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गुजरात: नवरात्रि पर्व की तैयारियां जोरों पर, बाजारें हुईं गुलजार

गुजरात (Gujarat) में इस साल लोग नवरात्रि के त्योहार (Navratri Festival) पर गरबा को लेकर बहुत उत्साहित हैं. पिछले दो सालों से कोरोना के चलते नवरात्रि पर गरबा का आयोजन नहीं हो सका है, लेकिन इस साल नवरात्रि में गरबा को लेकर तैयारियां जोरों पर की जा रही हैं.

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Published : Sep 25, 2022, 10:07 AM IST

नवरात्रि के लिए बाजार गुलजार
नवरात्रि के लिए बाजार गुलजार

अहमदाबाद: कोरोना के चलते पिछले 2 साल से गुजरात (Gujarat) में गरबा के दीवानों का जमावड़ा नहीं हो पाया है, लेकिन इस बार गरबा (Garba) खेलने की उनकी उत्सुकता आसमान पर है. सूरत, वडोदरा और राजकोट में भी गरबा प्रेमी नवरात्रि शुरू होने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. उस समय यहां राजकोट के बाजारों में नवरात्रि के लिए तरह-तरह के चनियाचोली परिधान, आभूषण समेत पारंपरिक कपड़े पहुंच रहे हैं. नवरात्रि पर्व (Navratri Festival) के लिए कुछ ही दिन बाकी हैं और उस समय बाजार में गरबा के दीवानों की भारी भीड़ देखने को मिलेगी.

गरबा प्रेमियों चनियाचोली की तरह गरबा के कपड़े भी खरीदेंगे और साथ ही बाजार में तरह-तरह के गहने भी आ गए हैं. आभूषण खरीदने के लिए गरबा प्रेमियों की भीड़ बाजार (Gujarat Navratri festival preparations is on fire) में देखने को मिल रही है. इस बार शहर में हर जगह पार्टी प्लॉटों में गरबा प्रतियोगिता होने जा रही है. गरबा के प्रशंसक उसमें भी जीत की तैयारी कर रहे हैं. राजकोट के व्यापारियों ने कहा, इस बार पटोला, दुपट्टा सहित नई किस्मों की मांग बढ़ी है. 2 साल बाद खरीदारी में इजाफा होने से व्यापारी भी खुश हैं.

पढ़ें: विदेश में रह रहे गुजराती नवरात्रि के लिए सोशल मीडिया के जरिए मंगा रहे हैं चनिया चोली

नवरात्रि में गरबा प्रेमी पहले से ही गरबा का अभ्यास कर रहे हैं, ताकि नवरात्रि में कोई परेशानी न हो. इस बार 2 साल बाद भव्य पैमाने पर नवरात्रि का आयोजन हो रहा है, जिसके लिए गरबा के शौकीनों ने गरबा के नए-नए स्टेप्स सीखे हैं. हाल ही में गृह राज्य मंत्री हर्ष सांघवी (Minister of State for Home Harsh Sanghvi) ने भी कहा था कि रात के 12 बजे के बाद भी खाने-पीने की दुकानें खुली रहेंगी. ऐसे में गरबा प्रेमियों की खुशी कई गुना बढ़ गई है. तो गरबा के प्रशंसक 12 बजे तक गरबा का आनंद लेंगे और फिर खाने का मजा भी ले सकेंगे.

कोरोना काल के 2 साल के अंतराल में वडोदरा में व्यापारियों की कमाई इतनी नहीं थी. गरबा के प्रशंसक कोरोना के दौरान कुछ खास खरीदारी भी नहीं कर पाए थे. इसलिए इस साल व्यापारियों और खरीदारों में खासा उत्साह है. इस साल जुमखा, ज्वैलरी, चोकर, आर्मलेट, मांग टिक्का, कमरबंद आदि में कई वैरायटी हैं, ताकि गरबा खिलाड़ी समझदारी से खरीदारी कर सकें और नवरात्रि का आनंद उठा सकें. पीतल और जर्मन चांदी की किस्मों के साथ आभूषणों की कीमत 100 से 500 तक है. ये सभी आभूषण विशेष रूप से अहमदाबाद, मुंबई, सूरत, जयपुर, दिल्ली के घरेलू उद्योगों से मंगवाए जाते हैं.

अहमदाबाद: कोरोना के चलते पिछले 2 साल से गुजरात (Gujarat) में गरबा के दीवानों का जमावड़ा नहीं हो पाया है, लेकिन इस बार गरबा (Garba) खेलने की उनकी उत्सुकता आसमान पर है. सूरत, वडोदरा और राजकोट में भी गरबा प्रेमी नवरात्रि शुरू होने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. उस समय यहां राजकोट के बाजारों में नवरात्रि के लिए तरह-तरह के चनियाचोली परिधान, आभूषण समेत पारंपरिक कपड़े पहुंच रहे हैं. नवरात्रि पर्व (Navratri Festival) के लिए कुछ ही दिन बाकी हैं और उस समय बाजार में गरबा के दीवानों की भारी भीड़ देखने को मिलेगी.

गरबा प्रेमियों चनियाचोली की तरह गरबा के कपड़े भी खरीदेंगे और साथ ही बाजार में तरह-तरह के गहने भी आ गए हैं. आभूषण खरीदने के लिए गरबा प्रेमियों की भीड़ बाजार (Gujarat Navratri festival preparations is on fire) में देखने को मिल रही है. इस बार शहर में हर जगह पार्टी प्लॉटों में गरबा प्रतियोगिता होने जा रही है. गरबा के प्रशंसक उसमें भी जीत की तैयारी कर रहे हैं. राजकोट के व्यापारियों ने कहा, इस बार पटोला, दुपट्टा सहित नई किस्मों की मांग बढ़ी है. 2 साल बाद खरीदारी में इजाफा होने से व्यापारी भी खुश हैं.

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नवरात्रि में गरबा प्रेमी पहले से ही गरबा का अभ्यास कर रहे हैं, ताकि नवरात्रि में कोई परेशानी न हो. इस बार 2 साल बाद भव्य पैमाने पर नवरात्रि का आयोजन हो रहा है, जिसके लिए गरबा के शौकीनों ने गरबा के नए-नए स्टेप्स सीखे हैं. हाल ही में गृह राज्य मंत्री हर्ष सांघवी (Minister of State for Home Harsh Sanghvi) ने भी कहा था कि रात के 12 बजे के बाद भी खाने-पीने की दुकानें खुली रहेंगी. ऐसे में गरबा प्रेमियों की खुशी कई गुना बढ़ गई है. तो गरबा के प्रशंसक 12 बजे तक गरबा का आनंद लेंगे और फिर खाने का मजा भी ले सकेंगे.

कोरोना काल के 2 साल के अंतराल में वडोदरा में व्यापारियों की कमाई इतनी नहीं थी. गरबा के प्रशंसक कोरोना के दौरान कुछ खास खरीदारी भी नहीं कर पाए थे. इसलिए इस साल व्यापारियों और खरीदारों में खासा उत्साह है. इस साल जुमखा, ज्वैलरी, चोकर, आर्मलेट, मांग टिक्का, कमरबंद आदि में कई वैरायटी हैं, ताकि गरबा खिलाड़ी समझदारी से खरीदारी कर सकें और नवरात्रि का आनंद उठा सकें. पीतल और जर्मन चांदी की किस्मों के साथ आभूषणों की कीमत 100 से 500 तक है. ये सभी आभूषण विशेष रूप से अहमदाबाद, मुंबई, सूरत, जयपुर, दिल्ली के घरेलू उद्योगों से मंगवाए जाते हैं.

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