नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत बदल गया है और आज विश्व व्यवस्था में एक स्थान हासिल करने की ओर है. अमेरिकी ब्रोकरेज कंपनी की एक रिपोर्ट में यह बात कही गई है. रिपोर्ट में कहा है कि आज भारत एशिया और वैश्विक वृद्धि में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने को तैयार है. रिपोर्ट कहती है कि भारत को लेकर संदेह, विशेषरूप से विदेशी निवेशकों के मामले में, 2014 के बाद से हुए उल्लेखनीय बदलावों को नजरअंदाज करने जैसा है.
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Isn’t it ironic that on the very day Rahul Gandhi launches his latest attack denigrating India on foreign soil, Morgan Stanley issues a report highlighting our dramatic turnaround under Prime Minister @narendramodi into one of the most influential nations?
— Baijayant Jay Panda (@PandaJay) May 31, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
For good measure, take…
">Isn’t it ironic that on the very day Rahul Gandhi launches his latest attack denigrating India on foreign soil, Morgan Stanley issues a report highlighting our dramatic turnaround under Prime Minister @narendramodi into one of the most influential nations?
— Baijayant Jay Panda (@PandaJay) May 31, 2023
For good measure, take…Isn’t it ironic that on the very day Rahul Gandhi launches his latest attack denigrating India on foreign soil, Morgan Stanley issues a report highlighting our dramatic turnaround under Prime Minister @narendramodi into one of the most influential nations?
— Baijayant Jay Panda (@PandaJay) May 31, 2023
For good measure, take…
रिपोर्ट में इन आलोचनाओं को खारिज किया गया है कि दुनिया की दूसरी सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था होने और पिछले 25 साल के दौरान सबसे बेहतर प्रदर्शन करने वाले शेयर बाजार के बावजूद भारत अपनी क्षमता के अनुरूप नतीजे नहीं दे सका है. रिपोर्ट कहती है कि भारत एक दशक से कम समय में बदल गया है. रिपोर्ट के अनुसार यह भारत 2013 से अलग है, 10 साल के छोटे से अरसे में भारत ने दुनिया की व्यवस्था में स्थान बना लिया है.
प्रधानमंत्री मोदी के पद संभालने के बाद 2014 से हुए 10 बड़े बदलावों का जिक्र करते हुए ब्रोकरेज कंपनी ने कहा कि भारत में कॉरपोरेट कर की दर को अन्य देशों के बराबर किया गया है. इसके अलावा बुनियादी ढांचे में निवेश बढ़ रहा है. रिपोर्ट में कहा गया है कि इसके साथ ही माल एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह लगातार बढ़ रहा है. साथ ही सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के प्रतिशत में डिजिटल लेनदेन बढ़ रहा है, जो अर्थव्यवस्था के संगठित होने का संकेत है.
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Todays India under PM @narendramodi ji is a very different one from Scam, Corruption-ridden, fragile Economy in Cong Lost Decade 2004-2014.
— Rajeev Chandrasekhar 🇮🇳 (@Rajeev_GoI) May 31, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
Morgan Stanley a global Bank writes about the transformation of India in these last #9YearsOfPMModi.#NewIndia #9YearsOfSeva… pic.twitter.com/rH3bUR5BQp
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— Rajeev Chandrasekhar 🇮🇳 (@Rajeev_GoI) May 31, 2023
Morgan Stanley a global Bank writes about the transformation of India in these last #9YearsOfPMModi.#NewIndia #9YearsOfSeva… pic.twitter.com/rH3bUR5BQpTodays India under PM @narendramodi ji is a very different one from Scam, Corruption-ridden, fragile Economy in Cong Lost Decade 2004-2014.
— Rajeev Chandrasekhar 🇮🇳 (@Rajeev_GoI) May 31, 2023
Morgan Stanley a global Bank writes about the transformation of India in these last #9YearsOfPMModi.#NewIndia #9YearsOfSeva… pic.twitter.com/rH3bUR5BQp
आर्थिक वृद्धि दर मार्च तिमाही में 6.1 प्रतिशत पर, पूरे वित्त वर्ष 2022-23 में 7.2 प्रतिशत - देश की आर्थिक वृद्धि दर बीते वित्त वर्ष 2022-23 की चौथी तिमाही में 6.1 प्रतिशत रही है. इसके साथ, पूरे वित्त वर्ष के दौरान जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) वृद्धि दर 7.2 प्रतिशत पर पहुंच गई है. राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय के बुधवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2022-23 की अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में आर्थिक वृद्धि दर 4.5 प्रतिशत थी. जीडीपी वृद्धि दर 2021-22 की जनवरी-मार्च तिमाही में चार प्रतिशत रही थी. आंकड़ों के अनुसार, पूरे वित्त वर्ष 2022-23 में आर्थिक वृद्धि दर 7.2 प्रतिशत रही. इससे पिछले वित्त वर्ष 2021-22 में यह 9.1 प्रतिशत थी.
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय ने दूसरे अग्रिम अनुमान में देश की वृद्धि दर सात प्रतिशत रहने की संभावना जतायी थी. सकल घरेलू उत्पाद देश की सीमा के भीतर उत्पादित वस्तुओं और सेवाओं के कुल मूल्य को बताता है. चीन की आर्थिक वृद्धि दर 2023 की पहली तिमाही में 4.5 प्रतिशत रही थी.
(इनपुट- पीटीआई-भाषा)