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वॉट्सएप की प्राइवेसी पॉलिसी पर सुनवाई 27 अगस्त को होगी

वॉट्सएप की प्राइवेसी पॉलिसी (Whatsapp privacy policy) को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi high court) ने फिलहाल के लिए टाल दी है. अब इस पर 27 अगस्त को सुनवाई होगी.

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Published : Jul 30, 2021, 9:49 AM IST

Updated : Jul 30, 2021, 3:59 PM IST

नई दिल्ली: वॉट्सएप की प्राइवेसी पॉलिसी (Whatsapp privacy policy) को चुनौती देने वाली याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi high court) में सुनवाई 27 अगस्त को होगी. मामले में केंद्र सरकार ने हलफनामा में कहा कि वॉट्सएप की नई प्राइवेसी पॉलिसी आईटी एक्ट का उल्लंघन है. केंद्र सरकार ने इस पर रोक लगाने की मांग की है.

केंद्र सरकार ने कहा है कि वॉट्सएप धोखाधड़ी से नई प्राइवेसी पॉलिसी (Whatsapp privacy policy) के लिए यूजर्स की सहमति लेना चाहता था. केंद्र सरकार ने कोर्ट को बताया कि वॉट्सएप का वर्तमान नोटिफिकेशन प्रतिस्पर्धा आयोग के 24 मार्च के उस आदेश की पुष्टि करता है, जिसमें जांच की बात कही गई है. केंद्र सरकार ने कहा है कि वॉट्सएप अपने कुछ समय के अंतराल पर यूजर्स को प्राइवेसी पॉलिसी को स्वीकार करने का नोटिफिकेशन भेजकर उन्हें स्वीकार करने के लिए बाध्य कर रहा है.

मुख्य न्यायाधीश डी. एन. पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ ने मामले पर सुनवाई 27 अगस्त के लिए सूचीबद्ध की. केंद्र की ओर से सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ से कहा कि वह कुछ परेशानी में हैं और उन्होंने सुनवाई स्थगित करने का अनुरोध किया. इसके बाद पीठ ने इन याचिकों को 27 अगस्त के लिए सूचीबद्ध कर दिया. व्हाट्सएप और फेसबुक की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे और मुकुल रोहतगी ने उनके आग्रह का विरोध नहीं किया.

जानें दायर याचिका में क्या कहा गया है

सीमा सिंह और मेघन सिंह की तरफ से दायर याचिका में कहा गया कि वॉट्सएप की नई प्राइवेसी पॉलिसी से लोगों की निजता के अधिकार का उल्लंघन हो रहा है और देश की राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा है. वॉट्सएप की प्राइवेसी पॉलिसी के मुताबिक वो यूजर का डाटा किसी तीसरे पक्ष को शेयर नहीं करने के अधिकार को छीनता है. अगर वॉट्सएप यूजर्स का डाटा फेसबुक को शेयर करती है. इसका मतलब है कि वो हर सेकंड यूजर का डाटा संग्रह करेगा और एक तरह से वह फेसबुक और उसकी कंपनियों की निगरानी में रहेगा जो कि गैरकानूनी है.

यह भी पढ़ें : HC ने वॉट्सएप पॉलिसी के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई टाली

याचिका में यह भी कहा गया है कि डाटा प्रोटेक्शन अथॉरिटी के अभाव में यूजर्स को कंपनी पर भी निर्भर रहना होगा. याचिका में वॉट्सएप की नई प्राइवेसी पॉलिसी को अपडेट करने से तत्काल रोकने की मांग की गई है.

वहीं वॉट्सएप ने हाई कोर्ट में दाखिल हलफनामे में कहा है कि उसकी प्राइवेसी पॉलिसी (Whatsapp privacy policy) को स्वीकार करना किसी यूजर के लिए बाध्य नहीं है. वॉट्सएप ने कहा है कि कानून के मुताबिक अगर यूजर उसकी शर्तों को नहीं मानता तो कंपनी उसे सर्विस देने के लिए बाध्य नहीं है.

वॉट्सएप ने कहा कि उसके अपडेट में कोई भी हस्तक्षेप इंटरनेट आधारित ऐप और वेबसाइट से जुड़े सभी उद्योग को बर्बाद कर देगा. वॉट्सएप ने यह भी कहा है कि यूजर का डाटा कई निजी कंपनियां एकत्र करती हैं. यहां तक कि सरकारी कंपनियां जैसे आरोग्य सेतु, आईआरसीटीसी, भीम ऐप इत्यादि भी यूजर का डाटा एकत्र करती हैं.

