिन, लालू यादव से की मुलाकात

यूसुफ शाह के मजार को विकसित करने की रखी मांग: जिलाधकारी ने महबूबा मुफ्ती को बताया कि एक करोड़ 38 लाख की राशि घेराबंदी के लिए स्वीकृत हुई है. इस पर महबूबा मुफ्ती ने कहा कि 4 एकड़ से अधिक जमीन जो बिल्कुल खाली पड़ी है. इतनी छोटी रकम से क्या होगा. मजार को अच्छे से बनवाएं. यहां पार्क बनवाएं और जरूरत के हिसाब से टूरिज्म डिपार्टमेंट इसे टूरिस्ट प्लेस की तरह विकसित करें. इस पर जिलाधिकारी ने कहा कि ऊपर बात कर आगे कार्य किया जाएगा. इस पर महबूबा मुफ्ती ने कहा कि आज ही मैं पटना लौटने पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से बात कर इसे विकसित करने की मांग करुंगी.

"4 एकड़ से अधिक जमीन जो बिल्कुल खाली पड़ी है. इतने छोटी रकम से क्या होगा. मजार को अच्छे से बनवाएं. यह पार्क और जरूरत के हिसाब से टूरिज्म डिपार्टमेंट इसको टूरिस्ट प्लेस की तरह विकसित करें. आज ही मैं पटना लौटने पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से बात कर इसे विकसित करने की मांग करुंगी" - महबूबा मुफ्ती, पूर्व मुख्यमंत्री जम्मू कश्मीर

  • Paid obeisance at Yousuf Shah Chak’s grave in Bihar. As the last muslim ruler of Kashmir, his resting place symbolises the ties between Kashmir & Bihar. Unfortunately the site is in absolute disrepair & ruins.Appeal @NitishKumar ji to take steps to preserve this relic of history pic.twitter.com/ZbWUXFphnd

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यूसुफ शाह ने नालंदा में गुजारा था अंतिम वक्त: महबूबा मुफ्ती ने कहा कि अगर यह काम नीतीश कुमार के शासन में नहीं होगा तो कब होगा. आपको बता दें कि पूर्व मुख्यमंत्री विपक्षी एकता बैठक में शामिल होने के लिए पटना आई हैं. आजाद कश्मीर के अंतिम शासक युसूफ शाह अपने आखिरी दिनों में इस्लामपुर आए और यहीं के होकर रह गए थे. शासक युसूफ शाह का मकबरा इस बात का प्रमाण है कि कश्मीर के बाद वे इस्लामपुर आए थे. वहीं उनकी पत्नी हब्बा खातून भी अंतिम समय में बिहार आईं थी और उन्होंने अंतिम सांस इस्लामपुर में ही ली थी. युसुफ शाह चक के मकबरे के पास हब्बा खातून का भी मकबरा है.

अकबर से जुड़ा है कश्मीरी चक का इतिहास: कश्मीरी चक का इतिहास भारत के शासक अकबर के जमाने से जुड़ा है. मुगल शासक अकबर पूरे भारत के साथ आजाद कश्मीर पर भी अपनी सत्ता काबिज करना चाहते थे. साल 1586 में अकबर ने अपने एक लाख सैनिकों के साथ कश्मीर पर हमला करने की तैयारी शुरू कर दी. उस वक्त कश्मीर के शासक युसूफ शाह चक को इस बात की भनक लग गई. युसुफ शाह चक काफी पढ़े-लिखे और ज्ञानी शासक थे. युसूफ शाह चक को अकबर के हमले की जानकारी मिली तो वे खुद अकबर से मिलने उनकी राजधानी आगरा पहुंच गए थे.

अकबर ने यूसुफ शाह को गिरफ्तार कर नालंदा भेज दिया था: यूसुफ शाह बिना किसी सैन्य तैयारी के आगरा में अकबर से मुलाकात करने गए थे. इसी दौरान युसुफ शाह को गिरफ्तार कर लिया गया और उन्हें बंगाल प्रांत के सेनापति मान सिंह को सौंप दिया गया. बाद में मान सिंह ने अकबर से उनकी रिहाई की सिफारिश की. अकबर ने सिफारिश मानकर युसुफ शाह चक को रिहा तो कर दिया, लेकिन शर्त यह रखी कि वह दोबारा कश्मीर नहीं जाएंगे.

इसके बाद उन्होंने नालंदा स्थित इस्लामपुर की ओर रुख किया. यहीं कश्मीरी चक नाम से एक नगर बसाया. नालंदा के इस्लामपुर थाना से बेश्वक का रास्ता शेख अब्दुल्ला रोड से होकर गुजरता है. जम्मू और कश्मीर के तत्कालीन मुख्यमंत्री शेख अब्दुल्ला 19 जनवरी 1977 को राज्य की कल्चरल एकेडमी की एक टीम के साथ बेश्वक आए थे.

भगवान बुद्ध की शरण में गया पहुंची महबूबा मुफ्ती: जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती गुरुवार को बिहार के बोधगया पहुंची. बोधगया पहुंच विश्व धरोहर महाबोधि मंदिर में भगवान बुद्ध के गर्भगृह में पहुंच उनके दर्शन किये. वहीं बोधि वृक्ष को भी नमन किया. उनका यह कार्यक्रम अचानक बना. भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच वह बोधगया पहुंची थी. उन्होंने महाबोधि मंदिर के बारे में काफी उत्सुक होकर जानकारी ली. इस दौरान उनके साथ रहे जदयू जिला अध्यक्ष अभय कुशवाहा ने बताया कि बुद्ध भूमि पहुंचकर जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने बड़ा संदेश दिया है.

  • Was an extraordinary experience to visit Bodhgaya in Bihar where Buddha attained enlightenment under a banyan tree. Its serenity & sacred energy moved me deeply. In an India riven by division, I hope his remarkable teachings steer us towards the path of peace & compassion pic.twitter.com/Ylqu1hjZ34

    — Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) June 22, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

उन्होंने गर्भगृह में भगवान बुद्ध को नमन किया. वहीं बोधि वृक्ष के भी दर्शन किए. बताया कि यह एक बड़ी बात है और इससे बड़े संदेश जाते हैं. अभय कुशवाहा ने बताया कि 23 जून को होने वाली विपक्षी एकता की बैठक में शामिल होने महबूबा मुफ्ती पटना पहुंची है. इस बीच बोधगया को पहुंची थी.

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