कोच्चि : केंद्रीय अन्वेषण अभिकरण (NIA) ने केरल उच्च न्यायालय (Kerala HC) में आज (शुक्रवार) कहा कि स्वपना सुरेश (Swapna Suresh) और अन्य ने नवंबर 2019 से जून 2020 के बीच संयुक्त अरब अमीरात (UAE) से भारत में 167 किलोग्राम सोने की तस्करी (167 kg gold smuggled) कर आतंकवादी कृत्य किया है, क्योंकि वे जानते थे कि उनके इस कृत्य से देश की सुरक्षा और आर्थिक स्थिरता को खतरा उत्पन्न हो सकता है.
एनआईए ने उच्च न्यायालय में यह भी कहा कि सुरेश और अन्य राजनयिक माध्यम से सोने की तस्करी (smuggling of gold) में शामिल थे, जबकि उनको एहसास था कि उनके इस कृत्य से भारत के यूएई के साथ रिश्ते प्रभावित हो सकते हैं, इसलिए उनके इस आतंकवादी कृत्य (terrorist act) और आतंकवादी संगठन की साजिश (terrorist organization conspiracy) का हिस्सा बनने की वजह से गैरकानूनी गतिविधि (निषेध) अधिनियम या यूएपीए के तहत कार्रवाई की गई.
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एजेंसी ने यह तर्क सुरेश की जमानत याचिका का विरोध (Suresh bail plea opposed) करते हुए दिया. सुरेश ने यह याचिका अधिवक्ता सूरज टी एलेनजिक्कल के माध्यम से दायर की है. याचिका में उनकी जमानत याचिका खारिज करने के एनआईए अदालत के फैसले को चुनौती दी गई है.
स्वपना सुरेश ने उनके खिलाफ दायर मामले को चुनौती देते हुए कहा कि ये आरोप कानून की कसौटी पर खरे नहीं उतरते और मामले की सुनवाई लंबी चल सकती है.
न्यायमूर्ति के विनोद चंद्रण और न्यायमूर्ति एए जियाद रहमान की खंडपीठ के समक्ष आज (शुक्रवार) हुई सुनवाई के दौरान एलेनजिक्कल ने कहा कि उनकी मुवक्किल करीब एक साल से हिरासत में है.
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वकील ने यह जानकारी अदालत को तब दी जब पीठ ने कहा कि वह सुरेश की अर्जी पर सुनवाई 29 जुलाई तक टाल रही है, उसी दिन मामले के कुछ अन्य आरोपियों की अर्जी पर सुनवाई सूचीबद्ध है.
सुरेश और कुछ अन्य आरोपियों की जामानत याचिका अदालत ने 29 जुलाई तक स्थगित कर दी ताकि एनआईए की अपील पर उच्चतम न्यायालय का फैसला आ जाए, जिसमें उसने मामले के कुछ अन्य आरोपियों को निचली और उच्च न्यायालय द्वारा दी गई जमानत को चुनौती दी है.
गौरतलब है कि विभिन्न केंद्रीय एजेंसियां पिछले साल पांच जुलाई को तिरुवनंतपुरम हवाई अड्डे पर राजनयिक सामान से 15 किलोग्राम सोना जब्त किए जाने के बाद से जांच कर रही है. यह सामान यूएई के वाणिज्य दूतावास के पते पर आए थे.
(भाषा)