मधुबनी/बगहाः नेपाल के तराई क्षेत्रों में मूसलाधार बारिश के कारण कोसी नदी के जलस्तर में लगातार वृद्धि हो रही है. कोसी नदी में पानी में बढ़ता जा रहा है, जिससे इलाके में अब बाढ़ का खतरा प्रबल होता जा रहा है. देर रात 2:00 बजे भीमनगर कोसी बराज से 1 लाख 7 हजार 255 क्यूसेक पानी डिस्चार्ज किया गया है. उधर वाल्मीकिनगर गण्डक बराज से भी 1 लाख 26 हज़ार क्यूसेक पानी छोड़ा गया है. जिसके बाद गण्डक नदी के जलस्तर में तेजी से वृद्धि हो रही है.
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दर्जनों गांवों में बाढ़ का खतरा बढ़ा : इससे पहले शुक्रवार को भी भीम नगर कोसी बराज से 1,05, 065 क्यूसेक पानी छोड़ा गया था. पहले से ही कोसी नदी के बढ़ते पानी को लेकर जिले के मधेपुर प्रखंड के बकुआ पंचायत के रधिकापर में कटाव लगातार जारी है. गुडगांव बघवा के दर्जनों गांवों पर बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है. जबकि जल संसाधन विभाग द्वारा लाखों रुपये कटाव को रोकरने के लिए खर्च किए गई थे लेकिन उसके बावजूद भी कटाव नहीं रुक पा रहा है. इसे लेकर मधुबनी के कई प्रखंड के लोगों में काफी आक्रोश है.
निचले इलाकों में बढ़ सकती हैं मुश्किलेंः ग्रामीणों ने बताया कि अगर बाढ़ पूर्व कार्य सही से किया जाता तो यह स्थिति उत्पन्न नहीं होती. विभाग द्वारा सिर्फ खानापूर्ति की जाती है. बाढ़ आने के समय जल संसाधन विभाग सक्रिय हो जाता है. उससे पहले कोई ठोस व्यवस्था नहीं की जाती है. नेपाल में बारिश का सिस्टम ऐसे ही रहा तो कोसी नदी के जलस्तर में और वृद्धि देखने को मिलेगी और निचले इलाकों में एक मर्तबा फिर बाढ़ आने की पूरी संभावना होगी. इससे निचले इलाकों में रहने वाले लोगों की मुश्किल बढ़ सकती हैं.
गंडक नदी का जलस्तर भी बढ़ाः उधर वाल्मीकिनगर गंडक बराज से छोड़े गए 1 लाख 26 हजार क्यूसेक पानी के बाद गंडक नदी का जलस्तर भी बढ़ने लगा है. प्रशासन ने निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने का आदेश भी दिया है. एहतियात के तौर पर गंडक बराज के कर्मी ड्यूटी पर मुस्तैद हैं. अभियंताओं की टीम चौकस है. बराज नियंत्रण कक्ष में 4 शिफ्ट में मॉनिटरिंग हो रही है. वहीं, जलस्तर बढ़ने के बाद बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के लाेगाें के मन में डर बैठ गया है. आपको बता दें कि गंडक बराज की कैपेसिटी 8 लाख क्यूसेक की है.