पटनाः आरजेडी सांसद मनोज झा के ठाकुर वाली कविता विवाद के बाद बाहुबली आनंद मोहन चर्चा में हैं. आज उन्होंने सीएम नीतीश से मुलाकात की है. आनंद मोहन इससे पहले लालू प्रसाद यादव से भी मिलने गए थे लेकिन लालू प्रसाद यादव ने आनंद मोहन से मुलाकात नहीं की थी. इसकी नाराजगी भी कहीं ना कहीं थी और उसके बाद ठाकुर कविता विवाद ने बिहार में सियासी हलचल पैदा कर दी है.
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पटना में सीएम नीतीश से मिले आंनद मोहनः दरअसल, ठाकुर वाली कविता को लेकर राजद की तरफ से सांसद मनोज झा का बचाव किया गया है. वहीं जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने भी बचाव किया था. हालांकि जदयू के कई मंत्रियों ने यह बयान जरूर दिया था किसी को भी सार्वजनिक रूप से ऐसा बयान नहीं देना चाहिए, जिससे कोई वर्ग आहत हो, लेकिन आज अचानक आनंद मोहन और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मुलाकात को लेकर कई तरह के कयास लग रहे हैं.
अपर कास्ट वोट बैंक को लेकर सियासतः जेल से रिहाई के बाद संभवत: नीतीश कुमार से आनंद मोहन की यह दूसरी मुलाकात है. आनंद मोहन के बेटे चेतन आनंद राजद के विधायक हैं. आनंद मोहन नवंबर में एक बड़ी रैली करने वाले हैं और उससे पहले पूरे बिहार में घूम कर माहौल बना रहे हैं. हाल ही में जातीय गणना की रिपोर्ट भी जारी हुई है तो अपर कास्ट के वोट बैंक को लेकर भी बिहार में सियासत हो रही है.
क्या हैं मुलाकात के सियासी मायने?: बता दें कि आनंद मोहन राजपूतों के बड़े नेता के रूप में जाने जाते हैं. यही वजह है कि इस मुलाकात को महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि नीतीश कुमार आनंद मोहन से मिलने के बाद तेजस्वी यादव से भी मिले हैं, तो कहीं ना कहीं लालू प्रसाद यादव की जो नाराजगी है. उसको दूर करने की कोशिश हो रही है.