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जानिए कहां लगा देश का पहला अनाज एटीएम

आप एटीएम से पैसा तो निकलते ही हैं, लेकिन क्या आपने कभी ऐसा एटीएम देखा है जिससे पैसा नहीं, बल्कि अनाज निकलता है? चौकिए नहीं, ये बिलकुल सच है. हरियाणा में देश का पहला ग्रेन एटीएम लगा है. जानिए आखिर ये ग्रेन एटीएम कैसे काम करता है.

grain atm
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Published : Jul 14, 2021, 6:57 PM IST

गुरुग्राम : अब सरकारी राशन डिपो पर अनाज के लिए उपभोक्ताओं को न तो लंबी लाइनों में लगना होगा और न ही राशन कम मिलने की शिकायत का कोई मौका रहेगा, क्योंकि हरियाणा सरकार अब प्रदेश के उपभोक्ताओं के लिए ग्रेन एटीएम स्थापित करने की योजना पर काम कर रही है. हरियाणा के गुरुग्राम जिले में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर देश का पहला ग्रेन एटीएम लगा है.

इस बारे में जानकारी देते हुए हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि ग्रेन एटीएम (india first grain atm) लगने से सरकारी दुकानों से राशन लेने वालों के समय और पूरा माप न मिलने को लेकर तमाम शिकायतें दूर हो जाएंगी. उन्होंने कहा कि इस मशीन को लगाने का मकसद 'लाभार्थी को सही मात्रा देना' है.

हरियाणा में लगा देश का पहला अनाज एटीएम

डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने कहा कि ग्रेन एटीएम लगने से सिर्फ उपभोक्ताओं को ही फायदा नहीं मिलेगा, बल्कि सरकारी डिपो पर अनाज घटने का झंझट भी खत्म होगा. साथ ही सार्वजनिक अनाज वितरण प्रणाली में पहले से ज्यादा पारदर्शिता आएगी.

डिप्टी सीएम ने कहा कि ये मशीनें न सिर्फ सरकारी डिपो संचालकों को अनाज वितरण में मददगार साबित होंगी, बल्कि इससे डिपो संचालकों का समय भी बचेगा. उन्होंने कहा कि गुरुग्राम जिले के फर्रुखनगर में ये पायलट प्रोजेक्ट सफल होने के बाद इन अन्न आपूर्ति मशीनों को प्रदेशभर में सरकारी डिपो पर लगाने की योजना है.

grain atm
घटतौली और लंबी लाइन से मिलेगी निजात.

बता दें कि ग्रेन एटीएम (अन्न आपूर्ति मशीन) एक स्वचालित मशीन है, जो कि बैंक एटीएम की तर्ज पर काम करती है. यूनाइटेड नेशन के वर्ल्ड फूड प्रोग्राम के तहत स्थापित की जानी वाली इस मशीन को ऑटोमेटिक (स्वचालित), मल्टी कमोडिटी (बहु वस्तु) और ग्रेन डिस्पेंसिंग (अनाज वितरण) भी मशीन कहा गया है.

पढ़ेंः बेटी को पपी दिलाने की चाह में मां ने गंवाए 66 लाख

इस कार्यक्रम से जुड़े अधिकारी अंकित सूद का कहना है कि अनाज के मापतोल को लेकर इसमें त्रुटि न के बराबर है और एक बार में ये मशीन 70 किलोग्राम तक अनाज पांच से सात मिनट में निकाल सकती है. मशीन में लगी टच स्क्रीन के साथ एक बायोमेट्रिक मशीन भी लगी हुई है, जहां पर लाभार्थी को आधार या राशन कार्ड का नंबर डालना होगा.

बायोमेट्रिक से सुनिश्चित करने पर लाभार्थियों को सरकार की ओर से निर्धारित अनाज खुद मशीन के नीचे लगाए गए बैग में भर जाएगा. इस मशीन के जरिए तीन तरह के अनाज (गेहूं, चावल और बाजरा) का वितरण किया जा सकता है. फिलहाल फर्रुखनगर में स्थापित ग्रेन एटीएम मशीन से गेहूं का वितरण शुरू कर दिया गया है.

गुरुग्राम : अब सरकारी राशन डिपो पर अनाज के लिए उपभोक्ताओं को न तो लंबी लाइनों में लगना होगा और न ही राशन कम मिलने की शिकायत का कोई मौका रहेगा, क्योंकि हरियाणा सरकार अब प्रदेश के उपभोक्ताओं के लिए ग्रेन एटीएम स्थापित करने की योजना पर काम कर रही है. हरियाणा के गुरुग्राम जिले में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर देश का पहला ग्रेन एटीएम लगा है.

इस बारे में जानकारी देते हुए हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि ग्रेन एटीएम (india first grain atm) लगने से सरकारी दुकानों से राशन लेने वालों के समय और पूरा माप न मिलने को लेकर तमाम शिकायतें दूर हो जाएंगी. उन्होंने कहा कि इस मशीन को लगाने का मकसद 'लाभार्थी को सही मात्रा देना' है.

हरियाणा में लगा देश का पहला अनाज एटीएम

डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने कहा कि ग्रेन एटीएम लगने से सिर्फ उपभोक्ताओं को ही फायदा नहीं मिलेगा, बल्कि सरकारी डिपो पर अनाज घटने का झंझट भी खत्म होगा. साथ ही सार्वजनिक अनाज वितरण प्रणाली में पहले से ज्यादा पारदर्शिता आएगी.

डिप्टी सीएम ने कहा कि ये मशीनें न सिर्फ सरकारी डिपो संचालकों को अनाज वितरण में मददगार साबित होंगी, बल्कि इससे डिपो संचालकों का समय भी बचेगा. उन्होंने कहा कि गुरुग्राम जिले के फर्रुखनगर में ये पायलट प्रोजेक्ट सफल होने के बाद इन अन्न आपूर्ति मशीनों को प्रदेशभर में सरकारी डिपो पर लगाने की योजना है.

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घटतौली और लंबी लाइन से मिलेगी निजात.

बता दें कि ग्रेन एटीएम (अन्न आपूर्ति मशीन) एक स्वचालित मशीन है, जो कि बैंक एटीएम की तर्ज पर काम करती है. यूनाइटेड नेशन के वर्ल्ड फूड प्रोग्राम के तहत स्थापित की जानी वाली इस मशीन को ऑटोमेटिक (स्वचालित), मल्टी कमोडिटी (बहु वस्तु) और ग्रेन डिस्पेंसिंग (अनाज वितरण) भी मशीन कहा गया है.

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इस कार्यक्रम से जुड़े अधिकारी अंकित सूद का कहना है कि अनाज के मापतोल को लेकर इसमें त्रुटि न के बराबर है और एक बार में ये मशीन 70 किलोग्राम तक अनाज पांच से सात मिनट में निकाल सकती है. मशीन में लगी टच स्क्रीन के साथ एक बायोमेट्रिक मशीन भी लगी हुई है, जहां पर लाभार्थी को आधार या राशन कार्ड का नंबर डालना होगा.

बायोमेट्रिक से सुनिश्चित करने पर लाभार्थियों को सरकार की ओर से निर्धारित अनाज खुद मशीन के नीचे लगाए गए बैग में भर जाएगा. इस मशीन के जरिए तीन तरह के अनाज (गेहूं, चावल और बाजरा) का वितरण किया जा सकता है. फिलहाल फर्रुखनगर में स्थापित ग्रेन एटीएम मशीन से गेहूं का वितरण शुरू कर दिया गया है.

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