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परमबीर के ईमेल आईडी से नहीं मिला पत्र, होगी जांच : महाराष्ट्र सीएम कार्यालय

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री कार्यालय ने यह जानकारी दी कि परमबीर सिंह का पत्र आज एक अलग ईमेल पते के माध्यम से प्राप्त हुआ. उनके आधिकारिक अकांउट से मेल नहीं आया है. इस नए मेल पते की जांच करने की जरूरत है.

उद्धव ठाकरे
उद्धव ठाकरे
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Published : Mar 20, 2021, 10:58 PM IST

Updated : Mar 20, 2021, 11:09 PM IST

मुंबई : मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह के आरोपों पर महाराष्ट्र सरकार का जवाब आया है. महाराष्ट्र सरकार के अनुसार सिंह का पत्र आज शाम 4:37 बजे एक अलग ईमेल पते के जरिए प्राप्त हुआ. उनके आधिकारिक अकांउट से मेल नहीं आया है. पत्र पर उनके हस्ताक्षर भी नहीं हैं. नए ईमेल पते की जांच करने की आवश्यकता है. इसलिए गृह मंत्रालय उनसे संपर्क करने की कोशिश कर रहा है.

इससे पहले मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख पर कथित रूप से आरोप लगाया कि मंत्री उनके टीम मेंबर सचिन वाजे से बार और हुक्का पार्लरों से प्रतिमाह 100 करोड़ रुपये वसूली को कहा था.

सिंह ने देशमुख की उस टिप्पणी पर भी कड़ा प्रहार किया, जिसमें उन्होंने कहा था कि महाराष्ट्र होमगार्ड के कमांडेंट-जनरल के रूप में सिंह का ट्रांसफर प्रशासनिक उद्देश्यों के लिए नहीं, बल्कि उनकी टीम द्वारा 'अक्षम्य चूक' के लिए था. मुंबई के पूर्व शीर्ष पुलिस अधिकारी ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को आठ पन्नों का पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने चौंकाने वाले खुलासे किए हैं.

सिंह पर पलटवार करते हुए देशमुख ने ट्वीट किया कि पूर्व मुंबई पुलिस प्रमुख ने एसयूवी मामले में कार्रवाई और मनसुख हिरेन की मौत से संबंधित मामले में खुद को बचाने के लिए उन पर झूठे आरोप लगाए.

यह भी पढ़ें- महाराष्ट्र में 'लेटर बम' : गृह मंत्री देशमुख ने कहा 100 करोड़ चाहिए, परमबीर ने सीएम को लिखी चिट्ठी

यह मुद्दा शिवसेना-राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी-कांग्रेस की महाविकास अघाडी (एमवीए) सरकार की नींव को हिला सकती है, लेकिन, कोई भी वरिष्ठ नेता इस मुद्दे पर कुछ बोलने को तैयार नहीं है.

एसयूवी मामला विस्फोटक से लदी स्कॉर्पियो से जुड़ा है. यह स्कॉर्पियो पिछले महीने मुंबई में उद्योगपति मुकेश अंबानी के आवास के पास मिली थी. स्कॉर्पियो ठाणे स्थित व्यवसायी मनसुख हिरेन की थी. वह पांच मार्च को रहस्यमय परिस्थितियों में मृत पाए गए थे.

मुंबई : मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह के आरोपों पर महाराष्ट्र सरकार का जवाब आया है. महाराष्ट्र सरकार के अनुसार सिंह का पत्र आज शाम 4:37 बजे एक अलग ईमेल पते के जरिए प्राप्त हुआ. उनके आधिकारिक अकांउट से मेल नहीं आया है. पत्र पर उनके हस्ताक्षर भी नहीं हैं. नए ईमेल पते की जांच करने की आवश्यकता है. इसलिए गृह मंत्रालय उनसे संपर्क करने की कोशिश कर रहा है.

इससे पहले मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख पर कथित रूप से आरोप लगाया कि मंत्री उनके टीम मेंबर सचिन वाजे से बार और हुक्का पार्लरों से प्रतिमाह 100 करोड़ रुपये वसूली को कहा था.

सिंह ने देशमुख की उस टिप्पणी पर भी कड़ा प्रहार किया, जिसमें उन्होंने कहा था कि महाराष्ट्र होमगार्ड के कमांडेंट-जनरल के रूप में सिंह का ट्रांसफर प्रशासनिक उद्देश्यों के लिए नहीं, बल्कि उनकी टीम द्वारा 'अक्षम्य चूक' के लिए था. मुंबई के पूर्व शीर्ष पुलिस अधिकारी ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को आठ पन्नों का पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने चौंकाने वाले खुलासे किए हैं.

सिंह पर पलटवार करते हुए देशमुख ने ट्वीट किया कि पूर्व मुंबई पुलिस प्रमुख ने एसयूवी मामले में कार्रवाई और मनसुख हिरेन की मौत से संबंधित मामले में खुद को बचाने के लिए उन पर झूठे आरोप लगाए.

यह भी पढ़ें- महाराष्ट्र में 'लेटर बम' : गृह मंत्री देशमुख ने कहा 100 करोड़ चाहिए, परमबीर ने सीएम को लिखी चिट्ठी

यह मुद्दा शिवसेना-राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी-कांग्रेस की महाविकास अघाडी (एमवीए) सरकार की नींव को हिला सकती है, लेकिन, कोई भी वरिष्ठ नेता इस मुद्दे पर कुछ बोलने को तैयार नहीं है.

एसयूवी मामला विस्फोटक से लदी स्कॉर्पियो से जुड़ा है. यह स्कॉर्पियो पिछले महीने मुंबई में उद्योगपति मुकेश अंबानी के आवास के पास मिली थी. स्कॉर्पियो ठाणे स्थित व्यवसायी मनसुख हिरेन की थी. वह पांच मार्च को रहस्यमय परिस्थितियों में मृत पाए गए थे.

Last Updated : Mar 20, 2021, 11:09 PM IST
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