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मुंबई पुलिस फोन टैपिंग मामले में फडणवीस का बयान दर्ज, भाजपा कार्यकर्ताओं में गुस्सा

महाराष्ट्र पुलिस ने आज पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस का बयान दर्ज किया. उन पर टेलिफोन टैपिंग करने का आरोप लगाया गया है. पुलिस ने कहा कि जब वह मुख्यमंत्री थे, तब उन्होंने राज्य की खुफिया प्रमुख के जरिए यह काम कराया था. इसी मामले में उनके बयान दर्ज किए जा रहे हैं. पूरे प्रदेश में भाजपा कार्यकर्ताओं ने इसका विरोध किया.

fadnavis, ex cm of maharashtra, file photo
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस
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Published : Mar 13, 2022, 1:45 PM IST

Updated : Mar 13, 2022, 5:28 PM IST

मुंबई : बीकेसी साइबर पुलिस की टीम रविवार को भाजपा के वरिष्ठ नेता देवेंद्र फडणवीस के आवास पर कथित गैर कानूनी फोन टैपिंग मामले में उनका बयान दर्ज करने के लिए पहुंची. उसके बाद उनका बयान दर्ज किया गया. इससे पहले महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री फडणवीस के दक्षिण मुंबई के मालाबार हिल इलाके स्थित आवास के सामने सुरक्षा कड़ी कर दी गई थी. अधिकारी ने बताया कि दोपहर बाद टीम पुलिस के सहायक आयुक्त नितिन जाधव के नेतृत्व में पहुंची थी, जिसमें दो निरीक्षक शामिल थे.

मुंबई साइबर पुलिस ने फडणवीस को नोटिस जारी कर रविवार को मामले में पेश होने को कहा था. फडणवीस ने हालांकि, शनिवार को कहा कि वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने उन्हें यह सूचित करने के लिए संपर्क किया कि पुलिस आवास पर जरूरी जानकारी लेने के लिए आएगी और उन्हें थाने आने की जरूरत नहीं है. महाराष्ट्र के गृहमंत्री दिलीप वाल्से पाटिल ने पिछले महीने आरोप लगाया था कि आईपीएस अधिकारी रश्मि शुक्ला जब राज्य की खुफिया प्रमुख थीं, तब कांग्रेस की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष नाना पटोले, मंत्री बच्चू कडू, पूर्व विधायक आशीष देशमुख, पूर्व सांसद संजय काकड़े सहित कई नेताओं के फोन टैप किए गए थे.

पुलिस अधिकारी ने बताया कि फडणवीस को जारी नोटिस में कहा गया है कि इससे पहले मामले से जुड़े सवालों को सीलबंद लिफाफे में भेजा गया था, लेकिन उन्होंने उनका जवाब नहीं दिया. इसके अलावा उन्हें जवाब देने के लिए दो बार नोटिस जारी किया लेकिन उसका भी जवाब नहीं दिया गया. उन्होंने बताया कि इनके अलावा फडणवीस को तीन स्मरण पत्र भेजे गए जिनमें पुलिस के समक्ष उपस्थित होने को कहा गया लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री ने उनका भी कोई जवाब नहीं दिया.

उल्लेखनीय है कि कथित रूप से फोन टैप करने और गोपनीय दस्तावेजों को लीक करने के मामले में पिछले साल बीकेसी साइबर पुलिस थाने में सरकारी गोपनीयता अधिनियम के तहत अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी. इस मामले में शिकायत राज्य खुफिया विभाग ने दर्ज कराई थी.

भाजपा कार्यकर्ता ने किया विरोध

महाराष्ट्र के कई हिस्सों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) कार्यकर्ताओं ने कथित रूप से फोन टैप करने के मामले में मुंबई पुलिस द्वारा पार्टी के वरिष्ठ नेता देवेंद्र फडणवीस को जारी नोटिस की रविवार को प्रतियां जलाकर विरोध जताया. इसके साथ ही विधायक नीतेश राणे, विधान परिषद के सदस्य(एमएलसी) प्रसाद लाड एवं प्रवीण दरेकर और पार्टी नेता कृपाशंकर सिंह सहित कई भाजपा नेता दक्षिण मुंबई में फडणवीस के आवास के पास एकत्र हुए, जहां बीकेसी (बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स) साइबर पुलिस दल इस मामले में उनका बयान दर्ज करने के लिए दोपहर बाद पहुंचा.

भाजपा कार्यकर्ताओं ने पुलिस के इस कदम का पुणे, पंढरपुर (सोलापुर जिला), नागपुर, चंद्रपुर और सांगली सहित राज्य के विभिन्न हिस्सों में विरोध किया और उसके द्वारा फडणवीस को जारी नोटिस की प्रतियां जलाईं.

भाजपा विधायक और पूर्व राज्यमंत्री आशीष शेलार ने रविवार को कहा, 'उन्हें बयान दर्ज करने दीजिए. सच को कभी छिपाया या हराया नहीं जा सकता.' उन्होंने एक समाचार चैनल से बातचीत में कहा, 'फडणवीस ने इस मामले में भ्रष्टचार को उजागर किया है. यह उम्मीद की जा रही थी कि जो भ्रष्टाचार के मामले में शामिल हैं या जिनके खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं, उनकी जांच की जाएगी, लेकिन महाराष्ट्र सरकार कहीं न कहीं विरोधियों पर दबाव बनाने के हथकंडे का इस्तेमाल कर रही है.'

