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शगुन की हल्दी पर कोरोना का साया, उठनी थी नर्स की डोली लेकिन अर्थी पर विदा हुई - शगुन की हल्दी

जब कपराडा तालुका के मोटापोंधा गांव का एक परिवार अपनी बेटी की शादी के समारोह की तैयारी कर रहा था, तो क्या उन्हें पता था कि उनकी खुशियों का यह पल एक त्रासदी में बदल जाएगा. 23 अप्रैल को दुल्हन बनने की प्रतीक्षा में एक नर्स कोरोना से जिंदगी की जंग हार गई और परिवार व चाहने वालों को रोता छोड़ गई.

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Published : Apr 22, 2021, 10:43 PM IST

Updated : Apr 22, 2021, 10:52 PM IST

वलसाड : जिले के कपराडा तालुका के मोटापोंधा निवासी दिलीप पटेल की बेटी मनीषाबेन कुछ समय से वापी के गुंजन इलाके के एक अस्पताल में नर्स के रूप में काम कर रही थीं. उनके पिता ने बेटी की शादी 23 अप्रैल को सिलवासा के राखोली में तय कर दी थी. मगर होनी को कुछ और मंजूर था जिसने पूरे गांव को मातम में डूबो दिया.

दरअसल, कोरोना से संक्रमित मनीषाबेन अचानक बीमार पड़ गईं और उन्हें सिलवासा के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया. जहां हल्दी समारोह के दिन ही उनकी मृत्यु हो गई. जैसा कि शादी की तारीख तय हो गई थी तो परिवार ने पहले से ही दोस्तों और रिश्तेदारों को निमंत्रण कार्ड भेज दिए थे. हालांकि दूल्हा और दुल्हन पक्ष के सभी लोग चिंतित हो गए जब वह अचानक बीमार हो गईं.

कोविड-19 के लक्षण दिखने के बाद वे बहुत चिंतित हो गए थे. फिर उन्हें सिलवासा के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया. उपचार के दौरान एक जीवनरक्षक इंजेक्शन की आवश्यकता थी और परिवार के कुछ सदस्य इसे पाने के लिए सूरत गए. लेकिन जब तक वे इंजेक्शन लेकर लौटने मनीषाबेन ने दम तोड़ दिया. मनीषा और उनके दूल्हे दोनों के परिवार शादी समारोह से दो दिन पहले उसकी मौत से दुखी हैं.

यह भी पढ़ें-हिमाचल प्रदेश : दूल्हे समेत बारात बन गई थी पत्थर! आज भी मौजूद है निशानी

वे इतने स्तब्ध हैं कि आगंतुकों के शोक व्यक्त करने के लिए आने पर वे रोते रहते हैं. ईटीवी भारत से बात करते हुए मनीषा के परिवार वालों ने कहा कि किसी को भी कोविड-19 को हल्के में नहीं लेना चाहिए क्योंकि यह एक घातक बीमारी है. उन्होंने सभी को सलाह दी कि वे सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें और अपने घरों से बाहर निकलने का उपक्रम न करें जब तक कि बहुत जरूरी काम न हो.

वलसाड : जिले के कपराडा तालुका के मोटापोंधा निवासी दिलीप पटेल की बेटी मनीषाबेन कुछ समय से वापी के गुंजन इलाके के एक अस्पताल में नर्स के रूप में काम कर रही थीं. उनके पिता ने बेटी की शादी 23 अप्रैल को सिलवासा के राखोली में तय कर दी थी. मगर होनी को कुछ और मंजूर था जिसने पूरे गांव को मातम में डूबो दिया.

दरअसल, कोरोना से संक्रमित मनीषाबेन अचानक बीमार पड़ गईं और उन्हें सिलवासा के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया. जहां हल्दी समारोह के दिन ही उनकी मृत्यु हो गई. जैसा कि शादी की तारीख तय हो गई थी तो परिवार ने पहले से ही दोस्तों और रिश्तेदारों को निमंत्रण कार्ड भेज दिए थे. हालांकि दूल्हा और दुल्हन पक्ष के सभी लोग चिंतित हो गए जब वह अचानक बीमार हो गईं.

कोविड-19 के लक्षण दिखने के बाद वे बहुत चिंतित हो गए थे. फिर उन्हें सिलवासा के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया. उपचार के दौरान एक जीवनरक्षक इंजेक्शन की आवश्यकता थी और परिवार के कुछ सदस्य इसे पाने के लिए सूरत गए. लेकिन जब तक वे इंजेक्शन लेकर लौटने मनीषाबेन ने दम तोड़ दिया. मनीषा और उनके दूल्हे दोनों के परिवार शादी समारोह से दो दिन पहले उसकी मौत से दुखी हैं.

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वे इतने स्तब्ध हैं कि आगंतुकों के शोक व्यक्त करने के लिए आने पर वे रोते रहते हैं. ईटीवी भारत से बात करते हुए मनीषा के परिवार वालों ने कहा कि किसी को भी कोविड-19 को हल्के में नहीं लेना चाहिए क्योंकि यह एक घातक बीमारी है. उन्होंने सभी को सलाह दी कि वे सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें और अपने घरों से बाहर निकलने का उपक्रम न करें जब तक कि बहुत जरूरी काम न हो.

Last Updated : Apr 22, 2021, 10:52 PM IST
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