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Santosh Suman Resign: एक साथ कितनी छोटी-छोटी दुकानें चलेंगी?...ललन सिंह बोले- 'क्या बुराई थी'

जीतन राम मांझी के बेटे व बिहार के पूर्व मंत्री संतोष सुमन ने इस्तीफा देने के बाद कहा था कि हम के विलय के लिए दबाव बनाया जा रहा था. इसपर ललन सिंह ने बड़ा बयान देते हुए कहा है कि हमने कहा कि पार्टी का विलय कर लीजिए, इसमें बुराई क्या है. उन्होंने नहीं किया. उनकी किससे क्या बात हो रही है, वही बता सकते हैं.

we asked ham party to merge with JDU
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Published : Jun 13, 2023, 7:55 PM IST

ललन सिंह का बड़ा बयान

पटना: संतोष मांझी के नीतीश मंत्रिमंडल से इस्तीफा देने के बाद बिहार में राजनीतिक हलचल बढ़ गयी हैं. तभी तो शाम होते-होते महागठबंधन के दिग्गज नेता बैठक करने पर मजबूर हो गए. कैबिनेट बैठक के बाद मुख्यमंत्री आवास पर बड़े नेताओं का जमावड़ा लगा. ललन सिंह, तेजस्वी यादव, विजय चौधरी, विजेन्दर यादव मुख्यमंत्री आवास पहुंचे. जब सभी नेता बाहर निकले तो ललन सिंह ने बड़ा बयान दे डाला.

पढ़ें- Bihar Minister Resigns: जीतनराम मांझी का नीतीश सरकार को बड़ा झटका, बेटे संतोष ने मंत्री पद से दिया इस्तीफा

एक साथ कितनी छोटी-छोटी दुकानें चलेंगी? : जिस आरोप पर संतोष मांझी ने महागठबंधन सरकार से इस्तीफा दिया था, उसपर ललन सिंह ने मुहर लगा दी है. उन्होंने कहा कि हां हमने कहा था कि पार्टी को मर्ज कर लीजिए. इसमें बुराई क्या था? एक साथ कितनी छोटी-छोटी दुकानें चलेंगी. ललन सिंह ने कहा कि जीतन राम मांझी अब महागठबंधन के पार्ट नहीं है.

"उनका त्यागपत्र स्वीकार कर लिया गया है. मंत्रिमंडल का विस्तार सीएम का अधिकार क्षेत्र है. विलय में संघर्ष की क्या बात है. हमने कहा कि पार्टी का विलय कर लीजिए, इसमें बुराई क्या है. उन्होंने नहीं किया. उनकी किससे क्या बात हो रही है, वही बता सकते हैं."- ललन सिंह, राष्ट्रीय अध्यक्ष, जदयू

'हम' अब महागठबंधन के साथ नहीं : मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि उन्होंने (संतोष मांझी) जो पत्र लिखा था, उसी में साफ लिखा था कि अब आगे हम लोग महागठबंधन के साथ नहीं चल सकते हैं. उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा कि जीतन राम मांझी को पूरा सम्मान दिया गया. उनके बेटे को मंत्री भी बनाया गया. यह नहीं कह सकते हैं कि सम्मान नहीं दिया गया है.

''लगातार जीतन राम मांझी और संतोष मांझी को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आगे बढ़ाने का काम किया. चिट्ठी में साफ लिखा है कि निजी कारणों के चलते वे (संतोष मांझी) साथ नहीं चल सकते. चिट्ठी से स्पष्ट है कि वे महागठबंधन का अंग नहीं रहना चाहते.''- तेजस्वी यादव, उपमुख्यमंत्री, बिहार

जेडीयू अध्यक्ष ललन के बयान को क्या समझा जाए?: क्या अब जेडीयू भी 'बड़ी दुकान' में मर्ज हो जाएगी? क्योंकि जेडीयू के विलय की बात आरजेडी के साथ गठबंधन होने के दौरान से ही चर्चा में है. सवाल इस बात का है कि क्या महागठबंधन के साथ कम सीटों वाली अन्य पार्टियों का अस्तित्व बिहार में खत्म हो जाएगा? ललन सिंह का ये बयान कहीं जेडीयू और महागठबंधन पर उल्टा न पड़ जाए.

ललन सिंह का बड़ा बयान

पटना: संतोष मांझी के नीतीश मंत्रिमंडल से इस्तीफा देने के बाद बिहार में राजनीतिक हलचल बढ़ गयी हैं. तभी तो शाम होते-होते महागठबंधन के दिग्गज नेता बैठक करने पर मजबूर हो गए. कैबिनेट बैठक के बाद मुख्यमंत्री आवास पर बड़े नेताओं का जमावड़ा लगा. ललन सिंह, तेजस्वी यादव, विजय चौधरी, विजेन्दर यादव मुख्यमंत्री आवास पहुंचे. जब सभी नेता बाहर निकले तो ललन सिंह ने बड़ा बयान दे डाला.

पढ़ें- Bihar Minister Resigns: जीतनराम मांझी का नीतीश सरकार को बड़ा झटका, बेटे संतोष ने मंत्री पद से दिया इस्तीफा

एक साथ कितनी छोटी-छोटी दुकानें चलेंगी? : जिस आरोप पर संतोष मांझी ने महागठबंधन सरकार से इस्तीफा दिया था, उसपर ललन सिंह ने मुहर लगा दी है. उन्होंने कहा कि हां हमने कहा था कि पार्टी को मर्ज कर लीजिए. इसमें बुराई क्या था? एक साथ कितनी छोटी-छोटी दुकानें चलेंगी. ललन सिंह ने कहा कि जीतन राम मांझी अब महागठबंधन के पार्ट नहीं है.

"उनका त्यागपत्र स्वीकार कर लिया गया है. मंत्रिमंडल का विस्तार सीएम का अधिकार क्षेत्र है. विलय में संघर्ष की क्या बात है. हमने कहा कि पार्टी का विलय कर लीजिए, इसमें बुराई क्या है. उन्होंने नहीं किया. उनकी किससे क्या बात हो रही है, वही बता सकते हैं."- ललन सिंह, राष्ट्रीय अध्यक्ष, जदयू

'हम' अब महागठबंधन के साथ नहीं : मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि उन्होंने (संतोष मांझी) जो पत्र लिखा था, उसी में साफ लिखा था कि अब आगे हम लोग महागठबंधन के साथ नहीं चल सकते हैं. उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा कि जीतन राम मांझी को पूरा सम्मान दिया गया. उनके बेटे को मंत्री भी बनाया गया. यह नहीं कह सकते हैं कि सम्मान नहीं दिया गया है.

''लगातार जीतन राम मांझी और संतोष मांझी को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आगे बढ़ाने का काम किया. चिट्ठी में साफ लिखा है कि निजी कारणों के चलते वे (संतोष मांझी) साथ नहीं चल सकते. चिट्ठी से स्पष्ट है कि वे महागठबंधन का अंग नहीं रहना चाहते.''- तेजस्वी यादव, उपमुख्यमंत्री, बिहार

जेडीयू अध्यक्ष ललन के बयान को क्या समझा जाए?: क्या अब जेडीयू भी 'बड़ी दुकान' में मर्ज हो जाएगी? क्योंकि जेडीयू के विलय की बात आरजेडी के साथ गठबंधन होने के दौरान से ही चर्चा में है. सवाल इस बात का है कि क्या महागठबंधन के साथ कम सीटों वाली अन्य पार्टियों का अस्तित्व बिहार में खत्म हो जाएगा? ललन सिंह का ये बयान कहीं जेडीयू और महागठबंधन पर उल्टा न पड़ जाए.

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