हैदराबाद : भारत सरकार ने तीन दिन पहले अमेरिकी अरबपति व्यवसायी एलन मस्क की कंपनी Star Link Internet Service की सेवाओं पर प्रतिबंध लगा दिया. भारत सरकार के संचार मंत्रालय ने स्टारलिंक को नोटिस देकर भारत में तत्काल प्रभाव से इंटरनेट सेवाएं बुक करने एवं सेवाएं देने पर रोक लगा दी. संचार मंत्रालय ने कहा कि स्टारलिंक इंटरनेट सर्विसेज (Starlink Internet Service) के पास भारत में सैटेलाइट बेस्ड इंटरनेट सर्विस का लाइसेंस नहीं है. कंपनी ने यह जानकारी उपभोक्ताओं को नहीं दी है. सरकार ने स्टारलिंक इंटरनेट सविर्सेज को नोटिस जारी कर रेगुलेटरी कंप्लायंस का पालन करने की हिदायत दी है. मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि अगर कंपनी भारत में सैटेलाइट बेस्ड इंटरनेट सर्विस देना चाहती है तो इसे भारतीय नियमों का पालन करना होगा.
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It is noticed that M/s #Starlink (https://t.co/xscnDS4Cnn) has started pre-selling/booking of #satellite based #Internet Services in India without any #license/authorization.
— DoT India (@DoT_India) November 26, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
Public is advised not to subscribe to Starlink services being advertised. #GatiShakti #spacex @SpaceX
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— DoT India (@DoT_India) November 26, 2021
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1740 सैटेलाइट लॉन्च कर चुकी है स्टारलिंक इंटरनेट सर्विसेज
एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स है, जो उपग्रहों को लॉन्च करती है. स्पेसएक्स इंटरनेट सेवा देने वाली अपनी सब्सिडरी कंपनी स्टारलिंक के लिए फाल्कन 9 रॉकेट के जरिये1,740 सैटेलाइट को लॉन्च कर चुकी है. ये उपग्रह धरती की निचली कक्षा में घूम रहे हैं. तकनीकी तौर से ये सैटेलाइट विश्व के अधिकतर हिस्से को कवर करते हैं. इसके माध्यम से वायरलेस हाई स्पीड इंटरनेट की सुविधा दी जाती है. डाउनलोड स्पीड क़रीब 150-200 एमबीपीएस और अपलोड स्पीड 10-20 एमबीपीएस होती है. फरवरी 2021 में एलन मस्क ने दावा किया था कि स्टारलिंक अपनी टॉप स्पीड दोगुनी करके 300 एमबीपीएस कर लेगी.
मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक, एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स इंटरनेट की अधिकतम स्पीड को हासिल करने के लिेए 29,988 स्टारलिंक सैटेलाइट का जाल बिछाने की योजना बना रही है. जेनरेशन-2 के हजारों सैटेलाइट धरती की कक्षा में 340 किलोमीटर से 614 किलोमीटर की ऊंचाई पर होंगे. जिसके जरिए स्टारलिंक इंटरनेट सर्विसेज दुनियाभर को इंटरनेट प्रोवाइड करेगी.
क्या है भारत में इंटरनेट प्रोवाइडर के लिए नियम
स्टारलिंक इंटरनेट सविर्सेज की सर्विस उन देशों को मिल सकती है जो स्पेसएक्स को अपने अधिकार क्षेत्र में इंटरनेट एक्सेस प्रदान करने के लिए अधिकृत करते हैं. भारत में टेलिकॉम रेग्युलेटरी नियम के मुताबिक, स्टारलिंक इंटरनेट सर्विसेज (Starlink Internet Service) के पास भारत में सैटेलाइट बेस्ड इंटरनेट सर्विस का लाइसेंस नहीं है. कंपनी को भारत में इंटरनेट सर्विस शुरू करने से पहले संचार मंत्रालय से लाइसेंस हासिल करना होगा. हालांकि स्टारलिंक के पास अपने सैटेलाइट हैं, इसलिए उसे सरकार को स्पेक्ट्रम चार्ज आदि का भुगतान करने की जरूरत नहीं पड़ेगी.
भारत में 2022 तक काम शुरू करना चाहती है स्टारलिंक
स्टारलिंक कंपनी के कंट्री डायरेक्टर संजय भार्गव ने हाल में दावा किया था कि स्टारलिंक की सर्विस हासिल करने के इच्छुक 5,000 से अधिक लोगों ने एडवांस बुकिंग कर चुके हैं. अभी कंपनी 99 डॉलर का ऑफर भी लाई थी. यह सर्विस केवल सर्विस तकनीक पर काम करती है. कंपनी उपभोक्ता की छत पर लगाने के लिए डिश एंटेना मुहैया कराती है, जो सैटेलाइट से सिग्नल रिसीव करता है. फिलहाल भारत सरकार के आदेश पर इसकी सर्विस रुक चुकी है. मगर उम्मीद जताई जा रही है कि स्टारलिंक जल्द ही लाइसेंस हासिल कर लेगी.