रांचीः बहुचर्चित चारा घोटाला मामले में सजायाफ्ता लालू प्रसाद यादव को डोरंडा कोषागार से अवैध निकासी के मामले में हाई कोर्ट से बेल मिल गई है. उनकी अपील याचिका के साथ जमानत याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. न्यायाधीश अपरेश कुमार सिंह की अदालत में दोनों पक्षों को सुनने के उपरांत लालू प्रसाद की हिरासत की अवधि को देखते हुए उन्हें जमानत दी गई है. अदालत ने कई शर्तों के आधार पर उन्हें जमानत की सुविधा दी है.
जमानत याचिका पर सुनवाई: हाई कोर्ट के न्यायाधीश अपरेश कुमार सिंह की अदालत में लालू प्रसाद की जमानत याचिका को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया था. याचिकाकर्ता की ओर से दायर याचिका में लालू प्रसाद की बीमारी, उम्र और आधी सजा जेल में काटने का हवाला देते हुए जमानत की गुहार लगाई गई थी. इससे पहले की सुनवाई में झारखंड हाई कोर्ट ने याचिका में आए त्रुटि को दूर करने का निर्देश दिया था. साथ ही सीबीआई को भी जवाब पेश करने को कहा था.
लालू प्रसाद को 5 साल की सजा: चारा घोटाला के सबसे बड़े डोरंडा कोषागार से 135.39 करोड़ की अवैध निकासी के मामले में सीबीआई की विशेष अदालत से 21 फरवरी को लालू प्रसाद को 5 साल की सजा और 60 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था. सीबीआई की विशेष अदालत के उसी सजा को लालू प्रसाद की ओर से हाईकोर्ट में अपील याचिका दायर कर सजा को चुनौती दी गई है. इसके साथ ही जमानत याचिका भी दायर की गई थी. उसी अपील याचिका और जमानत याचिका पर सुनवाई हुई.
चारा घोटाला के अन्य 4 मामले में पूर्व में लालू प्रसाद को सजा दी गई थी. सभी मामले में आधी सजा काटने की आधार पर पूर्व में जमानत दी गई है. इस मामले में लालू प्रसाद सजा मिलने के बाद से जेल में हैं. खराब स्वास्थ्य होने के कारण एम्स में इलाज करवा रहे हैं. इस मामले में भी जमानत के लिए उन्होंने जो याचिकाएं दायर की थी. उसमें स्वास्थ्य, अधिक उम्र और आधी सजा काटने के आधार पर जमानत की गुहार लगाई थी. बता दें कि चारा घोटाला कि इस मामले में लालू प्रसाद सहित 99 आरोपी ट्रायल फेस कर रहे थे. जिसमें 24 को बरी कर दिया गया. 75 आरोपी को दोषी करार देते हुए उसे सजा सुनायी गयी है.