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विधानसभा चुनाव की घोषणा के साथ रैलियों के आयोजन पर लगे प्रतिबंध : एसवाई कुरैशी

देश में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों (Omicron cases) के बीच उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब सहित पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव (assembly election 2022) कराए जाने की संबंध में पूर्व मुख्य निर्वाचन आयुक्त एसवाई कुरैशी (Former CEC SY Quraishi) ने कहा कि कोविड-19 संबंधी दिशा-निर्देशों के मुताबिक यदि चुनाव कराए जाएं तो कोई दिक्कत नहीं है. साथ ही उन्होंने रैलियों के आयोजन पर प्रतिबंध लगाने की वकालत की. पढ़ें पूरी खबर.

Former CEC SY Quraishi
पूर्व मुख्य निर्वाचन आयुक्त एसवाई कुरैशी
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Published : Jan 2, 2022, 3:48 PM IST

नई दिल्ली : देश में कोरोना वायरस और इसके नए स्वरूप ओमीक्रोन (Omicron cases) के बढ़ते मामलों के बीच निर्वाचन आयोग ने उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब सहित पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव (assembly election 2022) की तैयारियों को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है. सभी दल अभी से बड़ी-बड़ी रैलियां आयोजित कर रहे हैं और इन रैलियों में भारी भीड़ भी उमड़ रही है. ऐसे में आगामी चुनावों को लेकर कई तरह के सवाल भी उठ रहे हैं. पूर्व मुख्य निर्वाचन आयुक्त एसवाई कुरैशी (Former CEC SY Quraishi) ने कहा है कि महामारी के बीच रैलियों का आयोजन (ban on organizing rallies) खतरनाक है.

विधानसभा चुनाव कराने को लेकर कुरैशी ने एक इंटरव्यू में कहा कि महामारी के दौरान कई मुल्कों में चुनाव हुए हैं. अपने यहां भी बिहार से लेकर पश्चिम बंगाल और केरल से लेकर तमिलनाडु तक कई राज्यों में विधानसभा के चुनाव हो चुके हैं. कोविड-19 संबंधी दिशा-निर्देशों के मुताबिक, यदि चुनाव कराए जाएं तो कोई दिक्कत नहीं है. रैलियों का आयोजन खतरनाक है. ये बंद होनी चाहिए.

नेताओं द्वारा बड़ी-बड़ी रैलियां करने और रात में कर्फ्यू लगाने के फैसले पर एसवाई कुरैशी ने कहा, 'दिन में रैली और रात में कर्फ्यू का कोई मतलब नहीं होता है. इससे तो कोई समाधान निकलने वाला नहीं है. इससे संक्रमण थोड़ा ही रुकने वाला है.'

चुनाव के दौरान कोरोना संक्रमण रोकने में निर्वाचन आयोग की भूमिका को लेकर उन्होंने कहा, 'निर्वाचन आयोग तो बाद में पिक्चर में आएगा, जब चुनावों की घोषणा हो जाएगी और आचार संहिता लागू हो जाएगी. इससे पहले तो सरकार को कदम उठाने चाहिए. अभी तो सरकार के ही नियम कानून लागू हैं. रात में कर्फ्यू तो सरकार ने ही लगाया है. सरकार को चाहिए वह इन रैलियों के आयोजन पर रोक लगाए. चुनावों की घोषणा के बाद निर्वाचन आयोग को पहला काम इन रैलियों पर प्रतिबंध लगाने का करना चाहिए.'

चुनावों के दौरान निर्वाचन आयोग द्वारा निर्धारित कोरोना प्रोटोकॉल के उल्लंघन के संबंध में उन्होंने कहा, 'निर्वाचन आयोग के प्रोटोकॉल बहुत ही अच्छे हैं. इसका क्रियान्वयन अच्छे ढंग से होना चाहिए. अगर यह नहीं होता है तो कोताही है, लापरवाही है. हर सूरत में निर्धारित प्रोटोकॉल का पालन होना चाहिए. आयोग को हर स्थिति में यह सुनिश्चित करना होगा.'