नई दिल्ली: वॉट्सएप की प्राइवेसी पॉलिसी (Whatsapp privacy policy) को चुनौती देने वाली याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi high court) में सुनवाई 27 अगस्त को होगी. मामले में केंद्र सरकार ने हलफनामा में कहा कि वॉट्सएप की नई प्राइवेसी पॉलिसी आईटी एक्ट का उल्लंघन है. केंद्र सरकार ने इस पर रोक लगाने की मांग की है.

केंद्र सरकार ने कहा है कि वॉट्सएप धोखाधड़ी से नई प्राइवेसी पॉलिसी (Whatsapp privacy policy) के लिए यूजर्स की सहमति लेना चाहता था. केंद्र सरकार ने कोर्ट को बताया कि वॉट्सएप का वर्तमान नोटिफिकेशन प्रतिस्पर्धा आयोग के 24 मार्च के उस आदेश की पुष्टि करता है, जिसमें जांच की बात कही गई है. केंद्र सरकार ने कहा है कि वॉट्सएप अपने कुछ समय के अंतराल पर यूजर्स को प्राइवेसी पॉलिसी को स्वीकार करने का नोटिफिकेशन भेजकर उन्हें स्वीकार करने के लिए बाध्य कर रहा है.

मुख्य न्यायाधीश डी. एन. पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ ने मामले पर सुनवाई 27 अगस्त के लिए सूचीबद्ध की. केंद्र की ओर से सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ से कहा कि वह कुछ परेशानी में हैं और उन्होंने सुनवाई स्थगित करने का अनुरोध किया. इसके बाद पीठ ने इन याचिकों को 27 अगस्त के लिए सूचीबद्ध कर दिया. व्हाट्सएप और फेसबुक की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे और मुकुल रोहतगी ने उनके आग्रह का विरोध नहीं किया.

जानें दायर याचिका में क्या कहा गया है

सीमा सिंह और मेघन सिंह की तरफ से दायर याचिका में कहा गया कि वॉट्सएप की नई प्राइवेसी पॉलिसी से लोगों की निजता के अधिकार का उल्लंघन हो रहा है और देश की राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा है. वॉट्सएप की प्राइवेसी पॉलिसी के मुताबिक वो यूजर का डाटा किसी तीसरे पक्ष को शेयर नहीं करने के अधिकार को छीनता है. अगर वॉट्सएप यूजर्स का डाटा फेसबुक को शेयर करती है. इसका मतलब है कि वो हर सेकंड यूजर का डाटा संग्रह करेगा और एक तरह से वह फेसबुक और उसकी कंपनियों की निगरानी में रहेगा जो कि गैरकानूनी है.

यह भी पढ़ें : HC ने वॉट्सएप पॉलिसी के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई टाली

याचिका में यह भी कहा गया है कि डाटा प्रोटेक्शन अथॉरिटी के अभाव में यूजर्स को कंपनी पर भी निर्भर रहना होगा. याचिका में वॉट्सएप की नई प्राइवेसी पॉलिसी को अपडेट करने से तत्काल रोकने की मांग की गई है.

वहीं वॉट्सएप ने हाई कोर्ट में दाखिल हलफनामे में कहा है कि उसकी प्राइवेसी पॉलिसी (Whatsapp privacy policy) को स्वीकार करना किसी यूजर के लिए बाध्य नहीं है. वॉट्सएप ने कहा है कि कानून के मुताबिक अगर यूजर उसकी शर्तों को नहीं मानता तो कंपनी उसे सर्विस देने के लिए बाध्य नहीं है.

वॉट्सएप ने कहा कि उसके अपडेट में कोई भी हस्तक्षेप इंटरनेट आधारित ऐप और वेबसाइट से जुड़े सभी उद्योग को बर्बाद कर देगा. वॉट्सएप ने यह भी कहा है कि यूजर का डाटा कई निजी कंपनियां एकत्र करती हैं. यहां तक कि सरकारी कंपनियां जैसे आरोग्य सेतु, आईआरसीटीसी, भीम ऐप इत्यादि भी यूजर का डाटा एकत्र करती हैं.

Last Updated : Jul 30, 2021, 3:59 PM IST
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