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मणिपुर : कर्फ्यू में ढील के साथ जनजीवन कुछ हद तक सामान्य स्थिति में लौटने लगा - मणिपुर में कर्फ्यू

गृह मंत्री अमित शाह ने मणिपुर हिंसा को लेकर तमाम प्रयास किए. जिसके चलते हिंसा में कमी आई. वहीं, सीएम एन बीरेन सिंह ने कहा कि अब हालात सुधर रहे हैं.

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Etv Bharat मणिपुर में कर्फ्यू
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Published : May 8, 2023, 11:07 AM IST

इंफाल: हिंसा प्रभावित मणिपुर में सोमवार को सुबह कुछ घंटों के लिए कर्फ्यू में ढील देने के साथ ही जनजीवन कुछ हद तक सामान्य स्थिति में लौटने लगा. अधिकारियों ने यह जानकारी देते हुए बताया कि इस दौरान इंफाल में लोग जरूरी सामान खरीदने के लिए अपने घरों से निकले. अधिकारियों ने बताया कि कर्फ्यू में ढील के दौरान सेना के ड्रोन और हेलीकॉप्टरों के जरिए स्थिति पर नजर रखी गई. पिछले कुछ दिनों से जातीय हिंसा से प्रभावित विभिन्न क्षेत्रों में सेना और असम राइफल्स के जवानों ने फ्लैग मार्च किया.

गौरतलब है कि मणिपुर में बहुसंख्यक मेइती समुदाय द्वारा उसे अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा दिए जाने की मांग के विरोध में 'ऑल ट्राइबल स्टूडेंट यूनियन मणिपुर' (एटीएसयूएम) की ओर से बुधवार को आयोजित 'आदिवासी एकजुटता मार्च' के दौरान चुराचांदपुर जिले के तोरबंग क्षेत्र में हिंसा भड़क गई थी, जो रातोंरात पूरे राज्य में फैल गई थी. इस हिंसा में कम से कम 54 लोगों की जान चली गई. मणिपुर की कुल आबादी में मेइती समुदाय की 53 फीसदी हिस्सेदारी होने का अनुमान है. इस समुदाय के लोग मुख्यत: इंफाल घाटी में रहते हैं. वहीं, नगा और कुकी सहित अन्य आदिवासी समुदायों की आबादी 40 प्रतिशत के करीब है तथा वे मुख्यत: इंफाल घाटी के आसपास स्थित पहाड़ी जिलों में रहते हैं.

अधिकारियों ने बताया कि पिछले कुछ दिनों से जारी जातीय हिंसा और अराजकता के कारण प्रभावित क्षेत्रों में फंसे करीब 23,000 लोगों को अभी तक निकाला गया है और इन्हें सैन्य छावनियों में भेजा गया है. हिंसा भड़कने के बाद बुधवार को लगाए गए कर्फ्यू में, लोगों के जरूरी सामान खरीदने के मद्देनजर पश्चिमी इंफाल जिले में सुबह पांच बजे से आठ बजे तक ढील दी गई. इस दौरान लोग आवश्यक सामग्री की खरीदारी के लिए बड़ी संख्या बाहर निकले.

मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने कहा कि वह हिंसा प्रभावित राज्य में स्थिति को सुधारने में मदद के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा किए गए समर्थन को लेकर उनके आभारी हैं. उन्होंने कहा, 'स्थिति पर नजर रखने और यह सुनिश्चित करने के लिए कि राज्य में आगे कोई हिंसा न हो, मैं लगातार गृह मंत्री के कार्यालय के संपर्क में हूं.' उन्होंने कहा, 'अर्धसैनिक और राज्य बल हिंसा को नियंत्रित करने और राज्य को सामान्य स्थिति में लाने के लिए एक अनुकरणीय कार्य कर रहे हैं. मैं राज्य के लोगों के सहयोग के लिए उनकी भी सराहना करता हूं.'