यह भी पढ़ें- पंजाब में 'आप' की सरकार बनी तो कच्चे सफाईकर्मी किए जाएंगे पक्के : केजरीवाल

कोविड महामारी के बीच चुनाव कम चरणों में कराए जाने के संबंध में पूर्व मुख्य निर्वाचन आयुक्त कुरैशी ने कहा, 'निर्वाचन आयोग को इस पर गौर करना चाहिए तथा सरकार को इसमें सहयोग देना चाहिए. एक ही बार में सुरक्षा संबंधी सभी इंतजाम किए जा सकते हैं. यदि सरकार इसकी व्यवस्था कर दे तो कम से कम चरण या फिर एक या दो चरण में मतदान संपन्न हो सकता है.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : देश में कोरोना वायरस और इसके नए स्वरूप ओमीक्रोन (Omicron cases) के बढ़ते मामलों के बीच निर्वाचन आयोग ने उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब सहित पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव (assembly election 2022) की तैयारियों को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है. सभी दल अभी से बड़ी-बड़ी रैलियां आयोजित कर रहे हैं और इन रैलियों में भारी भीड़ भी उमड़ रही है. ऐसे में आगामी चुनावों को लेकर कई तरह के सवाल भी उठ रहे हैं. पूर्व मुख्य निर्वाचन आयुक्त एसवाई कुरैशी (Former CEC SY Quraishi) ने कहा है कि महामारी के बीच रैलियों का आयोजन (ban on organizing rallies) खतरनाक है.

विधानसभा चुनाव कराने को लेकर कुरैशी ने एक इंटरव्यू में कहा कि महामारी के दौरान कई मुल्कों में चुनाव हुए हैं. अपने यहां भी बिहार से लेकर पश्चिम बंगाल और केरल से लेकर तमिलनाडु तक कई राज्यों में विधानसभा के चुनाव हो चुके हैं. कोविड-19 संबंधी दिशा-निर्देशों के मुताबिक, यदि चुनाव कराए जाएं तो कोई दिक्कत नहीं है. रैलियों का आयोजन खतरनाक है. ये बंद होनी चाहिए.

नेताओं द्वारा बड़ी-बड़ी रैलियां करने और रात में कर्फ्यू लगाने के फैसले पर एसवाई कुरैशी ने कहा, 'दिन में रैली और रात में कर्फ्यू का कोई मतलब नहीं होता है. इससे तो कोई समाधान निकलने वाला नहीं है. इससे संक्रमण थोड़ा ही रुकने वाला है.'

चुनाव के दौरान कोरोना संक्रमण रोकने में निर्वाचन आयोग की भूमिका को लेकर उन्होंने कहा, 'निर्वाचन आयोग तो बाद में पिक्चर में आएगा, जब चुनावों की घोषणा हो जाएगी और आचार संहिता लागू हो जाएगी. इससे पहले तो सरकार को कदम उठाने चाहिए. अभी तो सरकार के ही नियम कानून लागू हैं. रात में कर्फ्यू तो सरकार ने ही लगाया है. सरकार को चाहिए वह इन रैलियों के आयोजन पर रोक लगाए. चुनावों की घोषणा के बाद निर्वाचन आयोग को पहला काम इन रैलियों पर प्रतिबंध लगाने का करना चाहिए.'

चुनावों के दौरान निर्वाचन आयोग द्वारा निर्धारित कोरोना प्रोटोकॉल के उल्लंघन के संबंध में उन्होंने कहा, 'निर्वाचन आयोग के प्रोटोकॉल बहुत ही अच्छे हैं. इसका क्रियान्वयन अच्छे ढंग से होना चाहिए. अगर यह नहीं होता है तो कोताही है, लापरवाही है. हर सूरत में निर्धारित प्रोटोकॉल का पालन होना चाहिए. आयोग को हर स्थिति में यह सुनिश्चित करना होगा.'

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कोविड महामारी के बीच चुनाव कम चरणों में कराए जाने के संबंध में पूर्व मुख्य निर्वाचन आयुक्त कुरैशी ने कहा, 'निर्वाचन आयोग को इस पर गौर करना चाहिए तथा सरकार को इसमें सहयोग देना चाहिए. एक ही बार में सुरक्षा संबंधी सभी इंतजाम किए जा सकते हैं. यदि सरकार इसकी व्यवस्था कर दे तो कम से कम चरण या फिर एक या दो चरण में मतदान संपन्न हो सकता है.

(पीटीआई-भाषा)

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