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कच्चे तेल के दाम गिरने पर सरकार ने पेट्रोल-डीजल पर टैक्स और सेस बढ़ाया, जो अब चिंतनीय है : शक्तिकांत दास

रिजर्व बैंक ने वाहन ईंधन पर ऊंचे अप्रत्यक्ष करों (high indirect taxes) के मुद्रास्फीति प्रभाव (inflationary impact ) को लेकर रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास (RBI Governor Shaktikanta Das) ने कहा कि इस मुद्दे पर फैसला सरकार को करना है. उन्होंने कहा कि पेट्रोल, डीजल के दाम रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचने से आम लोग परेशान हैं.

शक्तिकांत दास
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Published : Oct 8, 2021, 5:40 PM IST

मुंबई : रिजर्व बैंक ने वाहन ईंधन पर ऊंचे अप्रत्यक्ष करों (high indirect taxes) के मुद्रास्फीति प्रभाव (inflationary impact ) को लेकर चिंता जताई है. रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास (RBI Governor Shaktikanta Das) ने शुक्रवार को कहा कि इस मुद्दे पर फैसला सरकार को करना है. उल्लेखनीय है कि पेट्रोल, डीजल के दाम रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचने से आम लोग परेशान हैं.

दास ने द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा की घोषणा के अवसर पर दूसरी बार सार्वजनिक तौर पर इस मुद्दे को लेकर चिंता जताई है. पिछली मौद्रिक समीक्षा बैठक में भी उन्होंने वाहन ईंधन कीमतों को लेकर चिंता जताई थी. हालांकि, इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार ने दलहन और खाद्य तेलों आदि के मामले में आपूर्ति पक्ष के मुद्दों को हल किया है.

उल्लेखनीय है कि पिछले साल वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल के दामों में भारी गिरावट (sharp dip in global crude prices) के बाद सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर शुल्कों और उपकर में भारी बढ़ोतरी की थी. इससे सरकार के राजस्व संग्रह (revenue collections) में काफी वृद्धि हुई है.

इस समय देश में पेट्रोल 100 रुपये के पार हो चुका है. वहीं डीजल शतक के करीब है.

दास ने मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक के बाद संवाददाताओं से बातचीत में कहा, 'ईंधन पर अप्रत्यक्ष करों के अलावा कई अन्य मुद्दे हैं जिनपर फैसला सरकार को करना है. सरकार और रिजर्व बैंक इन मुद्दों पर लगातार बातचीत करते रहते हैं. हम सरकार को समय-समय पर अपनी चिंता से अवगत कराते हैं.'

उन्होंने कहा कि जहां तक पेट्रोल और डीजल की बात है, हम इस मुद्दे पर चिंता जता चुके हैं. 'अब इस पर फैसला सरकार को करना है. इससे अधिक मैं कुछ नहीं कह सकता.'

उन्होंने सरकार द्वारा आपूर्ति पक्ष की अड़चनों को दूर करने के लिए उठाए गए अन्य कदमों की सराहना की. दास ने बताया कि अब सरकार दलहनों के आयात (import of pulses ) के लिए कुछ पड़ोसी देशों के साथ बातचीत कर रही है.

पढ़ें - डीआरआई ने जब्त की 125 करोड़ रुपये की हेरोइन, एक गिरफ्तार

उल्लेखनीय है कि रिजर्व बैंक को मुद्रास्फीति को चार प्रतिशत (दो प्रतिशत ऊपर या नीचे) के दायरे में रखने का लक्ष्य दिया गया है.

केंद्र सरकार पूर्व में कह चुकी है कि वाहन ईंधन पर करों में कटौती (cutting fuel taxes) के लिए केंद्र और राज्यों की ओर से सामूहिक कार्रवाई की जरूरत है और यह भी कहा कि यूपीए सरकार के तहत अतीत में जारी किए गए तेल बांडों के कारण इसे उच्च कर एकत्र करने के लिए मजबूर होना पड़ा है.

मुंबई : रिजर्व बैंक ने वाहन ईंधन पर ऊंचे अप्रत्यक्ष करों (high indirect taxes) के मुद्रास्फीति प्रभाव (inflationary impact ) को लेकर चिंता जताई है. रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास (RBI Governor Shaktikanta Das) ने शुक्रवार को कहा कि इस मुद्दे पर फैसला सरकार को करना है. उल्लेखनीय है कि पेट्रोल, डीजल के दाम रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचने से आम लोग परेशान हैं.

दास ने द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा की घोषणा के अवसर पर दूसरी बार सार्वजनिक तौर पर इस मुद्दे को लेकर चिंता जताई है. पिछली मौद्रिक समीक्षा बैठक में भी उन्होंने वाहन ईंधन कीमतों को लेकर चिंता जताई थी. हालांकि, इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार ने दलहन और खाद्य तेलों आदि के मामले में आपूर्ति पक्ष के मुद्दों को हल किया है.

उल्लेखनीय है कि पिछले साल वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल के दामों में भारी गिरावट (sharp dip in global crude prices) के बाद सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर शुल्कों और उपकर में भारी बढ़ोतरी की थी. इससे सरकार के राजस्व संग्रह (revenue collections) में काफी वृद्धि हुई है.

इस समय देश में पेट्रोल 100 रुपये के पार हो चुका है. वहीं डीजल शतक के करीब है.

दास ने मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक के बाद संवाददाताओं से बातचीत में कहा, 'ईंधन पर अप्रत्यक्ष करों के अलावा कई अन्य मुद्दे हैं जिनपर फैसला सरकार को करना है. सरकार और रिजर्व बैंक इन मुद्दों पर लगातार बातचीत करते रहते हैं. हम सरकार को समय-समय पर अपनी चिंता से अवगत कराते हैं.'

उन्होंने कहा कि जहां तक पेट्रोल और डीजल की बात है, हम इस मुद्दे पर चिंता जता चुके हैं. 'अब इस पर फैसला सरकार को करना है. इससे अधिक मैं कुछ नहीं कह सकता.'

उन्होंने सरकार द्वारा आपूर्ति पक्ष की अड़चनों को दूर करने के लिए उठाए गए अन्य कदमों की सराहना की. दास ने बताया कि अब सरकार दलहनों के आयात (import of pulses ) के लिए कुछ पड़ोसी देशों के साथ बातचीत कर रही है.

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उल्लेखनीय है कि रिजर्व बैंक को मुद्रास्फीति को चार प्रतिशत (दो प्रतिशत ऊपर या नीचे) के दायरे में रखने का लक्ष्य दिया गया है.

केंद्र सरकार पूर्व में कह चुकी है कि वाहन ईंधन पर करों में कटौती (cutting fuel taxes) के लिए केंद्र और राज्यों की ओर से सामूहिक कार्रवाई की जरूरत है और यह भी कहा कि यूपीए सरकार के तहत अतीत में जारी किए गए तेल बांडों के कारण इसे उच्च कर एकत्र करने के लिए मजबूर होना पड़ा है.

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