पढ़ें: Manipur violence : भारत-म्यांमार सीमा पर हवाई निगरानी और यूएवी के साथ चौकसी बढ़ाई

इस बीच, आंध्र प्रदेश सरकार ने हिंसा प्रभावित मणिपुर में फंसे राज्य के 157 छात्रों को वापस लाने के लिए सोमवार को दो विशेष उड़ानों की व्यवस्था की.

पीटीआई-भाषा

इंफाल: हिंसा प्रभावित मणिपुर में सोमवार को सुबह कुछ घंटों के लिए कर्फ्यू में ढील देने के साथ ही जनजीवन कुछ हद तक सामान्य स्थिति में लौटने लगा. अधिकारियों ने यह जानकारी देते हुए बताया कि इस दौरान इंफाल में लोग जरूरी सामान खरीदने के लिए अपने घरों से निकले. अधिकारियों ने बताया कि कर्फ्यू में ढील के दौरान सेना के ड्रोन और हेलीकॉप्टरों के जरिए स्थिति पर नजर रखी गई. पिछले कुछ दिनों से जातीय हिंसा से प्रभावित विभिन्न क्षेत्रों में सेना और असम राइफल्स के जवानों ने फ्लैग मार्च किया.

गौरतलब है कि मणिपुर में बहुसंख्यक मेइती समुदाय द्वारा उसे अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा दिए जाने की मांग के विरोध में 'ऑल ट्राइबल स्टूडेंट यूनियन मणिपुर' (एटीएसयूएम) की ओर से बुधवार को आयोजित 'आदिवासी एकजुटता मार्च' के दौरान चुराचांदपुर जिले के तोरबंग क्षेत्र में हिंसा भड़क गई थी, जो रातोंरात पूरे राज्य में फैल गई थी. इस हिंसा में कम से कम 54 लोगों की जान चली गई. मणिपुर की कुल आबादी में मेइती समुदाय की 53 फीसदी हिस्सेदारी होने का अनुमान है. इस समुदाय के लोग मुख्यत: इंफाल घाटी में रहते हैं. वहीं, नगा और कुकी सहित अन्य आदिवासी समुदायों की आबादी 40 प्रतिशत के करीब है तथा वे मुख्यत: इंफाल घाटी के आसपास स्थित पहाड़ी जिलों में रहते हैं.

अधिकारियों ने बताया कि पिछले कुछ दिनों से जारी जातीय हिंसा और अराजकता के कारण प्रभावित क्षेत्रों में फंसे करीब 23,000 लोगों को अभी तक निकाला गया है और इन्हें सैन्य छावनियों में भेजा गया है. हिंसा भड़कने के बाद बुधवार को लगाए गए कर्फ्यू में, लोगों के जरूरी सामान खरीदने के मद्देनजर पश्चिमी इंफाल जिले में सुबह पांच बजे से आठ बजे तक ढील दी गई. इस दौरान लोग आवश्यक सामग्री की खरीदारी के लिए बड़ी संख्या बाहर निकले.

मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने कहा कि वह हिंसा प्रभावित राज्य में स्थिति को सुधारने में मदद के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा किए गए समर्थन को लेकर उनके आभारी हैं. उन्होंने कहा, 'स्थिति पर नजर रखने और यह सुनिश्चित करने के लिए कि राज्य में आगे कोई हिंसा न हो, मैं लगातार गृह मंत्री के कार्यालय के संपर्क में हूं.' उन्होंने कहा, 'अर्धसैनिक और राज्य बल हिंसा को नियंत्रित करने और राज्य को सामान्य स्थिति में लाने के लिए एक अनुकरणीय कार्य कर रहे हैं. मैं राज्य के लोगों के सहयोग के लिए उनकी भी सराहना करता हूं.'

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इस बीच, आंध्र प्रदेश सरकार ने हिंसा प्रभावित मणिपुर में फंसे राज्य के 157 छात्रों को वापस लाने के लिए सोमवार को दो विशेष उड़ानों की व्यवस्था की.

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