ये भी पढ़ें : Paytm फाउंडर विजय शेखर शर्मा की गाड़ी से हादसा, गिरफ्तारी के बाद मिली जमानत

मुंबई : बीकेसी साइबर पुलिस की टीम रविवार को भाजपा के वरिष्ठ नेता देवेंद्र फडणवीस के आवास पर कथित गैर कानूनी फोन टैपिंग मामले में उनका बयान दर्ज करने के लिए पहुंची. उसके बाद उनका बयान दर्ज किया गया. इससे पहले महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री फडणवीस के दक्षिण मुंबई के मालाबार हिल इलाके स्थित आवास के सामने सुरक्षा कड़ी कर दी गई थी. अधिकारी ने बताया कि दोपहर बाद टीम पुलिस के सहायक आयुक्त नितिन जाधव के नेतृत्व में पहुंची थी, जिसमें दो निरीक्षक शामिल थे.

मुंबई साइबर पुलिस ने फडणवीस को नोटिस जारी कर रविवार को मामले में पेश होने को कहा था. फडणवीस ने हालांकि, शनिवार को कहा कि वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने उन्हें यह सूचित करने के लिए संपर्क किया कि पुलिस आवास पर जरूरी जानकारी लेने के लिए आएगी और उन्हें थाने आने की जरूरत नहीं है. महाराष्ट्र के गृहमंत्री दिलीप वाल्से पाटिल ने पिछले महीने आरोप लगाया था कि आईपीएस अधिकारी रश्मि शुक्ला जब राज्य की खुफिया प्रमुख थीं, तब कांग्रेस की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष नाना पटोले, मंत्री बच्चू कडू, पूर्व विधायक आशीष देशमुख, पूर्व सांसद संजय काकड़े सहित कई नेताओं के फोन टैप किए गए थे.

पुलिस अधिकारी ने बताया कि फडणवीस को जारी नोटिस में कहा गया है कि इससे पहले मामले से जुड़े सवालों को सीलबंद लिफाफे में भेजा गया था, लेकिन उन्होंने उनका जवाब नहीं दिया. इसके अलावा उन्हें जवाब देने के लिए दो बार नोटिस जारी किया लेकिन उसका भी जवाब नहीं दिया गया. उन्होंने बताया कि इनके अलावा फडणवीस को तीन स्मरण पत्र भेजे गए जिनमें पुलिस के समक्ष उपस्थित होने को कहा गया लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री ने उनका भी कोई जवाब नहीं दिया.

उल्लेखनीय है कि कथित रूप से फोन टैप करने और गोपनीय दस्तावेजों को लीक करने के मामले में पिछले साल बीकेसी साइबर पुलिस थाने में सरकारी गोपनीयता अधिनियम के तहत अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी. इस मामले में शिकायत राज्य खुफिया विभाग ने दर्ज कराई थी.

भाजपा कार्यकर्ता ने किया विरोध

महाराष्ट्र के कई हिस्सों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) कार्यकर्ताओं ने कथित रूप से फोन टैप करने के मामले में मुंबई पुलिस द्वारा पार्टी के वरिष्ठ नेता देवेंद्र फडणवीस को जारी नोटिस की रविवार को प्रतियां जलाकर विरोध जताया. इसके साथ ही विधायक नीतेश राणे, विधान परिषद के सदस्य(एमएलसी) प्रसाद लाड एवं प्रवीण दरेकर और पार्टी नेता कृपाशंकर सिंह सहित कई भाजपा नेता दक्षिण मुंबई में फडणवीस के आवास के पास एकत्र हुए, जहां बीकेसी (बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स) साइबर पुलिस दल इस मामले में उनका बयान दर्ज करने के लिए दोपहर बाद पहुंचा.

भाजपा कार्यकर्ताओं ने पुलिस के इस कदम का पुणे, पंढरपुर (सोलापुर जिला), नागपुर, चंद्रपुर और सांगली सहित राज्य के विभिन्न हिस्सों में विरोध किया और उसके द्वारा फडणवीस को जारी नोटिस की प्रतियां जलाईं.

भाजपा विधायक और पूर्व राज्यमंत्री आशीष शेलार ने रविवार को कहा, 'उन्हें बयान दर्ज करने दीजिए. सच को कभी छिपाया या हराया नहीं जा सकता.' उन्होंने एक समाचार चैनल से बातचीत में कहा, 'फडणवीस ने इस मामले में भ्रष्टचार को उजागर किया है. यह उम्मीद की जा रही थी कि जो भ्रष्टाचार के मामले में शामिल हैं या जिनके खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं, उनकी जांच की जाएगी, लेकिन महाराष्ट्र सरकार कहीं न कहीं विरोधियों पर दबाव बनाने के हथकंडे का इस्तेमाल कर रही है.'

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Last Updated : Mar 13, 2022, 5:28 PM IST
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