कोलकाता : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पांच मई यानी गुरुवार को दो दिन के पश्चिम बंगाल दौरे पर पहुंच रहे हैं. चर्चा है कि इस दौरान वह पार्टी कार्यकर्ताओं में उत्साह भरने के लिए नॉर्थ और साउथ बंगाल के कई कार्यक्रमों में शिरकत करेंगे. गृह मंत्री सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) कर्मियों के साथ बातचीत करने के लिए तीन बीघा के भारत-बांग्लादेश सीमा क्षेत्र का दौरा भी करेंगे. इसके अलावा वह शुक्रवार को राजरहाट होटल पार्टी के नेताओं के साथ मैराथन मीटिंग भी करेंगे. मगर केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय की ओर से विक्टोरिया मेमोरियल में होने वाला कल्चरल प्रोग्राम को लेकर विवाद हो गया है. गृह मंत्री अमित शाह और पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनकड़ तो इस कार्यक्रम में शामिल होंगे मगर इसके लिए सीएम ममता बनर्जी को न्योता नहीं दिया गया है.
टीएमसी के कुछ नेताओं का कहना है कि ममता बनर्जी न सिर्फ पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री हैं बल्कि राज्य में संस्कृति मंत्रालय का प्रभार भी उनके पास है. प्रोटोकॉल के मुताबिक, राज्य में होने वाले केंद्रीय कार्यक्रम में स्थानीय मंत्री और विभाग को न्योता देना चाहिए. मगर सवाल यह है कि आखिर केंद्र ने सीएम को आमंत्रित क्यों नहीं किया. हालांकि पार्टी नेतृत्व इस मुद्दे को तूल नहीं देना चाहता है. तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता तापस रॉय का कहना है कि बीजेपी की सरकार से शिष्टाचार की उम्मीद नहीं की जा सकती है.
इस मामले पर बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष का कहना है कि जब मुख्यमंत्री जिलों में बैठकें करती हैं, तो क्षेत्र के विपक्षी सांसदों, विधायकों और पार्षदों की अनदेखी को बुलाना भी उचित नहीं समझती है. अब तृणमूल कांग्रेस सवाल कर रही है कि मुख्यमंत्री को क्यों नहीं बुलाया गया? यह सूचना और संस्कृति मंत्रालय का एक कार्यक्रम है, इसलिए यह तय करना है कि किसे आमंत्रित किया जाएगा, किसे नहीं, यह विभाग की जिम्मेदारी है. हालांकि, यह अच्छा है अगर वह नहीं आती है क्योंकि ऐसे सार्वजनिक कार्यक्रम में कोई जय श्री राम बोल सकता है, यह सुनना उन्हें पसंद नहीं है.
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