नई दिल्ली : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सोमवार को चार-दिवसीय वैश्विक सम्मेलन का उद्घाटन किया. इस वैश्विक सम्मेलन में कृषि-खाद्य प्रणालियों में लैंगिक असमानता पर राष्ट्रपति मुर्मू ने अपना विचार रखा. राष्ट्रपति ने कहा कि कृषि-खाद्य प्रणालियों में महिलाओं के योगदान को मान्यता नहीं दी गई है, इसलिए अब इस कहानी को बदलने की जरूरत है. उन्होंने आगे कहा कि महिलाओं को कृषि संरचना के पिरामिड में सबसे नीचे रखा जाता है और उन्हें सफलता की सीढ़ी पर चढ़ने और निर्णय निर्माताओं की भूमिका निभाने के अवसरों से वंचित किया जाता है. आखिर कबतक ऐसा चलेगा?
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LIVE: President Droupadi Murmu addresses an International Conference on Agri-food systems at IARI, Pusa in New Delhi https://t.co/zy9SWRlUJ6
— President of India (@rashtrapatibhvn) October 9, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आगे कहा कि कोविड-19 महामारी ने कृषि-खाद्य प्रणालियों और समाज में संरचनात्मक असमानता के बीच एक मजबूत संबंध को सामने ला दिया है. महिलाएं आज हर क्षेत्र में आगे हैं. महिलाएं खेतों में अनाज उगाने से लेकर भोजन को खेत से थाली तक लाने में सामर्थ हैं, लेकिन फिर भी दुनिया भर में उनके साथ भेदभाव होता है. सामाजिक मानदंडों द्वारा उन्हें पीछे रखा जाता है. उनके योगदान को मान्यता नहीं दी जाती है. आज महिलाओं की भूमिका कृषि-खाद्य प्रणालियों में काफी महत्वपूर्ण है लेकिन फिर भी कृषि-खाद्य प्रणालियों की पूरी श्रृंखला में उनके अस्तित्व को नकार दिया गया है. अब इस चलन को बदलने की जरूरत है.
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The Indian Government has given the call for “vocal for local”. We need to adapt this in the agri-food systems too. We need to change our consumption patterns. We need to go local not only for the sake of our health but for the health of the planet. pic.twitter.com/Otw7IQbujS
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उन्होंने आगे कहा कि कृषि को केवल व्यावसायिक विचार के आधार पर बढ़ावा नहीं दिया जा सकता क्योंकि इसका सामाजिक दायित्व मानवता के अस्तित्व के लिए महत्वपूर्ण है. मुर्मू ने कहा कि जलवायु परिवर्तन एक अस्तित्व पर खतरा है और उन्होंने जलवायु परिवर्तन मामले पर जोर देकर कहा कि 'हमें अब और तेजी से कार्य करने की जरूरत है.'
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President Droupadi Murmu inaugurated an International Research Conference on ‘From research to impact: Towards Just and Resilient Agri-Food Systems’ in New Delhi. The President said that the agri-food systems should be resilient and agile so that they can withstand shocks and… pic.twitter.com/R0J4j07OMz
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बता दें, चार दिवसीय सम्मेलन का आयोजन कंसोर्टियम ऑफ इंटरनेशनल एग्रीकल्चरल रिसर्च सेंटर्स (सीजीआईएआर) जेंडर इम्पैक्ट प्लेटफॉर्म और इंडियन काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा संयुक्त रूप से किया गया है. इस सम्मेलन में कृषि अनुसंधान (आईसीएआर) के कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी और शोभा करंदलाजे, कृषि सचिव मनोज आहूजा, आईसीएआर के महानिदेशक हिमांशु पाठक और सीजीआईएआर के कार्यकारी प्रबंध निदेशक एंड्रयू कैंपबेल और सीजीआईएआर जेंडर इम्पैक्ट के निदेशक निकोलिन डी हान शामिल हुए.