ETV Bharat / bharat

दुधवा टाइगर रिजर्व की कार्बन क्रेडिट से हर साल होगी करोड़ों की कमाई - Kyoto Protocol on Carbon Credits and Trade

जलवायु परिवर्तन पर पेरिस समझौते और कार्बन क्रेडिट एवं व्यापार पर क्योटो प्रोटोकॉल के हिस्से के रूप में डीटीआर को 'कार्बन क्रेडिट' प्रमाण पत्र हासिल करने में मदद मिली. पढ़ें पूरी खबर...

दुधवा
दुधवा
author img

By

Published : Sep 24, 2021, 3:50 PM IST

लखीमपुर खीरी (उप्र) : जलवायु परिवर्तन पर पेरिस समझौते और कार्बन क्रेडिट एवं व्यापार पर क्योटो प्रोटोकॉल के हिस्से के रूप में दुधवा टाइगर रिजर्व (डीटीआर) द्वारा अपनाए गए ग्रीनहाउस गैस (सीएचजी) नियंत्रण उपायों के दम पर डीटीआर को 'कार्बन क्रेडिट' प्रमाण पत्र हासिल करने में मदद मिली, जिसे घरेलू और वैश्विक बाजारों में भुनाया जा सकता है.

दुधवा टाइगर रिजर्व के 'फील्ड' निदेशक संजय कुमार पाठक ने 'पीटीआई-भाषा' को बताया कि इस सप्ताह की शुरुआत में दुधवा टाइगर कंजर्वेशन फाउंडेशन (डीटीसीएफ) की शासी निकाय की बैठक के दौरान कार्बन बाजार में कार्बन क्रेडिट प्रमाणपत्रों को भुनाने का निर्णय किया गया था.

उन्होंने बताया कि इस प्रमाण पत्र से मिलने वाली धनराशि क्षेत्र के विकास खर्च की जाएगी. अगले एक-दो साल में क्रेडिट प्रमाण पत्रों से डीटीआर को 10 से 15 करोड़ रुपये की आय होने और दुधवा पर्यटन और इसके जंगलों एवं वन्य जीवों के संरक्षण को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है.

पढ़ें :- टाटा स्टील ने शुरू किया भारत का पहला कार्बन कैप्चर प्रोजेक्ट्स

पाठक ने बातया कि डीटीसीएफ राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) और ऊर्जा और संसाधन संस्थान (ईआरआई) के सक्रिय समर्थन से 'कार्बन बाजार' में कार्बन क्रेडिट प्रमाणपत्रों को भुनाया जाएगा. विकसित देश जलवायु परिवर्तन पर पेरिस समझौते का पालन करने के लिए भारत जैसे विकासशील देशों से 'कार्बन क्रेडिट' प्रमाणपत्र खरीदने को उत्सुक हैं.

(पीटीआई-भाषा)

लखीमपुर खीरी (उप्र) : जलवायु परिवर्तन पर पेरिस समझौते और कार्बन क्रेडिट एवं व्यापार पर क्योटो प्रोटोकॉल के हिस्से के रूप में दुधवा टाइगर रिजर्व (डीटीआर) द्वारा अपनाए गए ग्रीनहाउस गैस (सीएचजी) नियंत्रण उपायों के दम पर डीटीआर को 'कार्बन क्रेडिट' प्रमाण पत्र हासिल करने में मदद मिली, जिसे घरेलू और वैश्विक बाजारों में भुनाया जा सकता है.

दुधवा टाइगर रिजर्व के 'फील्ड' निदेशक संजय कुमार पाठक ने 'पीटीआई-भाषा' को बताया कि इस सप्ताह की शुरुआत में दुधवा टाइगर कंजर्वेशन फाउंडेशन (डीटीसीएफ) की शासी निकाय की बैठक के दौरान कार्बन बाजार में कार्बन क्रेडिट प्रमाणपत्रों को भुनाने का निर्णय किया गया था.

उन्होंने बताया कि इस प्रमाण पत्र से मिलने वाली धनराशि क्षेत्र के विकास खर्च की जाएगी. अगले एक-दो साल में क्रेडिट प्रमाण पत्रों से डीटीआर को 10 से 15 करोड़ रुपये की आय होने और दुधवा पर्यटन और इसके जंगलों एवं वन्य जीवों के संरक्षण को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है.

पढ़ें :- टाटा स्टील ने शुरू किया भारत का पहला कार्बन कैप्चर प्रोजेक्ट्स

पाठक ने बातया कि डीटीसीएफ राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) और ऊर्जा और संसाधन संस्थान (ईआरआई) के सक्रिय समर्थन से 'कार्बन बाजार' में कार्बन क्रेडिट प्रमाणपत्रों को भुनाया जाएगा. विकसित देश जलवायु परिवर्तन पर पेरिस समझौते का पालन करने के लिए भारत जैसे विकासशील देशों से 'कार्बन क्रेडिट' प्रमाणपत्र खरीदने को उत्सुक हैं.

(पीटीआई-भाषा)

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.