श्रीनगर : कश्मीर के बडगाम जिले में गुरुवार शाम को आतंकियों ने एक सरकारी दफ्तर में घुसकर कश्मीरी पंडित राहुल बट की गोली मारकर हत्या कर दी. राजस्व विभाग के कर्मचारी राहुल बट चदूरा में तहसील कार्यालय में तैनात थे. वारदात के बाद उन्हें तुरंत इलाज के लिए नजदीकी अस्पताल में ले जाया गया. हालत बिगड़ने पर उन्हें श्रीनगर के एसएमएचएस अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्होंने दम तोड़ दिया. पुलिस के मुताबिक, राहुल भट पर दो आतंकियों ने हमला किया था. उन्हें पिस्टल से गोली मारी गई थी. हमले के तुरंत बाद, जम्मू-कश्मीर पुलिस, सेना और अर्धसैनिक बलों की एक संयुक्त टीम ने इलाके को घेर लिया और हमलावरों को पकड़ने के लिए तलाशी शुरू कर दी.
ऐसा नहीं है कि जम्मू-कश्मीर में पहली बार अल्पसंख्यक हिंदुओं को आतंकियों ने निशाना बनाया है. पिछले साल अक्टूबर 2021 में कश्मीरी पंडितों और प्रवासी कामगारों पर आतंकियों ने सिलसिलेवार हमले किए थे. भट की हत्या 2022 में कश्मीर में अल्पसंख्यक समुदाय के एक सदस्य पर तीसरा हमला है. 13 अप्रैल को दक्षिण कश्मीर के काकरान गांव में आतंकवादियों ने सतीश कुमार सिंह की उनके घर के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी थी. इससे पहले 4 अप्रैल को आतंकवादियों ने दक्षिण कश्मीर के कुलगाम में एक कश्मीरी पंडित बाल कृष्ण भट्ट पर हमला किया और घायल कर दिया.
गौरतलब है कि यह हमला जम्मू-कश्मीर के बांदीपोरा और अनंतनाग जिलों में दो अलग-अलग मुठभेड़ों के एक दिन बाद हुआ है. बांदीपोरा में, सालिंदर वन क्षेत्र में आतंकवादियों की सूचना मिलने के बाद पुलिस, 14 राष्ट्रीय राइफल्स और तीसरी बटालियन सीआरपीएफ ने संयुक्त रूप से तलाशी अभियान शुरू किया था. इसके बाद आतंकी गुलजार अहमद गनी को सुरक्षा बलों ने मार गिराया था. पुलिस के अनुसार, गनी बारामूला के वुसन पट्टन इलाके का रहने वाला था. मारा गया आतंकवादी 2018 में भारत से गया था. अप्रैल के आखिरी सप्ताह में घुसपैठ करने से पहले वह तीन साल छह महीने तक पाकिस्तान में रह रहा था.
इस बीच, कश्मीरी पंडितों ने मारे गए युवक राहुल भट के लिए न्याय की मांग करते हुए श्रीनगर शहर की ओर जाने वाले प्रमुख मार्गों पर जाम लगा दिया. बडगाम के शेखपोरा इलाके में पंडित कॉलोनी में कश्मीरी पंडितों ने केंद्र में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और केंद्र सरकार पर सुरक्षा नहीं देने का आरोप लगाया. नाराज कश्मीरी पंडितों ने श्रीनगर-बडगाम मार्ग को भी जाम कर दिया. इस घटना के विरोध में दक्षिण कश्मीर के काजीगुंड इलाके में भी प्रदर्शन हुए. यहां कश्मीरी पंडितों ने भट्ट को न्याय दिलाने की मांग करते हुए कैंडल मार्च भी निकाला.
राहुल भट की हत्या पर व्यापक राजनीतिक प्रतिक्रिया सामने आई है. जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने हमले की निंदा की. उन्होंने लिखा कि मैं राहुल भट्ट पर जानलेवा आतंकवादी हमले की स्पष्ट रूप से निंदा करता हूं। राहुल चदूरा में तहसील कार्यालय में कार्यरत एक सरकारी कर्मचारी था, जहां उन पर हमला किया गया. टारगेट किलिंग जारी है, जो लोगों में भय बढ़ा रही है. इसके अलावा पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने भी हत्या की निंदा की. उन्होंने कहा कि राहुल भट की हत्या से यह कश्मीर में सामान्य स्थिति के झूठे दावों की पोल खुल गई है. भाजपा प्रवक्ता अल्ताफ ठाकुर ने कहा कि हमलावरों को तुरंत न्याय के कटघरे में लाया जाना चाहिए. बडगाम के चदूरा में निर्दोष और निहत्थे नागरिक राहुल भट पर गोली चलाने वाले उग्रवादियों की कायरतापूर्ण कृत्य की कड़ी निंदा करते हैं. उन्होंने कहा राहुल की हत्याउग्रवादियों की हताशा को प्रदर्शित करता है.
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