पटना : बिहार के कटिहार में एक उच्च क्षमता का सुपर ग्रिड बनेगा. इसकी क्षमता 765 केवी होगी. केंद्र सरकार ने इस सुपरग्रिड के निर्माण को हरी झंडी दे दी है. इस ग्रिड को बनाने का खर्च 4300 करोड़ रुपए केंद्र सरकार देगी, साथ ही इसके लिए 130 एकड़ जमीन बिहार सरकार उपलब्ध करवाएगी. इसका पैसा भी केंद्र सरकार ही देगी.
कटिहार के कोढ़ा में सुपर ग्रिड का निर्माण किया जाएगा. बाढ़ से मुक्त क्षेत्र होने के कारण कोढ़ा का चयन किया गया है. साथ ही बांग्लादेश की सीमा भी यहां से निकट है.
'यह पहला इंटरनेशनल सुपर पावर ग्रिड है, साथ ही राज्य में यह दूसरा सुपर पावर ग्रिड होगा. इससे पहले इस तरह का सुपर पावर ग्रिड गया में है, लेकिन उत्तर बिहार के लिए बहुत ही खुशी की बात है कि कटिहार जिले में ग्रीड के बनने से बिहार बिजली की क्षमता में बढ़ोतरी होगी, साथ ही पूर्वोत्तर भारत से बिहार की कनेक्टिविटी भी बढ़ेगी. बिहार पहले से ही नेपाल और भूटान से इंटरनेशनल कनेक्टिविटी है. बिहार 3 देशों की कनेक्टिविटी वाला देश का पहला राज्य है और सुपरग्रिड के निर्माण से पूर्वी बिहार के ग्रिड पर बोझ कम होगा. इस सुपर पावर ग्रिड के बन जाने के बाद बांग्लादेश को भी बिजली निर्यात हो पाएगी, क्योंकि बांग्लादेश की सीमा भी वहां से नजदीक है': बिजेंद्र प्रसाद यादव, ऊर्जा मंत्री, बिहार सरकार
ऊर्जा मंत्री यादव ने यह भी बताया कि 765 केवी के सुपर ग्रिड परिसर में अतिरिक्त जमीन रखी जाएगी. वहां 440 केवी क्षमता का ग्रिड भी बनेगा. इसके साथ ही इसे पूर्णिया से भी जोड़ा जाएगा. ताकि भविष्य में किसी तरह की दिक्कत होने पर या विशेष परिस्थितियों के लिए विकल्प रहे.
बांग्लादेश को 800 मेगावाट बिजली देने की योजना
इस सुपर ग्रिड के जरिए बांग्लादेश को फिलहाल 800 मेगावाट बिजली देने की योजना है. कटिहार सुपर ग्रिड से इसके लिए 415 किलोमीटर लंबी ट्रांसमिशन लाइन का निर्माण होगा. इसकी कनेक्टिविटी दो अलग-अलग ट्रांसमिशन लाइन के माध्यम से कटिहार के साथ-साथ असम के बोरनगर से भी होगी. सुपरग्रिड और ट्रांसमिशन लाइन का निर्माण इस तरह से होगा कि भविष्य में बांग्लादेश से बिजली बिहार या फिर पूर्वोत्तर भारत में भी लाया जा सके.
415 किलोमीटर लंबी होगी ट्रांसमिशन लाइन
कटिहार से बांग्लादेश के पार्बतीपुर के बीच 177 किलोमीटर लंबी ट्रांसमिशन लाइन का निर्माण होगा. इसका 127 किलोमीटर लंबा हिस्सा भारत में और 50 किलोमीटर बांग्लादेश की सीमा में होगा. वहीं, पार्बतीपुर से आसाम के बोरनगर के बीच भी 238 किलोमीटर लंबी लाइन बिछाई जाएगी. इसमें 135 किलोमीटर का हिस्सा भारत और 103 किलोमीटर बांग्लादेश में बनेगा.